मुंबई: कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित मुंबई पर चक्रवात निसारगा का खतरा मंडरा रहा है. महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाकों की ओर पहुंच रहा तूफान निसारगा अगले 12 घंटों में चक्रवाती तूफान में बदलने वाला है. यह तूफान बुधवार को मुंबई के करीबी तटीय इलाकों से टकरा सकता है. मुंबई में ऐसा साल 1882 के बाद दूसरी बार ऐसा होगा, जब कोई चक्रवाती तूफान यहां पहुंचेगा. मुंबई पहले ही 41,000 कोरोनावायरस मामलों से जूझ रही है.
मौसम विभाग ने कहा है कि इस तूफान के अगले छह घंटों में उत्तरी दिशा में बढ़ने की आशंका है और उसके बाद यह उत्तर-उत्तरपूर्वी दिशा में बढ़ सकता है, जिसके बाद यह 3 जून की दोपहर तक उत्तरी महाराष्ट्र से लगते दक्षिणी गुजरात के हरिहरेश्वर (रायगढ़, महाराष्ट्र) और दमन के बीच के तटीय इलाकों तक पहुंच सकता है.
पिछले छह घंटों में पूर्वी-मध्य अरब सागर में बन रहा दबाव 11 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर की ओर बढ़ा है. मंगलवार की सुबह साढ़े पांच बजे तक यह दबाव और तेज हुआ है, जिसके बाद अभी इसका सेंटर पंजिम (गोवा) से 280 किमी पश्चिम-दक्षिणी पश्चिम, मुंबई (महाराष्ट्र) से 490 किमी दक्षिण-दक्षिणी पश्चिम और सूरत (गुजरात) से 710 किमी के दक्षिण-दक्षिणी पश्चिम में अरब सागर में केंद्र पर है.
मौसम विभाग का कहना है कि इस समुद्री तूफान में दो मीटर से ज्यादा ऊंची लहरें उठ सकती हैं और ये लहरें लैंडफॉल के दौरान मुंबई, ठाणे और रायगढ़ जिले के निचले तटीय इलाकों से टकराएंगी. मछुआरों को इसके लिए अलर्ट कर दिया गया है और समुद्र से वापस आने को कहा गया है. चेतावनी जारी की गई है कि तूफान से झोपड़ियों और कमजोर घरों को नुकसान पहुंच सकता है, वहीं पॉवर और कम्यूनिकेशन लाइन डाउन हो सकती है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के ऑफिस के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री ठाकरे से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य की तैयारियों पर चर्चा की थी. सरकार की ओर से जानकारी दी गई है कि ऐसे अस्पताल जहां कोविड-19 के मरीजों का इलाज नहीं हो रहा है, उन्हें चक्रवात से प्रभावित होने वाले लोगों की मदद के लिए तैयार किया जा रहा है. यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि तूफान के चलते बिजली की सप्लाई में रुकावट न आए.
National Disaster Response Force (NDRF) की 31 टीमों को महाराष्ट्र और गुजरात में तैनात किया गया है. बता दें कि NDRF की एक टीम में 45 लोग होते हैं. NDRF के डायरेक्टर जनरल एसएन प्रधान ने कहा, ‘निसर्ग एक भीषण चक्रवाती तूफान है और हमारा अनुमान है कि इस दौरान 90-100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी, जो कि हम मैनेज कर सकते हैं, लेकिन फिर भी हम बचाव के तौर पर महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाकों से लोगों को निकालने जा रहे हैं.’
Monsoon Update: देश की अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करेगा मानसून! जल्द दिल्ली-NCR में हो सकती है तेज बारिश
आज इन राज्यों में हो सकती है बारिश
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले दो घंटों में दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में आंधी और बारिश का अनुमान जताया है. मौसम विभाग के अनुसार अगले दो घंटों के दौरान हरियाणा के करनाल, सोनीपत और पानीपत को अलावा उत्तर प्रदेश के शामली, बागपत, गाजियाबाद, मोदीनगर, मेरठ और दिल्ली के कई स्थानों पर बारिश होने की संभावना है. इस दौरान 20-40 किमी प्रति घंटे की गति से आंधी चलेगी. मौसम विभाग ने मंगलवार को दिल्ली में बहुत हल्की बारिश या गरज के साथ हल्की बारिश का अनुमान जताया है.
देश की अर्थव्यवस्था के लिए वरदान साबित हो सकता है मानसून
यह देश के किसानों और खासकर सरकार के लिए बेहद राहत की खबर है. कोरोना वायरस (Coronavirus) ने देश की अर्थव्यवस्था को जो जख्म दिए हैं, उन्हें भरने में मॉनसून किसी मलहम का काम करेगा. बंपर फसल उत्पादन के लिए मॉनसून कितना जरूरी है, इसका अंदाजा इस बात से लगाइए कि देश की आधे से ज्यादा खेतिहर जमीन पर यह बारिश कराता है. अर्थव्यवस्था को इससे कितना फायदा पहुंचेगा, ये तो बाद में पता चलेगा मगर असर जरूर होगा. क्योंकि देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का करीब 45 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण अर्थव्यवस्था है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था के योगदान को देखते हुए कृषि सेक्टर बेहद अहम है. और कृषि क्षेत्र के लिए मॉनसून अमृत की तरह है क्योंकि इससे खेत सीधे सींच जाते हैं और रिजर्वायर भी भरे रहते हैं. भले ही इससे भारतीय अर्थव्यवस्था का रुख पूरी तरह से न बदले, खाद्यान्न कीमतों पर इसका सकरात्मक असर होगा.