वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से की बात, COVID-19 को फैलने से रोकने पर चर्चा की

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि सतर्कता सबसे महत्वपूर्ण है. उन्होंने दहशत में न आने की जरूरत पर जोर दिया. वीडियो कॉन्फ्रेंस में शरीक होने वालों में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे, उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ शामिल हैं.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोदी ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के तरीकों पर वीडियो लिंक के जरिये कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा की. उन्होंने मुख्यमंत्रियों को ‘सामाजिक मेलजोल से दूर रहने’ के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने का शुक्रवार को अनुरोध करते हुए कहा कि यह कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिये सबसे महत्वपूर्ण उपाय है.

 

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक उन्होंने कहा कि इस महामारी का खतरा सभी राज्यों के लिये समान है और उन्होंने केंद्र और राज्यों के साथ मिल कर काम करने की जरूरत पर जोर दिया. पीएम मोदी ने सुझाव दिया कि मुख्यमंत्रियों को अपने-अपने राज्यों में व्यापार संघों के साथ वीडियो कांफ्रेंस करनी चाहिए, ताकि कालाबाजारी और अनुचित मूल्यवृद्धि रोकी जा सके.

बयान में कहा गया है, ‘‘उन्होंने उनसे समझाने बुझाने और कानूनी प्रावधानों का उपयोग करने का अनुरोध किया.’’ अपने प्रजेंटेशन के दौरान मुख्यमंत्रियों ने जांच सुविधाएं बढ़ाने, जोखिम वाले तबकों की व्यापक सहायता करने, 2020-21 के लिये राज्यों को वित्तीय भुगतान समय से पहले करने और बड़ी संख्या में निजी प्रयोगशालाओं और अस्पतालों को शामिल करने का अनुरोध किया.

 

पीएम मोदी ने दशहत में नहीं आने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इस वायरस के दुनिया भर में फैलने के चलते निरंतर सतर्कता सर्वोच्च महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि इस वायरस का मुकाबला करने में जन भागीदारी महत्वपूर्ण है.

 

वीडियो कांफ्रेंस में शरीक होने वालों में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे, उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ शामिल हैं.

 

प्रधानमंत्री इस वायरस को फैलने से रोकने के लिये जन भागीदारी और स्थानीय लोगों के शामिल होने की हिमायत कर रहे हैं. बयान के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों के साथ जारी सहयोग, अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की निगरानी, वायरस के प्रसार का पता लगाने के लिये सामुदायिक निगरानी का उपयोग, जांच उपकरण, यात्रा प्रतिबंध और विदेशों से भारतीय नागरिकों को निकाल कर लाने का एक विवरण दिया.

 

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि भारत फिलहाल संक्रमण के दूसरे चरण में है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस वक्त देश तीसरे चरण में संक्रमण के खतरे को कम करने के लिये कार्रवाई करने की ओर अग्रसर है. उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं के न्यायपूर्ण उपयोग के महत्व के बारे में और पृथक केंद्रों की संख्या तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करने के बारे में बातें की.

 

बयान के मुताबिक मुख्यमंत्रियों ने इस वायरस से लड़ने में राज्यों को केंद्र के सहयोग को लेकर प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा किया और राष्ट्र के नाम मोदी के संबोधन के प्रभाव की भी सराहना की. उन्होंने अपने-अपने राज्यों में अब तक की गई तैयारियों के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी और भरोसा दिलाया कि वे इस महामारी का मुकाबला करने में केंद्र के साथ मिल कर काम करेंगे.

 

प्रधानमंत्री ने राज्यों द्वारा उठाये गये कदमों की सराहना की और अपने अनुभव साझा करने और सुझाव देने को लेकर उनका शुक्रिया अदा किया. उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों के क्षमता निर्माण और स्वास्थ्य ढांचे बढ़ाने की फौरी जरूरत के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा गठित ‘ कोविड-19 आर्थिक कार्य बल’ आर्थिक चुनौती से प्रभावी ढंग से निपटने के लिये रणनीति तैयार करेगा.

 

पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि हर आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं और देश में बड़े पैमाने पर नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये सभी परामर्श का पालन किया जाए.

 

गौरतलब है कि मोदी ने गुरुवार रात आठ बजे करीब आधे घंटे के राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कोरोना वायरस के चलते पैदा हुए संकट का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था, ‘‘यह जरूरी है कि प्रत्येक भारतीय सतर्क और सावधान रहे.’’ उन्होंने रविवार को सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक लोगों से ‘‘जनता कर्फ्यू ’’ का भी आह्वान किया.

 

प्रधानमंत्री ने इस बात का जिक्र किया कि इस महामारी से प्रभावित देशों के अध्ययनों से यह खुलासा हुआ है कि यह कुछ दिनों बाद तेजी से फैलने लगा और इस वायरस संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी.

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