ब्रिक्स बिजनेस फोरम: पीएम मोदी ने दिया कारोबार बढ़ाने का मंत्र, कहा- भारत दुनिया की सबसे खुली अर्थव्यवस्था

ब्रिक्स में भारत के अलावा ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका समेत पांच देश शामिल हैं. आबादी के हिसाब से देखें तो विश्व की 42 फीसदी आबादी ब्रिक्स देशों में रहती है, वहीं विश्व की जीडीपी में 23 फीसदी हिस्सेदारी ब्रिक्स देशों की है.

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ब्रासीलियाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए ब्राजील के दौरे पर हैं. पीएम मोदी ने कल ब्राजील की राजधानी ब्रजीलिया में हो रहे ब्रिक्स बिजनेस फोरम की क्लोजिंग सेरेमनी को संबोधित किया. इस दौरान फोरम के मंच से पीएम मोदी ने विश्व में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए ब्रिक्स देशों को बिजनेस मंत्र दिए. मोदी ने कहा कि विश्व में मंदी के बावजूद ब्रिक्स देशों ने आर्थिक विकास को गति दी है.

 

विश्व की आर्थिक वृद्धि में ब्रिक्स देशों का हिस्सा 50%- मोदी

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘’विश्व की आर्थिक वृद्धि में ब्रिक्स देशों का हिस्सा 50% है. विश्व में मंदी के बावजूद ब्रिक्स देशों ने आर्थिक विकास को गति दी. करोड़ों लोगों को गरीबी से निकाला और प्रौद्योगिकी और नवीनता में नई सफलताएं हासिल कीं.’’ उन्होंने कहा, ‘’इंट्रा-ब्रिक्स व्यापार और निवेश के लक्ष्य और महत्वाकांक्षी होने चाहिए. हमारे बीच व्यापार की लागत को और कम करने के लिए आपके सुझाव उपयोगी होंगे.’’

भारत दुनिया की सबसे खुली अर्थव्यवस्था- मोदी
पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘’मैं यह सुझाव भी देना चाहूंगा कि अगले ब्रिक्स समिट तक ऐसे कम-से-कम पांच क्षेत्रों की पहचान की जाए, जिनमें पूरकताओं के आधार पर हमारे बीच ज्वाइंट वेंचर्स बन सकते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘’प्राइवेट सेक्टर से मेरा अनुरोध है कि वे मानव संसाधन पर केन्द्रित इन प्रयासों से जुड़ें.’’ पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत की राजनीतिक स्थिरता, पूर्वनिर्धारित नीति और व्यवसाय के अनुकूल सुधार के कारण दुनिया की सबसे खुली और निवेश के अनुकूल अर्थव्यवस्था है.’’

विश्व में ब्रिक्स देशों का बोलबाला

 

ब्रिक्स में भारत के अलावा ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका समेत पांच देश शामिल हैं. आबादी के हिसाब से देखें तो विश्व की 42 फीसदी आबादी ब्रिक्स देशों में रहती है, वहीं विश्व की जीडीपी में 23 फीसदी हिस्सेदारी ब्रिक्स देशों की है. बता दें कि यह 11वां शिखर सम्मेलन आतंकवाद निरोधक सहयोग के लिए तंत्र बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा और दुनिया की पांच प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करेगा.


ब्रिक्स: जिनपिंग से मोदी को मिला चीन आने का न्योता, रूस के राष्ट्रपति ने भी अपने देश बुलाया

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ब्रासीलिया: ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए ब्राजील दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की.  पीएम मोदी ने शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के तौर-तरीकों पर चर्चा की. वहीं, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पीएम मोदी के बीच यहां ‘‘शानदार बैठक’’ हुई, जिसमें उन्होंने दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की. दोनों नेताओं ने पीएम मोदी को अपने-अपने देश आने का न्योता दिया.

 

 एक महीने के अंतराल में मोदी-जिनपिंग की दूसरी मुलाकात

 

सम्मेलन में पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकत की. एक महीने के अंतराल में दोनों देशों के नेताओं की ये दूसरी मुलाकात है. मुलाकात में शी जिनपिंग ने अगले साल अनौपचारिक बैठक के लिए पीएम मोदी को चीन आने का न्योता दिया है. ब्रासीलिया में दोनों नेताओं के बीच यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब महज कुछ दिन पहले ही भारत ने चीन समर्थित क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) से नहीं जुड़ने का फैसला किया.

 

पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच दो अनौपचारिक बैठकें हो चुकी हैं. हाल ही में दोनों नेता तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में मिले थे. अगले साल फिर चीन में बैठक होगी, लेकिन उसकी तारीख क्या होगी ये अभी तय नहीं है.

पुतिन ने भी दिया पीएम मोदी को रूस आने का न्योता

 

इससे बाद पीएम मोदी ने ब्रिक्स से इतर रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन से मुलाकात की. पुतिन ने पीएम मोदी को अगले साल मई में होने वाले एनुवल विक्ट्री डे के समारोह में शामिल होने का न्योता भी दिया. मोदी ने इस बैठक के दौरान कहा कि ‘लगातार बैठकों ने हमारे संबंधों को मजबूत किया है.’ मोदी ने कहा, ‘‘हमारे द्विपक्षीय संबंधों का विस्तार हो रहा है. आपने मुझे मई में विजय दिवस समारोह के लिए रूस की यात्रा करने के लिए आमंत्रित किया है. मैं उसका बहुत उत्सुकता से इंतजार कर रहा हूं क्योंकि मुझे एक बार फिर आपसे मिलने का मौका मिलेगा.’’ मोदी ने कहा कि भारत और रूस व्यापार, सुरक्षा और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में व्यापक सहयोग कर रहे हैं. हमारे देशों के लोगों को नजदीकी द्विपक्षीय संबंधों से लाभ होगा.’’

 

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