द्विपक्षीय संबंध / भारत ने बांग्लादेश से कहा- रोहिंग्या पर 120 करोड़ खर्च किए, समस्या का जल्द समाधान खोजना होगा

दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शेख हसीना के बीच बैठक हुई भारत और बांग्लादेश की तीन द्विपक्षीय परियोजनाओं का उद्घाटन

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नई दिल्ली.बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना चार दिवसीय भारत दौरे पर हैं। शनिवार को दिल्ली मेंप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शेख हसीना के बीच बैठक हुई। इस दौरान रोहिंग्या शरणार्थियों का मुद्दा भी उठा। भारत ने इस समस्या को सुलझाने में बांग्लादेश के प्रयासों की तारीफ की। भारत ने साफ कर दिया कि इस मुद्दे पर वो गंभीरता के साथ प्रयास कर रहा है। रोहिंग्या पर अब तक 120 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। हालांकि, भारत ने बांग्लादेश को बता दिया है कि तमाम प्रयासों के बावजूद इन शरणार्थियों का अनिश्चितकाल तक यहां रखना संभव नहीं है। इसलिए समस्या का स्थाई समाधान खोजना होगा।

प्रधानमंत्री मोदी और हसीना की बैठक में सात परियोजनाओं पर हस्ताक्षर हुए। साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी ने कहा- मुझे खुशी है कि भारत और बांग्लादेश के बीच 3 और योजनाओं का उद्घाटन करने का मौका मिला। हमने एक साल के अंदर 12 साझा प्रोजेक्ट शुरू किए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य अपने लोगों के जीवन को बेहतर बनाना है। यह हमारी मित्रता के आधार पर आधारित है।’’

बांग्लादेश ने एनआरसी का मुद्दा उठाया

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, शेख हसीना ने प्रधानमंत्री मोदी के सामने असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) लागू करने का मुद्दा उठाया। इस पर भारत ने कहा कि यह सतत प्रक्रिया है। मामला सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में हो रहा है। प्रक्रिया पूरी होने पर परिस्थितियों के हिसाब से विचार किया जाएगा।

‘प्याज से हमारे लिए दिक्कत हो गई’
हसीना ने शुक्रवार को भारत-बांग्लादेश बिजनेस फोरम को संबोधित किया।उन्होंनेकहा, ‘‘प्याज से थोड़ी दिक्कत हो गई हमारे लिए। मुझे मालूम नहीं क्यों आपने प्याज भेजना बंद कर दिया। थोड़ा सा नोटिस अगर देते तो दूसरी जगह से ला सकते थे। मैंने कुक को बोल दिया अब से खाने में प्याज डालना बंद कर दो। आगे से अगर किसी भी तरह से ऐसा कुछ करना है, तो हमें थोड़ा पहले बता देना।’’ हसीना से यह बात हिंदी में सुनकर वहां मौजूद लोग भी हैरान रह गए।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इस मामले पर कहा कि हम कोशिश कर रहे हैं कि प्याज पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने जो चिंताएं जाहिर की हैं, उनका समाधान किस प्रकार किया जा सकता है। 29 सितंबर को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने हर तरह के प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी।

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