असम एनआरसी का डेटा ऑनलाइन क्लाउड से हुआ गायब, गृह मंत्रालय ने कहा- एनआरसी का डाटा सुरक्षित है

ऐसी खबर थी की असम एनआरसी का डाटा अचानक से डिलीट हो गया है लेकिन अब गृह मंत्रालय के सूत्रों ने इस बारे में स्थिति साफ करते हुए का है की समस्या का समाधान शीघ्र निकाल लिया जाएगा. डाटा एकदम सुरक्षित है.

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नई दिल्ली: असम एनआरसी का डाटा डिलीट होने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए थे. ऐसी खबर सामने आई थी कि पिछले 15 दिसंबर से असम एनआरसी का डाटा ऑनलाइन क्लाउड पर उपलब्ध नहीं है. अब इस मसले पर गृह मंत्रालय की तरफ से साफ किया गया है कि तकनीकी गड़बड़ी की वजह से एनआरसी का डाटा नहीं दिख रहा है. इस गड़बड़ी को जल्द ठीक कर लिया जाएगा.

 

 

असम में एनआरसी के डाटा के डिलीट होने के मुद्दे पर गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है, “एनआरसी का डाटा सुरक्षित है किसी तकनीकी गड़बड़ी के कारण इस डाटा की विजिबिलिटी क्लाउड पर नहीं हो पा रही है. तकनीकी पहलू की पहचान कर ली गई है और उसका हल शीघ्र निकाल लिया जाएगा.”

 

 

असम में कांग्रेस नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने रजिस्ट्रार जनरल और एनआरसी कॉर्डिनेटर को खत लिखा था,”मैं आपका ध्यान इस तथ्य की तरफ खींचना चाहता हूं कि एनआरसी की वेबसाइट से एनआरसी का ऑनलाइन डाटा अचानक से गायब हो गया है जैसा कि आपको जानकारी होगी की एनआरसी से जुड़े इस डाटा में उन सभी लोगों के नाम शामिल थे जो इस प्रक्रिया के बाद इसका हिस्सा हैं या इससे बाहर हैं. यह सभी डाटा सुप्रीम कोर्ट के 13 अगस्त 2019 को दिए गए निर्देश के मुताबिक ऑनलाइन पोस्ट किया गया था. ये एक रहस्य है कि अचानक से एनआरसी का ऑनलाइन डाटा कैसे गायब हो गया.”

 

कांग्रेस नेता देवव्रत ने बताया कि गृह मंत्रालय की तरफ से सफाई आई है. एनआरसी का डाटा पूरी तरह से सुरक्षित है. किसी तकनीकी खामी की वजह से क्लाउड पर यह दिख नहीं रहा है. जल्द ही इस तकनीकी खामी को दूर कर लिया जाएगा.

बीते साल अगस्त 31 को बने असम के राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर से जुड़ी नागरकों की सभी डीटेल्स वेबसाइट से ग़ायब हो गई हैं.

टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अक्तूबर में रजिस्टर में शामिल और रजिस्टर से बाहर सभी नागरिकों की पूरी जानकारी nrcassam.nic.in पर अपलोड की गई थी. इस पूरी लिस्ट में रजिस्टर में शामिल 3.11 करोड़ लोगों के साथ-साथ रजिस्टर से बाहर 19.06 लाख लोगों की भी पूरी जानकारी थी.

एक एनआरसी अधिकारी के हवाले से अख़बार लिखता है कि ये डेटा फ़िलहाल लोगों को दिख नहीं रहा है क्योंकि क्लाउड स्पेस के लिए किया गया सरकार का क़रार ख़त्म हो गया है.एनआरसी कोर्डिनेटर प्रतीक हज़ेला के ट्रांसफ़र होने के बाद उनके जगर पर नए अधिकारी नहीं आए थे जिस कारण फिर से क़रार नहीं किया जा सका.

विप्रो कंपनी असम सरकार को एनआरसी डेटा के लिए क्लाउड स्पेस मुहैय्या कराती है और कंपनी का क़रार हाल में ख़त्म हुआ था.असम एनआरसी से जुड़े एक अन्य विश्वसनीय स्रोत ने कहा कि पिछले साल 15 दिसंबर के बाद सेवा बंद कर दी गई थी जबकि सदस्यता अक्टूबर में समाप्त हो गई थी. अब क्लाउड सेवा को रिन्यू करने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है.

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