कोरोना से जंग / सरकार को भरोसा- 80% मरीज तो खुद ही ठीक हो जाएंगे, 5% ही अस्पताल में भर्ती होंगे; हम अंधाधुंध तरीके टेस्टिंग नहीं करेंगे

देश में हर दिन 10 हजार लोगों की जांच करने की क्षमता, केंद्र ने राज्यों से कोरोना के लिए अलग अस्पताल बनाने को कहा जिन जिलों से कोरोना के केस सामने आए उन्हें लॉकडाउन किया गया, बाहर से आने वाले लोग खुद को आइसोलेट करें

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नई दिल्ली. देशभर में कोरोनावायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसके बचाव और उपचार को लेकर सरकार की तैयारियों की जानकारी देने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के अफसरों ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए अफसरों ने आइसोलेशन और क्वारैंटाइन को सबसे कारगर उपाय बताया। उन्होंने कहा कि 14 दिनों के आइसोलेशन से 80% मरीज ठीक हो सकते हैं। केवल 5% को ही अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत होगी। साथी ही ने लोगों से संक्रमण के लक्षण नजर आने पर ही जांच कराने को कहा गया, ताकि अस्पतालों पर बेवजह बोझ न बढ़े।

आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा, ”कोरोना संक्रमण रोकने का सबसे अच्छा तरीका पॉजिटिव व्यक्ति को आइसोलेट करना है। हवा से इसका संक्रमण नहीं फैलेगा, यानी वायरस का फैलाव पॉजिटिव व्यक्ति के थूक से हो रहा है। ऐसी स्थति में जो लोग बाहर से आए हों, उन्हें आइसोलेट किया जाए। बेहतर होगा कि ऐसे लोग खुद ही आइसोलेट हो जाएं। अगर लक्षण दिखे तभी टेस्ट कराएं। इसमें 80% लोगों को हल्का बुखार होगा। वे जल्दी और अपने आप ठीक हो जाएंगे। केवल पांच 5%  लोगों को ही अस्पताल में भर्ती कराया जाता है और उन्हें सपोर्टिव दवाएं दी जाती हैं।”

एक हफ्ते में 60-70 हजार लोगों की जांच की क्षमता

भार्गव ने कहा, ”दुनिया के विकसित देशों में ज्यादा मौतें हो रही हैं। ऐसे में हम बाहर से आए लोगों को 14-15 दिन के लिए क्वारैंटाइन कर दें। उन्हें घर में अलग ही रखें। जब लक्षण दिखें, तभी टेस्ट कराएं। इसका काफी फायदा मिलेगा। भार्गव ने बताया कि देश में कोरोना जांच के लिए पर्याप्त सुविधाएं और लैब मौजूद हैं। अभी फ्रांस एक हफ्ते में 10 हजार, जर्मनी 42 हजार, साउथ कोरिया 80 हजार लोगों की जांच कर रहा है। हमारे यहां भी सुविधाएं बढ़ी हैं। हमारे पास हर हफ्ते 60-70 हजार लोगों की जांच करने की सुविधा है। निजी लैब को भी जांच शुरू करने के लिए आदेश दे दिए गए हैं। 60 निजी लैब्स ने इसके लिए रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है।

कोरोना के इलाज के लिए अलग अस्पताल होंगे

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि सभी राज्यों के प्रमुख सचिव और स्वास्थ्य विभाग से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गई है। इसमें उनसे कोरोना के इलाज के लिए अलग से अस्पताल खोलने के लिए कहा गया है। इन अस्पतालों में केवल कोरोना संक्रमितों का इलाज होगा। इन अस्पतालों को एक सप्ताह के अंदर शुरू करने के लिए कहा गया है।

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