अब हर अनाज मंडी में गेहूं बेचने के लिए बुलाए जाएंगे पहले से दोगुने किसान, ये है वजह

हरियाणा में गेहूं के लिए 27 अप्रैल तक जारी रहेगा ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोटर्ल पर रजिस्ट्रेशन, किसानों को इसी के जरिए बुलाया जा रहा है अनाज मंडी

 चंडीगढ़. हरियाणा सरकार इस साल करीब 75 लाख मिट्रिक टन गेहूं खरीदने वाली है, लेकिन अब तक 15 लाख का आंकड़ा भी पार नहीं हुआ है. इसलिए गेहूं की खरीद (wheat procurement) तेज करने का प्लान बनाया गया है. इसके लिए मंडी और खरीद केंद्रों में गेहूं बेचने के लिए बुलाए जाने वाले किसानों की संख्या दोगुनी कर दी गई है. अब प्रदेश की प्रत्येक अनाज मंडियों में रोजाना 200 किसान (Farmer) सरकार को गेहूं बेच सकते हैं. अब तक 100 किसानों की ही अनुमति थी. अब सौ-सौ किसानों को सुबह-शाम बुलाया जाएगा. जबकि दूसरे छोटे खरीद केंद्रों पर सुबह-शाम 25-25 किसानों को आने की अनुमति मिलेगी. लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग की शर्तो के साथ.

दरअसल, जो किसान ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोटर्ल (Meri Fasal Mera Byora) पर रजिस्टर्ड हैं उनको मैसेज करके बारी-बारी से बुलाया जा रहा है. ताकि मंडी में भीड़ न लगे. सात लाख से अधिक किसानों का इस पर रजिस्ट्रेशन है. गेहूं के लिए 27 अप्रैल तक इस पोटर्ल पर रजिस्ट्रेशन जारी रहेगा. लेकिन सरल केंद्रों व मंडियों में किसानों को रजिस्ट्रेशन के लिए समस्या आ रही है. इस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि लैपटॉप व डोंगल के साथ युवाओं को गांवों में ही रजिस्ट्रेशन के लिए तुरंत भिजवाया जाए.

अब तक कितनी हुई खरीद

हरियाणा में पिछले चार दिनों में 1,01,541 किसानों से 14.38 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है. यहां पर 20 अप्रैल से खरीद 18 सौ से अधिक केंद्रों पर खरीद जारी है.  कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने इस बात की जानकारी दी. इसी तरह 15 अप्रैल से सरसों की खरीद जारी है. अब तक 80,089 किसान 2,21,442 मीट्रिक टन सरसों सरकारी एजेंसियों को बेच चुके हैं.

नमी जांचने का ऐसे होगा समाधान

कुछ किसान नेताओं से सीएम मनोहर लाल खट्टर (Manohar lal khattar) से शिकायत की थी कि मंडियों में किसानों को सरसों की नमी जांच करवाने में समस्या आ रही है. किसानों को अपनी फसल वापस ले जानी पड़ती है. इस पर मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया है कि पंचायतें अपने स्तर पर नमी जांचने वाला मीटर खरीद लें ताकि मंडी में जाने से पहले ही गांव स्तर पर नमी की जांच हो जाए.

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