पहले अनुष्का को राशिद खान की और अब सारा तेंडुलकर को शुभमन गिल की पत्नी बताया; गूगल के जवाब गलत क्यों होते हैं?

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गूगल सर्च बौरा गया है! पूछो कुछ, जवाब कुछ और ही देता है। आईपीएल में कोलकाता नाइटराइडर्स यानी केकेआर के लिए खेल रहे शुभमन गिल ने पिछले महीने ही 21 साल का होने का जश्न मनाया था और अब गूगल ने उसकी शादी भी करा दी है। वह भी मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर की बेटी सारा से। यह पहला मामला नहीं है।

पिछले हफ्ते गूगल ने ही भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली की एक्ट्रेस पत्नी अनुष्का शर्मा को अफगानिस्तान के क्रिकेटर राशिद खान की पत्नी बताया था। लोगों ने इस बात को लेकर गूगल का खूब मजाक बनाया। क्या वाकई में गूगल सर्च बौरा गया है? क्यों जवाब देने में गलती कर रहा है? क्या गूगल पर सही जवाब के लिए भरोसा करना चाहिए? आइए इन सवालों के जवाब तलाशते हैं।

जवाब देने में गलतियां क्यों कर रहा है गूगल?

सबसे पहले यह समझना होगा कि गूगल के पास जवाब देने के लिए अपना कोई सिस्टम नहीं है। एसईओ एक्सपर्ट आलोक रघुवंशी कहते हैं कि गूगल खुद किसी सवाल का जवाब नहीं देता। वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे टूल्स का इस्तेमाल करता है। बेस्ट जवाब देने वाले वेबपेज को सामने ला देता है। यदि आप गूगल को ज्ञानी मानकर कुछ पूछ रहे हैं तो यह गलत होगा। वह प्यासे को कुएं तक ले जाने का काम जरूर करता है। लेकिन, उस कुएं का पानी पीने योग्य है या नहीं, उसे भी नहीं पता। यह फैसला यूजर को लेना होता है।

क्या किसी भी जानकारी के लिए गूगल पर भरोसा कर सकते हैं?

बात यहां गूगल पर भरोसा करने की है ही नहीं। गूगल तो कोई जवाब देता ही नहीं है। वह तो आपके पूछे गए सवाल का जवाब देने वाले सबसे रेलेवंट पेजेस को सामने लाकर रख देता है। अब यह आपके ऊपर है कि आपके सामने जो वेबपेज आए हैं, उनमें से किस पर आप भरोसा कर सकते हैं और किन पर नहीं। उदाहरण के लिए सर्च में अक्सर विकिपीडिया के रिजल्ट सबसे पहले सामने आते हैं। लेकिन, यह पूरी तरह से कम्युनिटी-बेस्ड प्लेटफॉर्म है। यहां कंटेंट को कोई भी एडिट कर सकता है। किस पर भरोसा करना है और किस पर नहीं, यह यूजर तय करता है।

गूगल हर बार 100% रेलेवंट रिजल्ट क्यों नहीं दे सकता?

आपको यह समझना होगा कि किसी भी बात का रिलिवेंस सर्च करने वाले व्यक्ति की पसंद, उसकी लोकेशन और टाइमिंग पर डिपेंड करता है। कॉफी सर्च करने पर स्टारबक्स सबसे रिलिवेंट हो सकता है और बरिस्ता भी और किसी-किसी के लिए कैफे कॉफी डे भी। फिर भाषा भी काफी हद तक सर्च की रिलिवेंसी को प्रभावित करती है। एक ही बात को कई तरीकों से कहा जा सकता है, इस वजह से जरूरी नहीं कि गूगल या कोई भी सर्च इंजिन हर बात को वैसा ही समझें जैसा उससे कहा गया हो। इसी तरह पर्यायवाची शब्द, एक से ज्यादा अर्थ वाले शब्द, स्पैम भी सर्च को प्रभावित करते हैं।

लेकिन, गूगल जवाब देने से पहले यह क्यों नहीं देखता कि वह भरोसेमंद है?

वह इसके लिए बना ही नहीं है। जब उसे पता चलता है कि कोई वेबसाइट भ्रामक जानकारी दे रही है तो वह उसे प्रतिबंधित कर सकता है। इससे ज्यादा कुछ नहीं। सर्च इंजिन को सबसे ज्यादा मदद मिलती है मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे टूल्स से। लेकिन, यह भी किसी कंटेंट को उसकी लोकप्रियता के आधार पर रैंकिंग कर देते हैं। इसका मतलब यह है कि जो फेक न्यूज स्टोरी बहुत ज्यादा लोकप्रिय हो जाती हैं, वह भी गूगल के सर्च रिजल्टस में सबसे ऊपर आने लगती है।

सारा और अनुष्का के नामों को लेकर गफलत क्या हुई?

पिछले दिनों शुभमन गिल ने एक कार खरीदी तो उसका फोटो उन्होंने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया था। इस पर सारा तेंडुलकर ने रिएक्ट किया था और उस पर क्रिकेटर हार्दिक पांड्या ने शुभमन गिल की खिंचाई की थी। इसके बाद खबरें चल पड़ी कि शुभमन और सारा डेट कर रहे हैं। यह खबर ही गूगल सर्च में टॉप पर दिख रही है और सारा को शुभमन की पत्नी बताया जा रहा है। इसी तरह, पिछले दिनों राशिद खान ने एक इंटरव्यू में अनुष्का शर्मा, प्रीटी जिंटा को अपनी पसंदीदा एक्ट्रेस बताया था। इसी इंटरव्यू में उनसे उनकी शादी को लेकर भी सवाल पूछा गया था। जब गूगल सर्च पर राशिद खान की पत्नी के बारे में पूछा गया तो उसने इसी इंटरव्यू के की-वर्ड्स को जोड़कर बता दिया अनुष्का शर्मा। यानी दोनों ही मामलों में गफलत सर्च इंजिन के काम करने के तरीके की वजह से है।

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