देशबंदी में राहत / आज से सिर्फ ऐसे इलाकों में लॉकडाउन में ढील जहां कोरोना के मामले नहीं बढ़ रहे; केरल ने रेस्टोरेंट खोलने जैसे फैसले लिए, केंद्र ने आपत्ति जताई
दिल्ली, पंजाब और तेलंगाना में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे में यहां सरकारों ने कोई छूट नहीं देने का फैसला लिया मोदी ने 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने पर कहा था- 20 अप्रैल से कुछ इलाकों में सशर्त छूट होगी, नियम टूटे तो परमिशन वापस अभी देश के 170 जिले हॉटस्पॉट यानी रेड जोन में हैं, 207 जिले नॉन हॉटस्पॉट और 359 जिलों को ग्रीन जोन में रखा गया
नई दिल्ली. देशभर में 3 मई तक जारी लॉकडाउन के बीच 20 अप्रैल यानी सोमवार से उन इलाकों में लॉकडाउन में थोड़ी राहत दी जाएगी, जहां कोरोना का संक्रमण नहीं फैल रहा है। लेकिन वहां ट्रेनें, बसें और उड़ानें 3 मई तक नहीं शुरू होंगी। यानी 100 करोड़ आबादी 3 मई तक इन साधनों से कहीं आ-जा नहीं सकेगी। अभी देश के 170 जिले हॉटस्पॉट यानी रेड जोन हैं। 6 मेट्रो सिटीज- दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता और हैदराबाद भी शामिल हैं। 207 जिलों को नॉन हॉटस्पॉट यानी व्हाइट जोन और 359 को ग्रीन जोन में रखा गया है। इसबीच, केरल सरकार ने रेस्टोरेंट, बुक शॉप, हेयर कटिंग सैलून खोलने का फैसला लिया है। राज्य में आज से वाहनों के लिए ऑड-ईवन फार्मूला भी लागू हो रहा है। इसके अलावा छोटी दूरी के शहरों के बीच बस सेवा भी शुरू होगी। केंद्र सरकार ने इसे लेकर आपत्ति जताई। गृह मंत्रालय ने पिनरई विजयन सरकार के इस फैसले को लॉकडाउन के नियमो का उल्लंघन बताया है। केरल में 401 लोग कोरोना से संक्रमित हैं।
कहां मिलेगी ढील और कहां कोई छूट नहीं
पंजाब, तेलंगाना और दिल्ली में 20 अप्रैल से लॉकडाउन में किसी भी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी। राजस्थान में मॉडिफाई लॉकडाउन लागू होगा यानी कई सेक्टर्स और कामकाजों में छूट दी जाएगी, पर सुरक्षा शर्तों के साथ। महाराष्ट्र में भी उन्हीं 26 जिलों में औद्योगिक गतिविधियां शुरू होंगी, जहां कोरोना के मामले कम हैं। हरियाणा में फैक्ट्रियों को सुरक्षा नियमों के पालन के साथ काम शुरू करने होंगे। लेकिन इन्हें भी आवेदन के बाद ही काम करने की अनुमति मिलेगी। हाईवे पर ढाबे खोले जाएंगे। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार में भी शर्तों के साथ ही चुनिंदा गतिविधियां शुरू करने की अनुमति दी गई है। उत्तर प्रदेश में उद्योगों को शुरू करने का फैसला लिया गया है। लेकिन, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा है कि डीएम अपने जिलों की स्थितियों के हिसाब से खुद ही फैसला लें।
सरकार ने साफ किया- नॉन-कंटेनमेंट एरिया में ही बंदिशों में छूट रहेगी
केंद्र सरकार ने रविवार को स्पष्ट कर दिया है कि 20 अप्रैल से राहत केवल उन इलाकों में दी जाएगी, जो कंटेनमेंट एरिया यानी रेड जोन में नहीं आते हैं। हॉटस्पॉट जिलों में जो कंटेनमेंट एरिया हैं, वहां किसी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि कंटेनमेंट जोन में केवल जरूरी सेवाओं की ही इजाजत रहेगी। इसके अलावा किसी भी गतिविधि को मंजूरी नहीं दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पिछले 14 दिनों से देश भर के 54 जिलों में कोई भी कोरोनावायरस का केस सामने नहीं आया है।
प्रवासी मजदूर, जिनके बारे में देश चिंतित है, वे राज्य के अंदर ही रहेंगे
प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार ने रविवार को गाइडलाइन जारी की है। इसके मुताबिक, आज से राज्यों में आंशिक रूप से शुरू हो रही औद्योगिक गतिविधियों के लिए प्रवासी मजदूर राज्यों के भीतर आवाजाही कर सकेंगे। लेकिन, सरकार ने स्पष्ट किया कि एक राज्य से दूसरे राज्य में मजदूर नहीं जा सकेंगे। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि 3 मई तक कोई भी मजदूर एक राज्य से दूसरे राज्य नहीं जा सकेगा। यह फैसला ऐसे वक्त लिया गया है, जब मुंबई, सूरत, दिल्ली जैसी जगहों पर फंसे प्रवासी मजदूर अपने घरों की ओर आने के लिए कोशिशें कर रहे हैं।
ई-कॉमर्स कंपनियों से सिर्फ जरूरी सामान ही ऑर्डर कर सकेंगे
ई-कॉमर्स कंपनियों को केवल जरूरी चीजों की डिलीवरी करने की मंजूरी दी गई है। उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि इससे फुटकर कारोबारियों को समान अवसर मिल सकेंगे। सरकार ने 15 अप्रैल को जारी किए नोटिफिकेशन में कहा था कि 20 अप्रैल से ई-कॉमर्स कंपनियां दवाईयां, इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट आदि बेच सकेंगी।
महाराष्ट्र, जहां सबसे ज्यादा मामले हैं, वहां ‘अर्थचक्र’ शुरू होगा
महाराष्ट्र कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है। सबसे ज्यादा मौतें भी इसी राज्य में हुई हैं। आज से यहां ग्रीन जोन और ऑरेंज जोन घोषित किए गए 26 जिलों में औद्योगिक गतिविधियां शुरू हो सकेंगी। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि इन इलाकों में कुछ प्रतिबंधों के साथ गतिविधियां शुरू की जाएंगी। उन्होंने कहा- हमें 20 अप्रैल से इस अर्थचक्र को शुरू करना होगा। जो कंपनियां अपने वर्करों को लॉकडाउन के दौरान रहने की सुविधा देने को तैयार हैं, उन्हें राज्य की तरफ से राशन और रॉ मैटेरियल मुहैया करवाया जाएगा। ग्रीन जोन और ऑरेंज जोन में प्रतिबंधों के साथ औद्योगिक गतिविधियां शुरू की जाएंगी। कंपनियों को वर्कर्स को रहने की जगह देनी होगी। मजदूर काम के लिए लंबा सफर तय नहीं करेंगे।
उत्तर प्रदेश, जहां सबसे बड़ी आबादी, वहां 19 जिलों में कोई राहत नहीं
उत्तर प्रदेश के 19 जिलों में लॉकडाउन में किसी तरह की राहत नहीं दी जाएगी। यहां 10 से ज्यादा कोरोनावायरस के केस सामने आए हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ली गई एक मीटिंग में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों के डीएम और पुलिस अफसरों से कहा कि हॉट स्पॉट एरिया में कोई राहत नहीं दी जाएगी। इन इलाकों में केवल सफाईकर्मी, स्वास्थ्यकर्मी और डिलीवरी बॉय को जाने की इजाजत रहेगी। बाकी जिलों के डीएम हालात को देखते हुए अपने स्तर पर फैसला लें।
दिल्ली, जो देश की राजधानी है, वहां कोई रियायत नहीं
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली वालों की जिंदगी को ध्यान में रखते हुए हमने फैसला लिया है कि 20 अप्रैल से लॉकडाउन में कोई राहत नहीं दी जाएगी। हम विशेषज्ञों के साथ 27 अप्रैल को एक समीक्षा बैठक करेंगे। जिसमें हालात को देखते हुए आगे का फैसला लिया जाएगा। अगर जरूरत पड़ी तो लॉकडाउन के नियमों में ढील दी जाएगी। दिल्ली में 11 जिले हैं और सभी हॉट स्पॉट हैं। केंद्र सरकार के निर्देशों के मुताबिक कंटेनमेंट जोन में किसी भी तरह की रियायत नहीं दी जा सकती है।
लोकसभा, राज्यसभा, जहां सांसद बैठते हैं, उनके सचिवालयों में आज से काम शुरू होगा
लोकसभा और राज्यसभा में आज से कामकाज शुरू हो जाएगा। लेकिन, केवल 33 फीसदी स्टाफ को ही यहां काम करने की इजाजत दी गई है। इस स्टाफ को भी हिदायत दी गई है कि एक-दूसरे से कम से कम 6 फीट की दूरी पर बैठें और शिफ्टों में काम करें।
केंद्र सरकार के दफ्तर, जहां से देश चलता है, वहां डिप्टी सेक्रेटरी और उससे ऊपर के अफसर काम शुरू करेंगे
सभी डिप्टी सेक्रेटरी और उससे ऊपर के अधिकारी आज से काम पर लौटेंगे। यह सभी लॉकडाउन के चलते करीब एक महीने से वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने ज्वाइंट सेक्रेटरी, एडिशनल सेक्रेटरी, स्पेशल सेक्रेटरी और सेक्रेटरी स्तर के अधिकारियों ने 13 अप्रैल से ही केंद्र सरकार के ऑफिसों में अपनी जिम्मेदारी संभाल ली है। गृह मंत्रालय ने बुधवार को संशोधित गाइडलाइन में कहा था कि सभी मंत्रालय और विभाग व उनके तहत आने वाले दफ्तरों में डिप्टी सेक्रेटरी और उससे ऊपर के अधिकारियों की 100 फीसदी मौजूदगी रहेगी। बाकी स्टाफ का 33 फीसदी हिस्सा ही काम करेगा।