जहरीली शराब के कहर से तीसरे दिन भी 48 और लोगों की मौत हो गई। अब तक 87 लोगों की मौत हो चुकी है। शनिवार को तरनतारन में सबसे ज्यादा 44, अमृतसर में एक और बटाला में 3 की मौत हुई। शुक्रवार रात तक तरनतारन में 19 लोगों की मौत हो चुकी थी। पंजाब में अभी तक जहरीली शराब से मरने वाले लोगों की यह सबसे बड़ी संख्या है। अधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अधिकारियों ने बताया कि जहरीली शराब पीने से तरन तारन में 63, अमृतसर में 12 और गुरदासपुर के बटाला में 11 लोगों की मौत हुई है। आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस की छापेमारी में जब्त की गई सामग्री के रासायनिक विश्लेषण की रिपोर्ट अभी नहीं आई है, लेकिन सतही जांच से पता चला है कि यह सामग्री ऐसा खराब स्प्रिट है, जिसका इस्तेमाल पेंट या हार्डवेयर उद्योग में होता है।
हालांकि आंकड़ा अभी और भी बढ़ सकता है। सरकार के मुताबिक ‘तरनतारन में अब तक 63 लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए वित्तीय मदद का एलान किया है। खुद सीएम अमरिंदर सिंह ने नकली शराब बनाने और बेचने को रोकने में पुलिस और आबकारी विभाग की नाकामी को शर्मनाक करार दिया। शनिवार को 48 मौतों की पुष्टि करने में ही सरकार के पसीने निकल गए।
पुलिस दिन भर 42 मौतों की वेरिफिकेशन के ही दावे करती रही। जबकि शाम होते-होते सरकार ने मान लिया कि आंकड़ा 87 हो गया है। बटाला में शनिवार को 3 और लोगों की मौत हो गई। मुआवजे का एलान होते ही तरनतारन में मारे गए लोगों के परिजन शनिवार को उनके शव ऑटो, टैंपो में अस्पताल लेकर पहुंचने लगे। कुल 14 लोगों के पोस्टमार्टम हुए, जिनमें से 6 शुक्रवार को मरने वालों के थे।
60 रुपए’च दो पाउच खरीदे सी, पीले रंग दी शराब जिवें जहर होवे, पीण तों अद्दे घंटे बाद रोशनी घट्ट गई
जहरीली शराब के कहर से बचे तिलक राज ने बताया, परसों हाथीगेट दे बाहरों जहरीली शराब दे 60 रुपए’च दो पाउच खरीदे सी, पीले रंग दी शराब दे इक्क घुट्ट तों लग रिहा सी जिवें जहर होवे। मैं फिर भी उसनूं पी लिया। पीण तो अद्दे घंटे बाद अक्खां दी रोशनी घट्ट गई। मैनूं धुंधला विखाई देण लग्गा। मैं डाक्टर कोल गया, उसने मैनूं टीका लगाया ते दवाई दित्ती। भगवान दी किरपा नाल मैं बच्च गया।
एसएसपी साहेब, ऐ जर्मन कौन है, इसदी इन्वेस्टीगेशन करो, इक्क एसएचओ वी धमका रही है कार्रवाई करो..
शिअद प्रधान सुखबीर बादल शनिवार शाम 4.50 बजे मृतकों के परिजनों से मिलने तरनतारन सिविल अस्पताल पहुंचे। पोस्टमार्टम हाउस के बाहर दरी बिछाकर बैठे लोगों के साथ बैठे सुखबीर को भुल्लर गांव की कमलजीत काैर ने कहा, उनके भाई तरसेम सिंह (32) और जेठ प्रकाश सिंह (45) की जहरीली शराब पीने से मौत हुई है।
‘खडूर साहिब के कांग्रेसी एमएलए रमनजीत सिक्की के पीए जर्मनजीत सिंह के आदमियों ने सिविल अस्पताल में आकर मुझसे मारपीट की।’ इसपर बादल ने फोन पर एसएसपी से कहा ‘ एे जर्मन कौन है, जे सिक्की दा पीए है तां इसदी इन्वेस्टीगेशन करो, आप दी इक्क एसएचओ वी परिवार नूं धमका रही है कार्रवाई करो..नई तां पूरा अकाली दल इन्हां दे नाल खड़ा है।
2 डीएसपी, 4 एसएचओ, 7 आबकारी कर्मी सस्पेंड
घटना के तीसरे दिन सरकार ने पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए डीएसपी (जंडियाला देहाती) मनजीत सिंह व डीएसपी (सबडिवीजन तरनतारन गोइंदवाल) कंवलप्रीत सिंह मंड समेत थाना तरसिक्का, थाना सदर तरनतारन, थाना सिटी तरनतारन समेत थाना सिटी बटाला के एसएचओ को निलंबित कर दिया। सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा, गुरदासपुर से ईटीओ लवजिंदर बराड़, अमृतसर से ईटीओ बीएस चाहल और तरनतारन से ईटीओ मधुर भाटिया समेत गुरदासपुर से सब इंस्पेक्टर रवि कुमार , अमृतसर से गुरदीप सिंह और फतेहबाद से पुखराज और तरन तारन जिले में तरनतारन सिटी से हितेश प्रभाकर को भी निलंबित किया गया।
इधर पुलिस ने शराब तस्करों के खिलाफ पूरे दिन में अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर व पटियाला के राजपुरा समेत कई जिलों में 100 के करीब छापे मारे और 17 लोगों को भारी मात्रा में शराब के साथ गिरफ्तार किया। अब तक पुलिस ने 25 लोगों को गिरफ्तार किया है। पटियाला जिला के शंभू, राजपुरा और बनूड़ के ढाबों जिनमें झिलमिल ढाबा, ग्रीन ढाबा, छिंदा ढाबा शामिल हैं, को सील किया गया है। आजाद ट्रांसपोर्ट का मालिक प्रेम सिंह और भिन्दा, जो कि तरनतारन पुलिस द्वारा वांछित को भी राजपुरा पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
राजपुरा से आई खेप, मास्टर माइंड गोबिंदा गिरफ्तार
शनिवार शाम को फिरोजपुर रेंज के डीआईजी हरदयाल सिंह मान ने कहा कि जहरीली शराब की यह खेप पटियाला के राजपुरा से आई थी। वहां से जिन लोगों के जरिए यह जंडियाला और तरनतारन पहुंची पुलिस ने उनमें कई को गिरफ्तार कर लिया है। अमृतसर देहाती पुलिस की चार सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने इस मामले के मास्टरमाइंड गोविंदरबीर सिंह उर्फ गोबिंदा को गिरफ्तार कर लिया है। बलविंदर कौर और मिट्ठू सिंह को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इन तीनों को अदालत में पेश कर रिमांड लिया जाएगा।
जानिए, कैसे बनती है जहरीली शराब, कहां से आता है मिथाइल ऐल्कॉहॉल
लोगों की मौत की वजह मिथाइल ऐल्कॉहॉल की अधिक मात्रा को बताया जा रहा है। यह कैसे और क्या काम करता है, कितनी मात्रा में लेने पर शख्स की जान चली जाती है, पढ़िए यह रिपोर्ट।
‘खतरनाक होता है मिथाइल अल्कोहल’
सीनियर सर्जन डॉक्टर दिनेश कुमार बताते हैं, ‘इंग्लिश और देसी शराब के सरकारी ठेकों की जो शराब होती है, उसे खास तापमान में डिस्टिल्ड किया जाता है, जिससे कि इसमें सिर्फ इथाइल ऐल्कॉहॉल आए। बाकी जो कच्ची शराब या जहरीली शराब होती है, इसमें कोई तय तापमान नहीं होता। इसकी वजह से इसमें मिथाइल, इथाइल, प्रोपाइल सारे ऐल्कॉहॉल आ जाते हैं। मिथाइल सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। इसका सबसे ज्यादा असर आंखों पर पड़ता है, दिमाग पर पड़ता है। हालांकि, यह सीधे तौर पर लिवर को भी प्रभावित करता है। मिथाइल ऐल्कॉहॉल पीने पर मौत हो जाती है या तो व्यक्ति अंधा हो जाता है।’
‘लिवर में जाते ही फॉर्मिक ऐसिड में बदल जाता है‘
डॉक्टर दिनेश ने कहा, ‘लिवर डिटॉक्सिफाई करने का काम करता है। वहां पर डिहाइड्रोजनेट एन्जाइम होता है। ऐल्कॉहॉल ज्यादा मात्रा में पहुंचने पर लिवर उसे डिटॉक्सिफाई नहीं कर पाता है। इसकी वजह से मिथाइल ऐल्कॉहॉल सीधे तौर पर अंगों को प्रभावित करता है। हैरान करने वाली बात यह भी है कि मिथाइल ऐल्कॉहॉल को लिवर फॉर्मिक ऐसिड और फॉर्मेल्डिहाइड में बदल देता है।’
‘मौत के लिए मिथाइल अल्कोहल का 15 एमएल ही काफी है’
सीनियर सर्जन डॉ. दिनेश बताते हैं, ‘फॉर्मेल्डिहाइड, मिथाइल ऐल्कॉहॉल की अपेक्षा एक बहुत तीव्र पॉइजन है, यह फॉर्मेलिन नाम से कमर्शल यूज किया जाता है। यह लिवर का डिटॉक्सिफिकेशन का तरीका है।’ मिथाइल ऐल्कॉहॉल से मौत किस मात्रा में हो जाती है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘लीथल डोज की बात की जाए तो तकरीबन 15 एमएल से 500 एमएल तक की मात्रा लेने पर शख्स की मौत हो जाती है।’
‘मिथाइल ऐल्कॉहॉल कन्संट्रेशन में जब जाएगा तो यह लिवर को बुरी तरह से प्रभावित करता है। यह पॉलिएस्टर की बड़ी-बड़ी कंपनियों से निकलता है। यह प्रमुख रूप से पेंट इंडस्ट्री में, प्लाइवुड इंडस्ट्री में इस्तेमाल होता है। इसकी नॉर्थ ईस्ट में कंपनियां हैं।’
‘रास्ते में चोरी-छिपे ढंग से बेच लिया जाता है मिथाइल अल्कोहल’
पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘प्रमुख रूप से हरियाणा-पंजाब में पॉलिएस्टर की कई कंपनियां हैं। यहां से मिथाइल ऐल्कॉहॉल टैंकर में भरकर मणिपुर के लिए निकलते हैं। इसे रास्ते में बेच लिया जाता है, जो लोग जानते हैं कि यह मिथाइल ऐल्कॉहॉल है, वह इसके प्रयोग से बचते हैं और जो नहीं जानते हैं वह इसकी ज्यादा मात्रा ले लेते हैं और अपनी जान गंवा देते हैं।’