पुणे पुलिस ने जबरन वसूली के एक मामले में नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) से बाहर किए गए मंगलदास बंदल को गिरफ्तार किया है. 21 मार्च की रात ये गिरफ्तारी हुई. 22 मार्च को कोर्ट ने मंगलदास को 10 दिन के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया. मंगलदास पुणे में NCP के वाइस प्रेसिडेंट थे. सोने-चांदी के एक बड़े व्यापारी से 50 करोड़ की वसूली के केस में जब उनका नाम सामने आया, तब 14 मार्च को ही पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया.
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, डिप्टी पुलिस कमिश्नर (क्राइम) बच्चन सिंह ने बताया,‘शुरुआत में मंगलदास बंदल का स्टेटमेंट रिकॉर्ड कर लिया गया था. जांच हुई, तो इस केस में बंदल भी शामिल पाए गए, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया.’ इस मामले में अभी तक पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है. बंदल के अलावा आशीष पवार, रमेश पवार और रूपेश चौधरी नाम के तीन आदमी पुलिस की गिरफ्त में हैं.
क्या है पूरा मामला?
‘पुणे मिरर’ की रिपोर्ट के मुताबिक, आशीष एक बड़े जूलर की दुकान में बॉडीगार्ड था. वहीं रूपेश और रमेश घर पर काम करते थे. तीनों ने मिलकर जूलर को ब्लैकमेल करके पैसे ऐंठने की प्लानिंग की थी. उन्होंने किसी तरह जूलर की पत्नी का एक वीडियो बनाया और उसी के दम पर ब्लैकमेलिंग शुरू कर दी. जूलर को वीडियो भेजकर 50 करोड़ रुपए मांगे. उसे धमकी दी कि अगर पैसे नहीं मिले, तो वीडियो वायरल कर दिया जाएगा. ये भी कहा कि अगर वो पुलिस के पास गया, तो जान से मार दिया जाएगा.
हालांकि, कई धमकियों के बाद भी जूलर ने दत्तावादी पुलिस स्टेशन में शिकायत की. पुलिस की जांच में सामने आया कि बंदल भी इस केस में शामिल हैं. उन्होंने डेक्कन जिमखाना में तीनों आरोपियों से मुलाकात की थी. ये भी सामने आया कि बंदल का क्रिमिनल बैकग्राउंड भी है. उनके खिलाफ जबरन वसूली और धोखाधड़ी के तीन केस पहले से दर्ज हैं.
बंदल के वकील ने जमानत की याचिका डाली थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. अब 1 अप्रैल तक बंदल पुलिस कस्टडी में रहेंगे.