कोविड-19 वैक्सीन डोज लगने के बाद भी आप पी सकते हैं शराब, जानिए क्या कहती है सरकारी गाइडलाइन

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के पॉल क्लेनरमैन का कहना है कि लंबे समय से आप बहुत अधिक शराब पी रहे हैं तो निश्चित तौर पर इम्युनिटी पर असर पड़ेगा। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या कम मात्रा में शराब लेने से भी इम्युनिटी पर असर पड़ेगा? इसलिए सावधानी जरूरी है।

नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन का डोज लेने के बाद शराब पी सकते हैं या नहीं? यह एक ऐसा सवाल है, जिसने कई लोगों को वैक्सीन डोज से दूर रखा हुआ है। पर अब सरकार की गाइडलाइन कहती है कि विशेषज्ञों के अनुसार इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि शराब पीने से वैक्सीन की इफेक्टिवनेस कम होती है। यह स्पष्टीकरण ऐसे समय सामने आया है, जब भारत में 45 वर्ष से ज्यादा आयु वाले सभी लोगों को वैक्सीन लगाने की शुरुआत हो चुकी है।

दरअसल, यह सवाल पिछले साल चर्चा में आया था, जब रूस की डिप्टी प्राइम मिनिस्टर तातियाना गोलीकोवा ने कहा था कि रूसी वैक्सीन का शरीर पर असर होने में 42 दिन लगते हैं। तब तक शराब से दूर रहने की जरूरत है। रूसी वैक्सीन स्पूतनिक V को लेकर रूस की सरकार ने गाइडलाइन भी जारी की थी। इस बात को लेकर पूरी दुनिया में बहस छिड़ गई थी। हमारे यहां भी विशेषज्ञों ने कहा था कि बेहतर होगा कि शराब का सेवन न करें क्योंकि वह आपकी इम्युनिटी को कमजोर कर सकती है।

क्या है भारत सरकार की गाइडलाइन?

भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी FAQs में शराब पीने या न पीने की सीधे-सीधे कोई सलाह नहीं दी गई है। गाइडलाइन कहती है कि अब तक वैक्सीन की इफेक्टिवनेस प्रभावित होने का कोई सबूत सामने नहीं आया है। इसके बाद भी कुछ विशेषज्ञ कह रहे हैं कि बेहतर होगा कि शराब न पिएं।

अन्य देशों की गाइडलाइन में इस संबंध में क्या कहा गया है?

दरअसल, दुनियाभर में वैक्सीन को लेकर लोगों में हिचक है और इसका एक बड़ा कारण शराब से दूरी भी है। इसी वजह से जब पिछले साल रूस ने गाइडलाइन जारी की तो पूरी दुनिया में इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई थी। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) और यूके में पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड या सरकार ने शराब के खिलाफ कोई एडवायजरी जारी नहीं की है। यानी ऐसा नहीं कहा है कि दो डोज के बीच आपको शराब से दूर रहना है या नहीं।

हालांकि यूके में मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) ने भी कहा है कि अल्कोहल से कोविड-19 वैक्सीन की इफेक्टिवनेस प्रभावित होती है, इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं। हम सुझाव देते हैं कि वैक्सीन लगवाने वाले शख्स को यह बात अपने हेल्थकेयर प्रोफेशनल से करनी चाहिए।

क्या कहती है रूस की एडवायजरी?

कंज्यूमर राइट्स प्रोटेक्शन और ह्यूमन वेल बीइंग पर सर्विलांस के लिए रूसी फेडरल सर्विस की प्रमुख एना पोपोवा ने पिछले साल रेडियो को एक इंटरव्यू दिया था। इसमें कहा था कि वैक्सीन के पहले डोज से दो हफ्ते पहले और दूसरे डोज के तीन हफ्ते बाद तक शराब नहीं पीना है। यानी कुल मिलाकर 8 हफ्ते यानी दो महीने बिना शराब के रहना होगा।

क्यों और कितनी खराब है शराब?

किसी भी वैक्सीन के लिए शराब कितनी खराब हो सकती है, यह जानने के लिए 2012 में स्वीडन में रिसर्च हुई थी। शराब पीने वालों को बैक्टीरियल निमोनिया की वैक्सीन दी गई तो इम्यून रिस्पॉन्स नहीं दिखा। रिसर्चर्स ने औसत 30 मिली लीटर शराब को इसकी वजह बताया।

अब तक शराब के सेवन और इम्यून सिस्टम के संबंधों पर जितनी भी स्टडी हुई है, वह बताती हैं कि बहुत ज्यादा शराब पीने वालों को इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है। यूके में यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबरा के इम्युनोलॉजिस्ट एलिएनॉर राइली ने कहा कि बहुत ज्यादा शराब पीने वालों को कई समस्याएं होती हैं और कमजोर इम्यून फंक्शन उनमें से एक है।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के पॉल क्लेनरमैन का कहना है कि लंबे समय से आप बहुत अधिक शराब पी रहे हैं तो निश्चित तौर पर इम्युनिटी पर असर पड़ेगा। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या कम मात्रा में शराब लेने से भी इम्युनिटी पर असर पड़ेगा? इसलिए सावधानी जरूरी है।

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