तीस हजारी कोर्ट / हाईकोर्ट ने हिंसक झड़प की न्यायिक जांच के आदेश दिए, कहा- आरोपी पुलिसकर्मियों को तुरंत सस्पेंड करें

पुलिस ने दोनों पक्षों की ओर से शिकायत मिलने पर आईपीसी की धारा 186, 353, 427 और 307 के तहत मामला दर्ज किया है। दिल्ली क्राइम ब्रांच जांच कर रही है। गोली चलाने का आरोपी पुलिसकर्मी अभी तक अस्पताल में भर्ती है। उसकी हालत ठीक होने पर बयान दर्ज किए जाएंगे। झड़प में एडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह और दो एसएचओ जख्मी हुए हैं।

  • हाईकोर्ट के पूर्व जज तीस हजारी कोर्ट में पुलिस-वकीलों के बीच झड़प की जांच कर 6 हफ्तों में रिपोर्ट देंगे

  • सीबीआई के निदेशक, इंटेलिजेंस ब्यूरो और सतर्कता निदेशक जांच में सहायता करेंगे

  • कोर्ट परिसर में शनिवार को झड़प के दौरान 2 वकीलों को गोली लगी, 20 पुलिसकर्मी और 4 वकील जख्मी हुए

  • दिल्ली हाईकोर्ट के 6 वरिष्ठ जजों ने मामले पर स्वत: संज्ञान लिया, सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग


नई दिल्ली. तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हिंसक झड़प को लेकर रविवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने न्यायिक जांच के आदेश दिए। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एसपी गर्ग मामले की जांच करेंगे। उन्हें छह हफ्तों में रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। सीबीआई के निदेशक, इंटेलिजेंस ब्यूरो और सतर्कता निदेशक को जांच में उनकी सहायता करने को कहा गया है। शनिवार को झड़प में एक वकील को गोली लगी थी और 20 से अधिक पुलिसकर्मी और 8 वकील घायल हुए थे।

हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस के कमिश्नर अमूल्य पटनायक को घायल वकीलों के बयान और एफआईआर दर्ज कर इसकी कॉपी अदालत में पेश करने का निर्देश दिया। वहीं, आरोपी पुलिसकर्मियों को तुरंत निलंबित करने के लिए कहा है। साथ ही दिल्ली सरकार से कहा है कि गंभीर रूप से घायल वकील विजय वर्मा को 50,000 और दूसरे घायलों को 10,000 से 15,000 रुपए का मुआवजा दिया जाए। सभी घायलों का इलाज विशेषज्ञ डॉक्टरों से कराया जाए। वहीं, दिल्ली बार काउंसिल ने आईसीयू में भर्ती दो वकीलों के लिए 2 लाख रुपए और अन्य जख्मी वकीलों को 50,000 रुपए देने की घोषणा की।

गोली चलाने वाला पुलिसकर्मी अस्पताल में भर्ती

  • पुलिस ने दोनों पक्षों की ओर से शिकायत मिलने पर आईपीसी की धारा 186, 353, 427 और 307 के तहत मामला दर्ज किया है। दिल्ली क्राइम ब्रांच जांच कर रही है। गोली चलाने का आरोपी पुलिसकर्मी अभी तक अस्पताल में भर्ती है। उसकी हालत ठीक होने पर बयान दर्ज किए जाएंगे। झड़प में एडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह और दो एसएचओ जख्मी हुए हैं।
  • बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने घटना की निंदा करते हुए दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। दिल्ली बार काउंसिल ने 4 नवंबर को राजधानी की सभी जिला अदालतों में हड़ताल का ऐलान किया। झड़प के विरोध में रविवार को हाईकोर्ट में लोक-अदालत की कार्यवाही नहीं हुई।

वकील और पुलिस एक दूसरे पर आरोप लगा रहे
वकीलों का आरोप है कि पार्किंग एरिया में पुलिस और एक वकील के बीच विवाद हुआ। विरोध करने पर पुलिसकर्मी उसे हवालात ले गए और मारपीट की गई। पुलिस ने जांच करने पहुंची 6 जजों की टीम को भी अंदर नहीं जाने दिया था। वहीं, पुलिस ने कहा- हवालात में कुछ कैदियों के साथ पुलिसकर्मी मौजूद थे। वकील बदला लेने के लिए हवालात में घुसकर हमला करना चाहते थे। जब उन्हें रोका गया तो पुलिस के दो वाहनों में आग लगा दी गई थी और कई अन्य वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया।

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