कोरोना संकट के बीच खतरा / दिल्ली पुलिस का दावा- लॉकडाउन के दौरान पुलिसकर्मियों को निशाना बना सकते हैं आईएस के आतंकी
21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा के बाद दिल्ली में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कई जगहों पर पुलिस बैरिकेडिंग कर लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों को रोक रही है। यह लॉकडाउन के दौरान लोगों को हो रही दिक्कतों को दूर करने में भी जुटी है।
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दिल्ली के डीसीपी ( स्पेशल सेल) संजीव कुमार यादव ने कहा- शहर में तैनात पुलिसकर्मियों को आईएस के संदिग्ध आतंकियों के गतिविधियों की जानकारी दे दी जाएगी
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लॉकडाउन की घोषणा के बाद दिल्ली में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, शहर के विभिन्न स्थानों पर पुलिसकर्मी लॉकडाउन का उल्लंघन रोकने और लोगों की मदद में जुटी है
नई दिल्ली. आईएसआईएस के आतंकी कोरोना लॉकडाउन के दौरान पुलिस को निशाना बना सकते हैं। दिल्ली के डीसीपी ( स्पेशल सेल) संजीव कुमार यादव ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस बारे में जल्द ही शहर भर में तैनात पुलिसकर्मियों को जानकारी दे दी जाएगी। कोरोना की वजह से कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया है।
21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा के बाद दिल्ली में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कई जगहों पर पुलिस बैरिकेडिंग कर लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों को रोक रही है। यह लॉकडाउन के दौरान लोगों को हो रही दिक्कतों को दूर करने में भी जुटी है।
मार्च में आईएस के दो संदिग्ध गिरफ्तार हुए थे
दिल्ली पुलिस ने 8 मार्च को इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रॉविंस (आईएसकेपी) मॉड्यूल से जुड़े कश्मीरी दंपती को गिरफ्तार किया था। जामिया नगर से जहांजेब सामी और हीना बशीर बेग को गिरफ्तार किया गया था। ये श्रीनगर के रहने वाले थे। दोनों सीएए के खिलाफ प्रदर्शन का इस्तेमाल मुस्लिम युवाओं को भड़काकर आतंकी हमले के लिए करना चाहते थे। पुलिस को इनके पास से इलेक्ट्रॉनिक गैजेट और जिहादी दस्तावेज भी मिले थे। ये लोग अफगानिस्तान में आईएसकेपी के टॉप लीडर्स के संपर्क में थे।
दिल्ली में अब तक1339 लोग क्वारैंटाइन किए गए
दिल्ली में सरकार ने अब तक 1339 लोगों को क्वारैंटाइन कराया है। मंगलवार को 23 नए केस सामने आए। सोमवार को भी 25 मामले मिले थे। यहां निजामुद्दीन इलाके में तब्लीगी जमात के मरकज में 1 से 15 मार्च तक 5 हजार से ज्यादा लोग आए थे। इनमें इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड और देश के 15 राज्यों के लोग शामिल हुए थे। 22 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा के बाद भी यहां 2 हजार लोग ठहरे हुए थे। यहां से लौटे सैकड़ों लोग संक्रमित मिले हैं। अब पुलिस जमात में शामिल सभी लोगों को ट्रैक करने में जुटी है।