दिल्ली सरकार के लॉकडाउन से जुड़े अहम फैसले 7 पाइंट में यहां जानें, कई अहम बातें हैं जिन पर एलजी की मुहर लगनी बाकी

कोरोना केस को देखते हुए दिल्ली में एक बार फिर से लॉकडाउन (Lockdown) लगने की चर्चाएं तेज़ हो गई है. सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने लॉकडाउन की अनुमति के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजा है.

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नई दिल्ली. दिल्ली में कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए दिल्ली सरकार कई अहम फैसले लेने जा रही है. लेकिन इससे पहले उसे उपराज्यपाल की मंजूरी लेनी होगी. एलजी की मंजूरी मिलती है तो दिल्ली में लॉकडाउन लग सकता है. शादी-समारोह में शामिल होने वाली मेहमानों की संख्या घटाई जा सकती है. इसके साथ ही और भी कई अहम बातें हैं जिन पर एलजी की मुहर लगनी बाकी है.
  • कोरोना के हालात को देखते हुए शादियों में अब 200 की बजाय केवल 50 लोग ही शामिल हो सकेंगे. पहले बंद हॉल में 200 मेहमान और खुले एरिया में अनलिमिटेड की अनुमति दी गई थी. लेकिन अब यह संख्या सिमटकर 50 तक ही रह सकती है.
  • दिल्ली में बाज़ार और सार्वजनिक स्थानों के हालात को देखते हुए दिल्ली सरकार लॉकडाउन भी लगा सकती है. लेकिन नियमानुसार इसके लिए उसे दो स्तर पर अनुमति लेनी होगी. गृहमंत्रालय और एलजी की अनुमति के बाद ही दिल्ली में लॉकडाउन लग सकता है.
  • दिल्ली में सभी तरह के अस्पतालों में कोरोना के आईसीयू बैड की कमी चल रही थी. जिसे देखते हुए दिल्ली सरकर ने केन्द्र सरकर से बैड की मांग की थी. सीएम अरविंद केजरीवाल ने जानकारी देते हुए बताया है कि केन्द्र सरकार 750 बैड देने को राजी हो गई है.
  • सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि सभी एजेंसियां कोरोना को काबू करने के लिए दोगुनी मेहनत कर रही हैं, लेकिन यह तभी नियंत्रित हो सकता है, जब सभी लोग ऐहतियात बरतेंगे, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे और मास्क पहनेंगे. अगर लोग ऐसा नहीं करते हैं तो फिर और सख्ती बरती जाएगी.
  • अगर किसी भी बाजार में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने के निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है और वह क्षेत्र एक तरफ से स्थानीय कोरोना हॉटस्पॉट बन सकता है, तो वहां पर बाजार को कुछ दिनों के लिए ऐहतियात के तौर पर बंद करने की इजाजत दिल्ली सरकार ने मांगी है. ऐसा प्रस्ताव केंद्र सरकार और एलजी को भेजा गया है.
  • कई लोगों को लगता है कि पड़ोसी को कोरोना हुआ, लेकिन उन्हें नहीं होगा. कोरोना किसी को नहीं देखता है, यह न गरीब को देखता है और न अमीर को देखता है. लेकिन अगर यह बिगड़ जाए तो खतरनाक भी हो सकता है. इसलिए मैं सभी लोगों से हाथ जोड़कर अपील करता हूं कि आप सभी लोग कृपया सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और मास्क जरूरत पहनें.

दिल्ली (Delhi) में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के बढ़ते मामलों से स्थिति और चिंताजनक होती जा रही है. दिल्ली में मंगलवार को कोविड-19 (Covid 19 Delhi) के 6396 नए मामले सामने आए और राष्ट्रीय राजधानी में अब तक संक्रमण (Coronavirus in Delhi) के कुल मामलों की संख्या 4.95 लाख पहुंच गयी है. राजधानी में कोरोना संक्रमण से अब तक 7812 लोगों की मौत हो चुकी है. इन सबके बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने मंगलवार को केन्द्र सरकार से उन बाजार क्षेत्रों में लॉकडाउन (Delhi Lockdown) लगाने का अधिकार मांगा, जो कि कोविड-19 के ‘हॉटस्पॉट’ बन सकते हैं. आइये जानते हैं कि दिल्‍ली में अगर लॉकडाउन लगा तो कौन-कौन सी गतिविधियों पर रोक लगेगी…

शादी समारोह में घटेगी संख्‍या
दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऑनलाइन तरीके से मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल को शादी समारोहों में 200 के बजाय अब केवल 50 तक की ही संख्या में लोगों को शामिल होने देने के संबंध में एक प्रस्ताव भेजा है. लॉकडाउन हटने के बाद दिल्‍ली सरकार ने शादी समारोह में 200 लोगों के शामिल होने की अनुमति दे दी थी. लेकिन अब यह संख्‍या फिर से घटकर 50 की जा सकती है.

सार्वजनिक परिवहन और बाजार भी बंद करने का सुझाव
कांग्रेस ने कहा कि प्रस्ताव के कोई परिणाम नहीं निकलेंगे और सरकार को लोगों की जिंदगी बचाने के लिए बाजारों, सार्वजनिक परिवहन और कार्यालयों को पूर्ण रूप से बंद करना चाहिए. पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने आरोप लगाया कि विज्ञापन देने के सिवाय कुछ नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘हम ये कहना चाहते हैं कि बाजार बंद होने चाहिए. चुनिंदा ढंग से बंद नहीं होने चाहिए. वर्क फ्रॉम होम को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. मेट्रो अगर चले तो बिल्कुल चले, नहीं चले तो बिल्कुल नहीं चले.’

दिल्‍ली से नोएडा जाने वाले लोगों की औचक कोरोना जांच
राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी के कारण बुधवार से दिल्ली से नोएडा आने वाले लोगों की औचक तरीके से कोविड-19 की जांच की जाएगी. गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बताया कि नोएडा और दिल्ली के बीच लोगों की मुक्त आवाजाही पर किसी तरह की पाबंदी नहीं होगी. बॉर्डर पर लोगों की औचक कोरोना जांच कराई जाएगी.

बाजार बंद कराने से कारोबारी नाराज
दिल्‍ली में बाजारों को बंद कराने संबंधी भेजे गए प्रस्‍ताव का कारोबारियों ने विरोध किया है. उनका कहना है कि उन्हें ‘बलि का बकरा’ बनाया जा रहा है. अभी वे सब पहले वाले लॉकडाउन से हुए नुकसान से ही नहीं उबर पाए हैं. सरोजनी नगर बाजार संघ के महासचिव अशोक रंधावा ने कहा कि सरकार हमसे बलि के बकरे जैसा व्यवहार कर रही है. हमने इस त्योहारी मौसम में नुकसान की कुछ भरपाई की है और सरकार फिर से बाजार बंद करने की धमकी दे रही है.

हॉटस्‍पॉट बनने की आशंका के चलते बंद होंगे बाजार
सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार, केन्द्र और सभी एजेंसियां राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए दोगुना प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दीपावली उत्सव के दौरान देखा गया कि अनेक लोगों ने मास्क नहीं पहन रखा था और वे उचित दूरी के नियम का पालन नहीं कर रहे थे जिसकी वजह से कोरोना वायरस बहुत अधिक फैल गया. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हालांकि, यदि मास्क पहनने और उचित दूरी बनाकर रखने के नियम का उल्लंघन होगा तथा इन बाजारों के स्थानीय कोरोना वायरस ‘हॉटस्पॉट’ बनने की आशंका होती है तो सावधानी के तौर पर इन्हें कुछ दिन के लिए बंद किया जा सकता है.’

28 अक्‍टूबर के बाद से बढ़े कोरोना केस
दिल्ली में 28 अक्टूबर के बाद से कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है जब पांच हजार से अधिक नए मामले सामने आए थे. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जून में दिल्ली में बहुत कम जांच हो रही थी और हर दिन करीब 5,776 जांच हो रही थी. सितंबर में जांच की संख्या बढ़कर 50,000 से ज्यादा हो गयी. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि कुछ संक्रमित लोगों की जांच नहीं हो पायी हो जिसके कारण हाल में मामले बढ़े हैं.

हॉटस्‍पॉट में तैनात होंगी टीमें
राष्ट्रीय राजधानी में निषिद्ध क्षेत्रों और जोखिम वाले इलाके में संक्रमण के मामलों का पता लगाने के लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण करने का फैसला किया गया है और इस के लिए 7,000 से 8000 टीमें तैनात की जाएंगी. इस बारे में नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने बताया कि कोविड राष्ट्रीय कार्यबल ने कहा है कि आईसीयू बेड की क्षमता अगले कुछ दिनों में 3,523 से बढ़ाकर 6,000 कर दी जाएगी. इस बीच, प्राधिकारों ने अस्पतालों में आईसीयू बेड बढ़ाने, जांच की क्षमता बढ़ाकर एक से 1.2 लाख करने और ज्यादा जोखिम वाले स्थानों पर 7,000-8000 निगरानी टीमों की तैनाती समेत अन्य रणनीति तैयार की है.

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