निर्भया के दोषियों की आखिरी कोशिश: कोर्ट ने जताई नाराजगी, कहा-अब इस मामले में कुछ बचा नहीं है

आरोपियों के वकील ने दाखिल की याचिका, सुबह 5.30 बजे होनी है चारों को तिहाड़ जेल में फांसी

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नई दिल्ली. निर्भया (Nirbhaya) के चारों दोषी फांसी की सजा से बचने की अब भी कोशिश में हैं. अब तीन दोषियों ने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi Highcourt) में गुरुवार देर रात याचिका लगा कर फांसी की सजा पर रोक की अर्जी दी है. इस याचिका पर सुनवाई शुरू हो गई है. बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट की जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संजीव नरूला की बेंच मामले की सुनवाई कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार आरोपियों के वकील एपी सिंह ने सेशन कोर्ट के फांसी देने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि याचिका में कोई भी डॉक्यूमेंट पूरा नहीं है. न ही एनेक्सचर है, कोई एफिडेविट नहीं है और न ही किसी पार्टी का मेमो है. कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि इस मामले में अब कुछ बचा नहीं है, क्या आपको ये याचिका लगाने की इजाजत है. इस पर सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते कोई भी फोटो कॉपी करने वाले उपलब्‍ध नहीं थे.

कोर्ट नाराज, कहा- तीन कोर्ट गए हैं आज आप, फिर काम कैसे नहीं हो रहे

एपी स‌िंह की दलील पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आज आप तीन कोर्ट में मामले को लेकर गए हैं. ऐसे में आप ये नहीं कह सकते कि कोरोना के चलते आपके काम नहीं हो सके. हम भी रात को दस बजे आपको सुनने के लिए बैठे हैं.

इससे पहले खारिज हुई थी याचिका
इससे पहले मामले में दोषियों में से एक पवन गुप्ता की क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर दिया गया था. वहीं पवन और अक्षय की दूसरी दया याचिका को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दिया था. इसी के साथ गुरुवार दोपहर बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने भी इस मामले में दोषियों की ओर से दायर एक याचिका को खारिज कर दिया. याचिका में फांसी की सजा को रोकने की मांग की गई थी. अब माना जा रहा है कि चारों दोषियों की फांसी शुक्रवार सुबह 5.30 बजे के तय समय पर ही होगी. अब इन सभी की फांसी में कोई अड़चन नजर नहीं आ रही है.

निर्भया की वकील ने कहा- कल ही होगी फांसी
वहीं इस निर्भया की तरफ से वकील सीमा कुशवाहा ने कहा था कि मुझे अब यकीन है कि चारों दोषियों को शुक्रवार को ही तय समय पर फांसी की सजा दी जाएगी. वहीं दोषी अक्षय के वकील ने कहा है कि दया याचिका खारिज होने की वजह से कई लोग प्रभावित होंगे. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दया याचिका पर टिप्पणी की थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आप कह रहे हैं कि आपने दूसरी बार दया याचिका दाखिल की और राष्ट्रपति ने उसे रिजेक्ट कर दिया. शीर्ष अदालत ने सवाल किया कि क्या अब न्यायिक समीक्षा की गुंजाइश है?

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