CAA Protest: अब जाफराबाद में सड़क पर उतरीं महिलाएं, मेट्रो स्टेशन बंद

संशोधित नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के खिलाफ जाफराबाद में प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने जाफराबाद मेट्रो स्टेशन (Zafarabad Metro Station) के एंट्री और एग्जिट गेट को बंद कर दिया है. इस स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव भी नहीं होगा.

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नई दिल्ली. दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के एंट्री और एग्जिट गेट को बंद कर दिया है. इस स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव भी नहीं होगा. संशोधित नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (National Register of Citizens) के खिलाफ राजधानी दिल्ली के जाफराबाद मेट्रो स्टेशन (Zafarabad Metro Station) के पास शनिवार से 500 लोग प्रदर्शन कर रहे हैं.

 

तिरंगा लेकर महिलाओं ने लगाए ‘आजादी’ के नारे


लगभग 500 लोग इकट्ठा हुए जिससे एक मुख्य सड़क पर आवागमन बंद हो गया. मेट्रो स्टेशन के निकट एकत्र होने वाले लोगों में ज्यादातर महिलाएं थीं. महिलाओं ने तिरंगा लेकर ‘आजादी’ के नारे लगाते हुए कहा कि वे तब तक प्रदर्शनस्थल से नहीं हटेंगी, जब तक कि केंद्र सरकार सीएए को रद्द नहीं कर देती. कानून-व्यवस्था को देखते हुए प्रशासन ने मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है.
प्रदर्शनकारियों ने अपनी बांह पर एक नीली पट्टी बांधी और ‘जय भीम’ के नारे भी लगाए. इलाके में महिला पुलिसकर्मियों सहित भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है. महिलाओं ने सीलमपुर को मौजपुर और यमुना विहार से जोड़ने वाली सड़क नंबर 66 को अवरुद्ध कर दिया है. अचानक विरोध-प्रदर्शन के कारण यातायात बाधित हो गया. सड़क को खाली कराने के लिए पुलिस प्रदर्शनकारियों से बात करने की कोशिश कर रही है.
क्या है सीएए
संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण देश में शरण लेने आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के उन लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी, जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 तक भारत में प्रवेश कर लिया था. ऐसे सभी लोग भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे. इस कानून के विरोधियों का कहना है कि इसमें सिर्फ गैर मुस्लिमों को ही नागरिकता देने की बात कही गई है, इसलिए यह कानून धार्मिक भेदभाव वाला है, जो कि संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है.

क्या है एनआरसी
एनआरसी यानी नेशनल सिटिजन रजिस्टर के जरिए भारत में अवैध तरीके से रह रहे घुसपैठियों की पहचान की जाती है. अभी तक एनआरसी की प्रक्रिया सिर्फ असम में की गई है. असम में एनआरसी की फाइनल सूची जारी की जा चुकी है लेकिन असम में एनआरसी की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पूरी की गई है. केंद्र सरकार ने कहा है कि वह पूरे देश में NRC को लागू करेगी. साथ ही यह भी कहा था कि देश भर में लागू होने वाली एनआरसी के मानक असम की एनआरसी के मापदंड से अलग होगा.

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