दिल्ली हिंसा: ED ने ताहिर हुसैन के खिलाफ मामला किया दर्ज, पुलिस ने की तीन गिरफ्तारी

पुलिस ने बताया कि वे जिले में हिंसा के दौरान 24 फरवरी को हुसैन के साथ थे. अपराध शाखा ने दंगों के संबंध में सोमवार को हुसैन के भाई शाह आलम को गिरफ्तार किया. आलम को पनाह देने वाले तीन अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था.

नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ‘आप’ के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन, इस्लामी समूह पीएफआई (PFI) और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ धनशोधन और राष्ट्रीय राजधानी (National Capital) में हाल में हुए दंगों के लिए कथित रूप से धन मुहैया कराने के आरोपों के तहत मामले दर्ज किए हैं, वहीं दिल्ली पुलिस ने हुसैन के तीन साथियों को गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. बता दें, हुसैन उत्तर पूर्वी दिल्ली में पिछले महीने हुए हिंसा के दौरान एक आईबी अधिकारी की हत्या के आरोपों का सामना कर रहे हैं.

आपराधिक मामला हुआ दर्ज

की जांच करने के लिए दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा द्वारा दायर प्राथमिकियों का संज्ञान लिया है. इस हिंसा में 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.

पीएफआई पर चल रही है जांच

पीएफआई के संदर्भ में, ईडी देश में सीएए के खिलाफ हिंसा को भड़काने के लिए 120 करोड़ रुपए का धन कथित रूप से मुहैया कराने को लेकर पहले ही संगठन के खिलाफ जांच कर रहा है. एजेंसी पिछले एक पखवाड़े में इसके करीब आधा दर्जन पदाधिकारियों से पूछताछ कर चुकी है. पीएफआई और कुछ अन्य संबंधित संगठनों के खिलाफ इस मामले की जांच 2018 ईसीआईआर के तहत की जा रही है, जो पुलिस प्राथमिकी के बराबर है. इस्लामी संगठन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसके वित्तीय लेन-देन पारदर्शी हैं.

पुलिस ने तीन लोगों को किया गिरफ्तार
इस बीच शहर की पुलिस ने हुसैन के तीन साथियों को उत्तरपूर्वी दिल्ली में साम्प्रदायिक दंगों के संबंध में गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने बुधवार को बताया कि दयालपुर निवासी आबिद तथा नेहरू विहार निवासी मोहम्मद शादाब तथा राशिद सैफी को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने मंगलवार को गिरफ्तार किया.

पुलिस ने बताया कि वे जिले में हिंसा के दौरान 24 फरवरी को हुसैन के साथ थे. अपराध शाखा ने दंगों के संबंध में सोमवार को हुसैन के भाई शाह आलम को गिरफ्तार किया. आलम को पनाह देने वाले तीन अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था.

पिछले सप्ताह हुई थी गिरफ्तारी
दिल्ली पुलिस ने गत सप्ताह हुसैन को गिरफ्तार किया था जब यहां एक अदालत ने नये नागरिकता कानून को लेकर हिंसा के दौरान खुफिया ब्यूरो (आईबी) के कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या के संबंध में उसके समक्ष आत्मसमर्पण करने की हुसैन की याचिका खारिज कर दी थी.

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