Air Pollution: दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में, रात में और ‘गंभीर’ होने की आशंका
आईएमडी के पर्यावरण अनुसंधान केंद्र के प्रमुख वीके सोनी (Vk sony) ने कहा कि हवा नहीं चलने और पटाखों के कारण दिवाली की रात वायु गुणवत्ता “गंभीर” श्रेणी में जा सकती है. उन्होंने कहा कि 16 नवंबर को वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है.
नई दिल्ली. दिल्ली में वायु गुणवत्ता (AQI) का स्तर शनिवार की सुबह “बेहद खराब” श्रेणी में रहा. सरकारी एजेंसियों और मौसम विज्ञान विशेषज्ञों के मुताबिक, पटाखे (Firecrackers) जलने और हवा की गति मंद होने से यह वायु गुणवत्ता “गंभीर” श्रेणी में भी जा सकती है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली ‘सफर’ की ओर से कहा गया कि यदि दिवाली (Diwali) पर पटाखे नहीं जलाए जाएंगे तो दिल्ली की हवा में ‘पीएम 2.5’ कणों की मात्रा पिछले चार साल के मुकाबले सबसे कम रहने की संभावना है.
पटाखे न जलाए जाने की स्थिति में दिवाली के समय दिल्ली में प्रदूषण का स्तर “बेहद खराब” श्रेणी में रहने का अनुमान है. सफर की ओर से कहा गया कि पराली जलाने और हवा की गति मंद होने के कारण दिवाली की रात वायु गुणवत्ता के “बेहद खराब” से “गंभीर” के बीच की श्रेणी में रहने का अनुमान है. पटाखे जलाए जाने की स्थिति में रविवार की सुबह ‘पीएम 2.5’ कणों की मात्रा में वृद्धि हो सकती है. शहर में सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 369 दर्ज किया गया. चौबीस घंटे का औसतन एक्यूआई शुक्रवार को 339 और बृहस्पतिवार को 314 था. फरीदाबाद में एक्यूआई 323, गाजियाबाद में 412, नोएडा में 362, ग्रेटर नोएडा में 350 और गुरुग्राम में 338 दर्ज किया गया.
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में सुधार होने के आसार हैं
गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है
आईएमडी के पर्यावरण अनुसंधान केंद्र के प्रमुख वीके सोनी ने कहा कि हवा नहीं चलने और पटाखों के कारण दिवाली की रात वायु गुणवत्ता “गंभीर” श्रेणी में जा सकती है. उन्होंने कहा कि 16 नवंबर को वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है.