तेज हो रहा चक्रवात ताऊ ते:गुजरात की ओर बढ़ रहा तूफान, मुंबई सहित उत्तरी कोंकण में तेज हवा के साथ भारी बारिश का अलर्ट
महाराष्ट्र, केरल और गुजरात के तटों पर तीन दिन तक तूफान का असर रहने की आशंका है। तमिलनाडु और कर्नाटक में भी इसका असर हो सकता है।
अहमदाबाद। गुजरात और महाराष्ट्र समेत पांच राज्यों पर अरब सागर में बन रहे चक्रवात ‘ताऊ ते’ का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक तूफान गुजरात की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इस वजह से मुंबई सहित उत्तरी कोंकण में कुछ स्थानों पर रविवार से ही तेज हवा के साथ भारी बारिश हो सकती है। अगले 12 घंटों के दौरान इसके बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है। यह तूफान 18 मई की सुबह गुजरात के पोरबंदर और महुआ कोस्ट के बीच से गुजरेगा।
The CS Tauktae lay centred at 2330 IST of 15th May over Arabian Sea about 170 km southwest of Panjim-Goa, 520 km south of Mumbai. It is very likely to intensify into a VSCS, cross Gujarat coast between Porbandar & Mahuva (Bhavnagar district) around 18th May early morning. pic.twitter.com/OzRsI6hoBB
— India Meteorological Department (@Indiametdept) May 15, 2021
IMD के मुताबिक शनिवार देर रात 2.30 बजे ये चक्रवात गोवा के पणजी तट से 150 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में, मुंबई से 490 किलोमीटर दक्षिण, गुजरात के वेरावल से 880 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में था। तूफान के दौरान बारिश के साथ 150 से 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। महाराष्ट्र, केरल और गुजरात के तटों पर तीन दिन तक तूफान का असर रहने की आशंका है। तूफान का असर तमिलनाडु और कर्नाटक में भी हो सकता है। इस चक्रवात को म्यांमार ने ‘ताऊ ते’ नाम दिया है।
मोदी ने हाईलेवल मीटिंग की
तूफान के खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हाईलेवल मीटिंग की और तैयारियों का जायजा लिया। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से बताया गया कि मीटिंग में केंद्र सरकार के सीनियर अफसरों के साथ-साथ महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और गुजरात के अधिकारी शामिल हुए।
The CS “Tauktae” intensified into a SCS, lay centred at 1730 IST of 15th May over eastcentral Arabian Sea, about 220 km SSW of Panjim-Goa, 590 km SSW of Mumbai. Likely to intensify further into a VSCS & cross Gujarat coast between Porbandar & Naliya around 18th May A/N /Evening. pic.twitter.com/1nScsezDhD
— India Meteorological Department (@Indiametdept) May 15, 2021
बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि कैबिनेट सचिव तटीय राज्यों के मुख्य सचिवों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों के लगातार संपर्क में रहेंगे। गृह मंत्रालय 24 घंटे इस पर नजर बनाए रखेगा और राज्यों के संपर्क में रहते हुए फौरन जरूरी सुविधाएं मुहैया करवाएगा।
NDRF की 53 टीमें अलर्ट पर
NDRF के महानिदेशक एसएन प्रधान ने शुक्रवार को बताया- NDRF की 53 टीमों को केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों पर तैनात किया जा रहा है।
वायुसेना अलर्ट; मछुआरों को चेतावनी दी गई
- तूफान की संभावना को देखते हुए भारतीय वायुसेना भी अलर्ट मोड में है। वायुसेना ने 16 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और 18 हेलिकॉप्टर को राहत और बचाव कार्य के लिए तैयार रहने के लिए कहा है।
- गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र के समुद्री इलाकों में साइक्लोन को लेकर कोस्ट गार्ड अलर्ट पर है। साथ ही मछुआरों को समंदर से दूर रहने की चेतावनी दी गई है।
गुजरात पर सबसे ज्यादा असर
मौसम विभाग का कहना है कि इस चक्रवात का सबसे ज्यादा असर गुजरात पर पड़ेगा। द्वारका, कच्छ, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, अमरेली, राजकोट, मोरबी और जामनगर जिलों में फूस के बने मकान पूरी तरह तबाह हो जाएंगे, मिट्टी के घरों को भी भारी नुकसान होगा, पक्के मकानों को भी कुछ नुकसान पहुंच सकता है। भारी बारिश के कारण कुछ इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो सकते हैं।
गुजरात, महाराष्ट्र समेत 7 राज्यों में ताऊ ते चक्रवात का असर पड़ेगा, जानें अगले 4 दिन में कब-कहां पहुंचेगा और कितना नुकसान करेगा?
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि अरब सागर में बना कम दबाव का क्षेत्र रविवार तक चक्रवात का रूप ले सकता है। इसकी वजह से मुंबई, गोवा, दक्षिण कोंकण के साथ गुजरात के कुछ इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। 2021 में आने वाले इस पहले चक्रवात को ‘ताऊ ते’ नाम दिया गया है। इसका असर अगले तीन से चार दिन तक रहेगा।
इस चक्रवात काे ताऊ ते नाम किसने दिया और इसका क्या मतलब होता है? ताऊ ते कब-कहां पहुंचेगा? इससे कितना नुकसान हो सकता है? क्या इसकी वजह से मानसून आने में भी देरी हो सकती है? आइए जानते हैं…
इस चक्रवात को ‘ताऊ ते’ नाम किसने दिया और इसका क्या मतलब होता है?
ताऊ ते का मतलब होता है ‘गेको’ जो बर्मी भाषा में एक हिंसक छिपकली की प्रजाति है। चक्रवात को ये नाम म्यांमार ने दिया है। चक्रवात के नाम क्षेत्र के देशों द्वारा रोटेशन के आधार पर दिए जाते हैं। एशिया पैसिफिक क्षेत्र में 13 देश शामिल हैं जो इन चक्रवातों का नाम तय करते हैं। इन देशों में भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, पाकिस्तान, मालदीव, ओमान, श्रीलंका, थाईलैंड, ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन शामिल हैं।
इस चक्रवात के कारण भारत के पश्चिमी तट पर भारी बारिश के साथ तेज हवाएं चलेंगी, क्योंकि यह भारतीय तट के बहुत करीब है। इससे पहले 2004 की मई में एक चक्रवात भारतीय तटों के इतने करीब से गुजरा था। हालांकि वो भारत के मैदानी इलाकों तक नहीं पहुंच सका था और समुद्र में ही विलुप्त हो गया था। हालांकि ताऊ ते के भारत के मैदानी इलाकों तक पहुंचने के आसार हैं। ये असामान्य और अनोखे चक्रवात के रूप में रिकॉर्ड बुक में जगह बना सकता है।
ताऊ ते कब-कहां पहुंचेगा?
मौसम विभाग के मुताबिक शनिवार सुबह साढ़े 11 बजे ये चक्रवात गोवा के पणजी तट से 290 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में, मुंबई से 650 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम, गुजरात के वेरावल से 880 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पूर्व में था।
18 मई को गुजरात के तट पर इसके पहुंचने का अनुमान है। 18 मई की दोपहर या शाम तक ये चक्रवात पोरबंदर और नालिया से गुजर सकता है। अगले चार दिन तक इसका असर देश के कई राज्यों में दिखाई देगा।
कहां क्या कर सकता है ताऊ ते?
लक्षद्वीप में आज कई इलाकों में इस चक्रवात की वजह से भारी बारिश हो सकती है। केरल के कुछ इलाकों में आज भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है तो कल भी इसके कुछ इलाकों में भारी बारिश का अनुमान है।
मौसम विभाग ने कर्नाटक के समुद्री इलाकों में कुछ जगह भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान लगाया है। कोंकण और गोवा के कुछ इलाकों में आज और कल भारी बारिश हो सकती है।
गुजरात के समुद्री इलाकों, सौराष्ट्र, कच्छ और दीव में आज और कल इस चक्रवात की वजह से भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है। मंगलवार को पोरबंदर, द्वारका, जामनगर और कच्छ में 20 सेंटीमीटर या उससे भी ज्यादा बारिश हो सकती है। इसी दिन ये चक्रवात गुजरात के तट से टकराएगा।
चक्रवात का असर पश्चिमी राजस्थान पर भी पड़ेगा। इसके चलते 18 और 19 मई को पश्चिम राजस्थान के कई इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग 24 घंटे के भीतर 64.5 मिलीमीटर से लेकर 115.5 मिलीमीटर तक की बारिश को भारी, वहीं 115.6 मिलीमीटर से लेकर 204.4 मिलीमीटर तक बारिश को बहुत भारी बारिश कहता है।
चक्रवात के असर वाले इलाकों में आज 125 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक से हवाएं चल सकती हैं। वहीं, कल और 18 मई को कई जगहों पर 150 से 175 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है।
इससे कितना नुकसान हो सकता है?
मौसम विभाग का अनुमान है कि इस चक्रवात का सबसे ज्यादा असर गुजरात पर पड़ेगा। द्वारका, कच्छ, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, अमरेली, राजकोट, मोरबी और जामनगर जिलों में फूस के बने मकान पूरी तरह तबाह हो जाएंगे, मिट्टी के घरों को भी भारी नुकसान होगा, पक्के मकानों को भी कुछ नुकसान पहुंच सकता है। कई जगह बिजली के खंभे गिर सकते हैं। कई जगहों पर सड़कों को भी भारी नुकसान होगा। भारी बारिश के कारण कुछ इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो सकते हैं। रेलवे, ओवरहेड पावर लाइन और सिग्नलिंग सिस्टम पर भी असर पड़ सकता है।
क्या इसकी वजह से मानसून आने में भी देरी हो सकती है?
ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि ताऊ ते की वजह से मानसून आने में देरी हो सकती है, लेकिन एक्सपर्ट्स ऐसा नहीं मानते हैं। न ही मौसम विभाग की ओर से ऐसा कोई अनुमान जारी किया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक मानसून अपने तय समय पर ही आएगा।
वहीं, कुछ एक्सपर्ट कहते हैं कि इस तरह की आशंका निराधार है। भारतीय समुद्र तट के करीब मानसून के पहले बनने वाले इस तरह के तीव्र सिस्टम अपने साथ मानसून को भी लेकर आते हैं। ऐसे में अगर मानसून समय से पहले केरल के तट से टकरा जाए तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। पिछले साल भी मानसून से पहले निसर्ग चक्रवात आया था, लेकिन उसकी वजह से मानसून में कोई देरी नहीं हुई थी। खड़ी फसल को भी भारी नुकसान पहुंचेगा।