हैदराबाद: IPL में सट्टा लगाने से रोका, शख्स ने जहर देकर मां-बहन की कर दी हत्या

पुलिस के मुताबिक, बीते 24 नवंबर को साईनाथ ने खाने में जहर मिला था. इसे खाने से उसकी मां सुनिता और बहन अनुशा की तबीयत बिगड़ने लगी. उल्टियां होने के बाद दोनों ने साईनाथ से डॉक्टर बुलाने को कहा. लेकिन, बताया जा रहा है कि साईनाथ ने ऐसा नहीं किया और इलाज नहीं मिलने के कारण मां-बहन की मौत हो गई.

हैदराबाद. तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में एक शख्स ने सट्टेबाजी (Betting) से रोकने पर अपनी मां और बहन की हत्या कर दी. पुलिस ने रविवार को बताया कि शख्स को सट्टा खेलने की लत थी. पिता की सेविंग इनकम से वह आईपीएल मैचों (IPL Cricket Tournament) में सट्टा लगाना चाहता था. मां और बहन ने उसे ऐसा करने से रोका था. इससे गुस्साए शख्स ने दोनों के खाने में जहर मिला दिया, जिससे दोनों की मौत हो गई. पुलिस ने लाशों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया गया है.

पुलिस के मुताबिक, आरोपी साईनाथ रेड्डी के पिता मेडचल जिले के रावलकोल गांव के रहने वाले थे. तीन साल पहले हुए एक सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई. परिवार को उनकी लाइफ इंश्योरेंस के 20 लाख रुपये मिले थे. साईनाथ की नजर इस रकम पर थी. साईनाथ को सट्टा खेलने की लत थी. इसके चलते वह काफी रकम हार चुका था और कर्ज में डूबा था. लेकिन, लत की वजह से सट्टेबाजी नहीं छोड़ पाता था.

उसने अपनी मां के सोने के जेवर भी बेच दिए थे. अब कर्ज चुकाने के लिए वह पिता की सेविंग को आईपीएल मैच में लगाना चाहता था. मां और बहन ने उसे ऐसा करने से रोका और पैसे नहीं दिए. इसे लेकर कुछ दिन पहले परिवार में बहुत झगड़ा भी हुआ था.
पुलिस के मुताबिक, बीते 24 नवंबर को साईनाथ ने खाने में जहर मिला था. इसे खाने से उसकी मां सुनिता और बहन अनुशा की तबीयत बिगड़ने लगी. उल्टियां होने के बाद दोनों ने साईनाथ से डॉक्टर बुलाने को कहा. लेकिन, बताया जा रहा है कि साईनाथ ने ऐसा नहीं किया और इलाज नहीं मिलने के कारण मां-बहन की मौत हो गई.

हालांकि, दोनों के अंतिम संस्कार के बाद साईनाथ ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. पुलिस ने शनिवार शाम को उसे गिरफ्तार किया. उससे पूछताछ की जा रही है.

अपराधियों की संलिप्तता :

कोरोना काल में आईपीएल में सट्टेबाजी का बाजार अभी भले ही फीका है लेकिन यदि उसपर अभी से लगाम नहीं कसा गया तो आने वाले दिनों में स्थिति विकट हो जाएगी। पिछले दिनों शहर में सट्टेबाजी को लेकर की गयी फायरिंग और अन्य आपराधिक वारदातों ने यह साबित कर दिया है कि अब शहर के सटोरियों ने आपराधिक गिरोह को अपने साथ ले लिया है। जो गिरोह कल तक रंगदारी वसूलते थे वे अब सट्टेबाजी के पैसे वसूलेंगे। शहर में पहले भी क्रिकेट सट्टेबाजी में पैसों की वसूली के चलते कई लोगों की जान जा चुकी है।

जानलेवा शगल 
29 अगस्त 2018 को टेल्को थाना क्षेत्र के गरुड़ बासा में संदीप नाम के युवक ने क्रिकेट में सट्टा लगाया था। इस कारण घर से 300 मीटर की दूरी पर पेड़ पर फंदा के सहारे आत्महत्या कर लिया।

24 अक्टूबर 2014 को साकची थाना अंतर्गत गरम नाला के शंभू नाथ पांडेय ने घर में पंखा के सहारे लटक कर आत्महत्या कर ली थी। वह क्रिकेट में लगाए सट्टे में हार गये थे और पैसे वसूली के लिए उन्हें धमकी मिल रही थी।

15 जुलाई 2015 को जुगसलाई के नितिन खेरवाल ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वो मैच में सट्टा लगाते थे और लगातार हारने की वजह से कर्जदार हो गये थे।

15 जनवरी 2020 को क्रिकेट की सट्टेबाजी में उलीडीह थाना अंतर्गत डिमना रोड में सुमन रक्षित उर्फ बिट्टू (22) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने माना था कि सट्टे को लेकर ही हत्या हुई। इससे पहले सोनारी और साकची में सट्टेबाजी में पैसे वसूलने को लेकर फायरिंग हो चुकी है।

 

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