भ्रष्ट सरकारी कर्मचारियों को पासपोर्ट नहीं मिलेगा, पहले से जारी किया गया है तो वह भी रद्द किया जाएगा

नियमानुसार, अगर किसी अफसर के खिलाफ आपराधिक मामले में जांच एजेंसी द्वारा एफआईआर दर्ज करवाई गई है, या फिर कोर्ट द्वारा समन जारी किया गया है तो विजिलेंस से क्लीयरेंस मिलने के बाद भी उसका पासपोर्ट रोका जा सकता है।

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  • सरकार के निर्देश के मुताबिक, पासपोर्ट मामले में सेंट्रल विजिलेंस कमीशन और विदेश मंत्रालय मिलकर काम करेगा
  • सरकार ने कहा- अगर ऐसे किसी कर्मचारी या अफसर को पासपोर्ट जारी कर भी दिया गया है, तो उसे रद्द कर दिया जाएगा

नई दिल्ली. अब ऐसे किसी भी कर्मचारी को पासपोर्ट नहीं जारी किया जाएगा जो निलंबित है या उस पर भ्रष्टाचार से जुड़े मामले दर्ज हैं। न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई। विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट जारी किए जाने को लेकर उपलब्ध गाइडलाइन्स की समीक्षा के बाद फैसला किया। पासपोर्ट प्रक्रिया से जुड़े नियमों को और भी सख्त बनाया गया है। केंद्र के सभी विभागों को यह निर्देश जारी किए जा चुके हैं। इसके अनुसार, ऐसे किसी भी कर्मचारी को पासपोर्ट के लिए क्लीयरेंस की आवश्यकता होगी, जो निलंबित है या फिर उस पर भ्रष्टाचार का केस दर्ज है।

नियमानुसार, अगर किसी अफसर के खिलाफ आपराधिक मामले में जांच एजेंसी द्वारा एफआईआर दर्ज करवाई गई है, या फिर कोर्ट द्वारा समन जारी किया गया है तो विजिलेंस से क्लीयरेंस मिलने के बाद भी उसका पासपोर्ट रोका जा सकता है।

कार्मिक मंत्रालय और विदेश मंत्रालय मिलकर काम करेंगे
ऐसे किसी भी भ्रष्ट अफसर या कर्मचारी को पासपोर्ट जारी न किया जा सके, इसके लिए सेंट्रल विजिलेंस कमीशन के साथ कार्मिक मंत्रालय और विदेश मंत्रालय मिलकर काम करेगा। हालांकि, सरकार ने ऐसा प्रावधान भी रखा है, जिसके अंतर्गत आरोपी अफसर या बाबू जांच के दौरान अपना या परिजन का इलाज करवाने के लिए विदेश जा सकते हैं मगर कुछ शर्तों के आधार पर।

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