लॉन्ग कोविड क्या है? क्या यह एक नया खतरा है, जिसकी ज्यादातर लोगों को जानकारी ही नहीं है? अब तक इसके बारे में क्या पता चला है?
कोविड-19 महामारी जब से आई है, तब से बताया जा रहा है कि यह सांस लेने में दिक्कत से जुड़ी बीमारी है। ज्यादातर लोग दो-तीन हफ्ते में ठीक हो जाते हैं। लेकिन, यह आधा सच है। बचा हुआ सच यह है कि सैकड़ों लोगों को कोविड-19 निगेटिव आने के कई महीनों बाद भी लक्षण महसूस हो रहे हैं।
4 months ago I was a fit 23 year old, doing yoga everyday, running, pole-dancing and working as a frontline medical doctor.
Today, because of #LongCovid, I struggle with basic self care and spend most of my time in bed.— Madumetša (@PheidahN) October 13, 2020
यूके के वैज्ञानिक और डॉक्टरों ने ग्लोबल कम्युनिटी को आगाह किया है कि लॉन्ग कोविड पर भी फोकस करें। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इस पर विचार करना शुरू कर दिया है। हाल ही में यूके के नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर हेल्थ रिसर्च (NIHR) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि लॉन्ग कोविड एक सिंड्रोम नहीं, बल्कि चार अलग-अलग सिंड्रोम है।
Six months ago the UK went into lockdown to stop #COVID19 spreading.
Before I caught #Covid_19 in March I was running, hiking, swimming and editing books for a living. Now with #LongCovid I need a daily inhaler and struggle to read a page. #CountLongCovid @KitKennedyMA pic.twitter.com/aHW9Pi47XF
— Amy Durant (@SavingBooks) September 23, 2020
क्या है लॉन्ग कोविड?
- लॉन्ग कोविड की कोई मेडिकल परिभाषा या लक्षणों की लिस्ट नहीं है। जो मरीज कोविड-19 निगेटिव हो गए, उन्हें महीनों बाद भी समस्याएं हो रही हैं। कोविड-19 से उबरने के बाद भी लक्षणों का लॉन्ग-टर्म अनुभव ही लॉन्ग कोविड है।
- लॉन्ग कोविड से जूझ रहे दो लोगों के लक्षण बिल्कुल अलग-अलग हो सकते हैं। लेकिन, कॉमन लक्षण है थकान। सांस लेने में दिक्कत, खांसी, जोड़ों का दर्द, मांसपेशियों का दर्द, सुनने और देखने की समस्याएं, सिरदर्द, गंध और स्वाद न आना।
- इसके साथ-साथ आंतों, किडनी, फेफड़ों और दिल को नुकसान भी इनसे जुड़ी समस्याएं हैं। डिप्रेशन, एंजाइटी और साफ सोच के लिए संघर्ष जैसी मेंटल हेल्थ समस्याएं भी सामने आ रही हैं। यह मुश्किलें किसी भी व्यक्ति की क्वालिटी ऑफ लाइफ बर्बाद कर सकती हैं.
- लॉन्ग कोविड शब्द का इस्तेमाल पहली बार एलिसा पेरेगो (यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की रिसर्च एसोसिएट) ने मई 2020 में अपने कोविड-19 अनुभवों को शेयर करते हुए किया था। तब से कई मरीज इस तरह के अनुभव सुना चुके हैं।
कितने मरीजों को हो रहा है लॉन्ग कोविड?
रोम के सबसे बड़े अस्पताल से ठीक होकर घर लौटे 143 कोविड-19 मरीजों पर की गई एक स्टडी अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल में छपी है। पता चला कि 87% को दो महीने बाद भी कम से कम एक लक्षण तो रहा ही। आधे से ज्यादा को अब भी थकान महसूस होती है।
I am living with #LongCOVID. I am experiencing multi-dimensional and episodic disability, across all dimensions of disability. My primary symptom is fatigue & post-exertion malaise. Along with other symptoms. I want to describe the nature & extent of disability I experience. pic.twitter.com/JCw5MqmXWo
— Darren Brown; HIV Physiotherapist (@darrenabrown) October 9, 2020
- यूके में चालीस लाख लोग द कोविड सिम्टम्प ट्रैकर ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं। पता चला है कि 12% मरीजों को 30 दिन के बाद भी कोई न कोई लक्षण रहा। इसका नया डेटा बताता है कि दो प्रतिशत लोगों में 90 दिन बाद भी लॉन्ग कोविड के लक्षण देखे गए हैं।
- अगस्त 2020 में WHO ने भी इसे नोटिस में लिया और यूके की नेशनल हेल्थ सर्विस, ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (BMJ) और अन्य संस्थाओं से जुड़े रिसर्चर्स व एक्सपर्ट्स से इस पर चर्चा की कि क्या लॉन्ग कोविड को एक अलग बीमारी मानकर फोकस करना चाहिए?
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यह वायरस किस तरह लॉन्ग कोविड का कारण बन रहा है?
इसके बारे में दावे कई हैं, लेकिन तथ्य कोई नहीं। ऐसा लगता है कि वायरस शरीर के ज्यादातर हिस्सों से निकल जाता है, लेकिन तब भी पॉकेट्स में बना रहता है। कोरोनावायरस शरीर के कई सेल्स को इन्फेक्ट कर सकता है।एक दावा कहता है कि कोविड के बाद भी इम्यून सिस्टम एकदम से नॉर्मल नहीं हो जाता और इस वजह से बीमार महसूस कराता है। इसके अलावा यह इंफेक्शन व्यक्ति के शरीर में ऑर्गन के काम करने का तरीका भी बदल रहा है। फेफड़ों में हुआ नुकसान लंबे समय तक परेशान कर सकता है।
- कोविड लोगों के मेटाबॉलिज्म को भी बदल रहा है। इस वजह से ब्लड शुगर लेवल्स कंट्रोल करने में भी दिक्कत आ रही है। खासकर उन लोगों को जिनमें कोविड-19 के बाद डाइबिटीज के लक्षण दिखे हैं। कुछ लोगों में तो फैट्स को प्रोसेस करने का तरीका भी बदला है।
- ब्रेन स्ट्रक्चर में बदलाव के शुरुआती लक्षण मिले हैं। हालांकि, क्या हुआ है यह बताने के लिए डिटेल में जांच करने की जरूरत है। कोविड-19 ने कुछ लोगों में खून पर भी असर डाला है। एबनॉर्मल क्लॉटिंग के साथ ही पूरे शरीर में खून पहुंचाने वाली नलियों के नेटवर्क को भी नुकसान हुआ है।
क्या यह कोविड-19 की गंभीरता पर निर्भर करता है?
- नहीं, बिल्कुल नहीं। आश्चर्य तो इस बात का है कि जिन लोगों को कोविड-19 पॉजिटिव रहने के दौरान माइल्ड लक्षण थे, उन्हें भी लॉन्ग कोविड के लक्षणों से जूझते देखा जा रहा है। इसका मतलब यह है कि जरूरी नहीं है कि यह सिर्फ उन लोगों को परेशान कर रहा है, जो आईसीयू में एडमिट थे।
यदि आपको लॉन्ग कोविड है तो क्या करना चाहिए?
- ब्रिटिश मेडिकल जर्नल से जुड़े डॉक्टर और एक्सपर्ट कह रहे हैं कि यदि आप कोविड-19 से रिकवर नहीं कर पा रहे हैं, अगर आपके लक्षण पूरी तरह से नहीं गए हैं और इंफेक्शन को लेकर निगेटिव आने के बाद भी लक्षण बढ़ते जा रहे हैं तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।