अब तक 19106 केस: बंगाल सरकार ने केंद्र की टीम को संक्रमण वाले इलाकों का जायजा लेने से रोका, गृह मंत्रालय ने कहा- राज्य से सहयोग नहीं मिल रहा

कोरोना के बढ़ते संकट को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से पश्चिम बंगाल में केंद्रीय टीम को भेजने के लिए जो प्रक्रिया अपनाई गई, अब उस पर सवाल उठ रहे हैं. इसी मुद्दे को लेकर केंद्र और राज्य सरकार में तकरार की स्थिति बन गई है.

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  • ICMT टीम को स्थानीय स्तर पर जाने नहीं दिया जा रहाः MHA
  • हमें 15 मिनट पहले ही इस संबंध में सूचना दी गईः बंगाल सचिव
  • मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र के फैसले पर आपत्ति जताई, इसे प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताया
  • केंद्रीय गृह सचिव ने बंगाल के चीफ सेक्रेटरी को चिठ्ठी लिखकर कहा- कोलकाता और जलपाईगुड़ी में केंद्रीय टीम को मदद नहीं मिली
  • देश में सोमवार को 1235 मामले सामने आए, लगातार तीसरे दिन एक हजार से ज्यादा नए मरीज मिले

कोरोना वायरस को लेकर केंद्र और बंगाल सरकार में ठनती नजर आ रही है. गृह मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि इंटर-मिनिस्ट्रीयल सेंट्रल टीमों (ICMTs) के साथ पश्चिम बंगाल में प्रशासन सहयोग नहीं कर रहा है. टीम को राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों से मिलने नहीं दिया जा रहा है.

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में कोरोनावायरस संक्रमण का जायजा लेने पहुंची केंद्रीय टीम को जोखिम वाले इलाकों में जाने से रोक दिया है। इस इंटर मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम (आईएमसीटी) की अगुआई कर रहे रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता अपूर्वा चंद्रा ने कहा कि हम यहां कल सुबह से आए हैं। तबसे ही हमसे कहा जा रहा है सरकार हमारा सहयोग करेगी। एक दिन बीत चुका है और हमने सिर्फ दो जगहों का दौरा किया है।

इस बीच, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को चिठ्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने कहा है कि राज्य में गई आईएमसीटी को कोलकाता और जलपाईगुड़ी में स्थानीय प्रशासन और सरकार से जरूरी सहयोग नहीं मिला। उन्हें प्रभावित इलाकों में जाने से रोका जा रहा है और जमीनी हालात का आकलन करने की मंजूरी नहीं दी जा रही है।

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को पत्र लिखकर कहा कि मंत्रालय के ध्यान में लाया गया है कि कोलकाता और जलपाईगुड़ी में इंटर-मिनिस्ट्रीयल सेंट्रल टीमों के लिए राज्य और स्थानीय प्रशासन की ओर से जरूरी सहयोग नहीं किया गया. इन टीमों को क्षेत्रों का दौरा करने, स्वास्थ्यकर्मियों से मिलने और जमीनी स्तर को जानने से रोका गया.

एक्ट का उल्लंघनः MHA

पत्र में कहा गया कि यह केंद्र सरकार के डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 का उल्लंघन है और साथ ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना करने जैसा है.

1_042120063829.jpgगृह सचिव अजय भल्ला की ओर से लिखा गया पत्र

हालांकि गृह मंत्रालय ने यह जरूर कहा कि राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में इंटर-मिनिस्ट्रीयल सेंट्रल टीमों (ICMTs) के साथ सहयोग किया जा रहा है.

टीम भेजने की प्रक्रिया पर सवाल

कोरोना के बढ़ते संकट को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से पश्चिम बंगाल में केंद्रीय टीम को भेजने के लिए जो प्रक्रिया अपनाई गई, अब उस पर सवाल उठ रहे हैं. इसी मुद्दे को लेकर केंद्र और राज्य सरकार में ट्विटर पर तकरार भी सामने आई.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिख कर ऐतराज भी जताया है. पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने केंद्र के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार की टीम कैसे कोलकाता में लैंड कर सकती है जबकि हमें सिर्फ 15 मिनट पहले ही इस संबंध में सूचना दी गई हो.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य को कोई अग्रिम जानकारी नहीं दी. ये बड़ा मुद्दा है. हम यहां उन्हें सहूलियत देने के लिए हैं. हम उन्हें राज्य में आने की इजाजत नहीं देंगे. अगर वो समझते हैं कि बीएसएफ या एसएसबी की मदद से वो अपनी मर्जी की किसी भी जगह की यात्रा कर सकते हैं तो वो गलतफहमी में हैं.

राजीव सिन्हा ने साफ किया कि राज्य की केंद्र से कोई लड़ाई नहीं है लेकिन एक निश्चित ढांचा और सिस्टम है जिसका पालन किया जाना चाहिए.

ममता बनर्जी की चिट्टी में क्या

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा, ‘मैं आपके संज्ञान में लाना चाहूंगी कि आज केंद्रीय गृह मंत्री ने मुझसे करीब 1 बजे फोन पर बात की और मेरे राज्य में इंटर मिनिस्ट्रीयल सेंट्रल टीम्स के दौरे के बारे में बताया. दुर्भाग्यवश ये टीमें पहले ही एयर इंडिया स्पेशल कॉर्गो फ्लाइट 1701 से कोलकाता एयरपोर्ट पर सुबह 10 बजकर 10 मिनट पर लैंड कर चुकी थीं. यानि टेलीफोन पर हुई बातचीत से बहुत पहले.’

उन्होंने आगे लिखा, ‘केंद्रीय गृह मंत्रालय का 19 अप्रैल 2020 को मुख्य सचिव को लिखा पत्र भी टीमों के लैंड करने से 30 मिनट पहले ही मिला. हालांकि मैं केंद्र सरकार की ओर से पश्चिम बंगाल टीम भेजने संबंधी पूर्व-सक्रियता की तारीफ करती हूं लेकिन ये बिना किसी पूर्व सूचना के किया गया इसलिए ये स्थापित प्रोटोकॉल का उल्लंघन है.’

4 राज्यों में जाएगी टीम

इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने चार राज्यों में भेजे जाने के लिए 6 इंटर मिनिस्ट्रीयल सेंट्रल टीम्स का गठन किए जाने की जानकारी दी थी. हर टीम में एक वरिष्ठ पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट समेत 6 सदस्य हैं. इनका उद्देश्य मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लेना और संबंधित राज्यों को निवारण के लिए निर्देश देना है.

इन टीमों के कार्यक्षेत्र में हॉटस्पॉट्स, हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर, आपदा प्रबंधन, राज्यों की सहायता, लॉकडाउन के नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करना, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, हेल्थवर्कर्स की सुरक्षा और शेल्टर्स की स्थिति जैसे मुद्दों को देखना बताया गया.

केंद्र सरकार ने ऐलान किया था कि इंटर-मिनिस्ट्रीयल सेंट्रल टीमें (ICMTs) पश्चिम बंगाल जाकर पूर्वी मिदनापुर, हावड़ा, कालिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग और कोलकाता जिलों का दौरा करेंगी. बंगाल में ये कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित जिले हैं.

संक्रमितों का आंकड़ा 19000 के पार

देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 19106 हो गई है। मंगलवार को गुजरात में 127, उत्तरप्रदेश में 110, राजस्थान में 83, पश्चिम बंगाल में 53, आंध्रप्रदेश में 35, महाराष्ट्र में 10, कर्नाटक में 10, पंजाब और ओडिशा में 5-5, जबकि हरियाणा और मेघालय में 1-1 मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। ये आंकड़े covid19india.org और राज्य सरकारों से मिली जानकारी के अनुसार हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में कोरोना संक्रमण के कुल 18985 मामले आए हैं। इनमें 15122 का इलाज चल रहा है। 3259 ठीक हुए हैं, वहीं 603 लोगों की मौत हुई है।

कोरोना से जुड़े अहम अपडेट्स

  • दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन 30 लाख लोगों को राशन दिया जाएगा, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है।
  • स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश के 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 61 और जिलों में बीते 14 दिन में कोरोना का कोई नया मामला नहीं सामने आया। इस लिस्ट में शामिल हुए नए 4 जिले हैं लातूर, ओस्मानाबाद, हिंगोली और वाशिम।
  • छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को चिठ्ठी लिखकर 30 हजार करोड़ की मदद मांगी है।

5 दिन जब संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले आए

दिन मामले
19 अप्रैल 1580
18 अप्रैल 1371
13 अप्रैल 1243
20 अप्रेल 1235
16 अप्रैल 1061

27 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों में फैला संक्रमण
कोरोनावायरस अब तक देश के 27 राज्यों में पैर पसार चुका है। वहीं, देश के 7 केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) में भी यह संक्रमण पहुंच चुका है। इनमें दिल्ली, चंडीगढ़, अंडमान-निकोबार, दादरा एवं नगर हवेली, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और पुडुचेरी शामिल हैं।

राज्य कितने संक्रमित कितने ठीक हुए कितनी मौत
महाराष्ट्र 4676 572 232
दिल्ली 2081 431 47
तमिलनाडु 1596 457 18
मध्यप्रदेश 1485 138 76
राजस्थान 1659 230 25
गुजरात 2066 131 77
उत्तरप्रदेश 1294 140 18
तेलंगाना 872 186 23
आंध्रप्रदेश 757 96 22
केरल 423 306 3
कर्नाटक 418 129 17
जम्मू-कश्मीर 380 71 5
पश्चिम बंगाल 392 73 15
हरियाणा 252 142 5
पंजाब 251 49 16
बिहार 126 42 2
ओडिशा 79 25 1
उत्तराखंड 46 18 0
हिमाचल प्रदेश 40 11 2
असम 35 19 1
छत्तीसगढ़ 36 25 0
झारखंड 46 0 2
चंडीगढ़ 29 14 2
लद्दाख 18 14 0
अंडमान-निकोबार 15 11 0
मेघालय 12 0 1
गोवा 7 7 0
पुडुचेरी 7 4 0
मणिपुर 2 1 0
त्रिपुरा 2 1 0
अरुणाचल प्रदेश 1 1 0
दादरा एवं नगर हवेली 1 0 0
मिजोरम 1 0 0
नगालैंड 1 0 0

ये आंकड़े covid19india.org और राज्य सरकारों से मिली जानकारी के अनुसार हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में कोरोना संक्रमण के कुल 18985 मामले आए हैं। इनमें 15122 का इलाज चल रहा है। 3259 ठीक हुए हैं, वहीं 603 लोगों की मौत हुई है।

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