चीन में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 811 हुई, चपेट में आए 37 हजार लोग, मोदी ने जिनपिंग से कहा- चुनौती से निपटने में हम साथ

राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने रविवार को बताया कि शनिवार को इससे 89 और लोगों की जान चली गई और 2,656 नए मामले सामने आए.

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  • 1-2 फरवरी को एयर इंडिया के स्पेशल विमान से 7 मालदीव के नागरिकों समेत 647 भारतीयों को वुहान से नई दिल्ली लाया गया
  • डीजीसीए के मुताबिक वीजा प्रतिबंध एयर क्रू पर लागू नहीं होंगे, वे चीनी नागरिक या चीन से आने वाले अन्य विदेशी हो सकते हैं

बीजिंग. चीन (China) में घातक कोरोना वायरस (coronavirus) से मरने वालों की संख्या बढ़कर 811 हो गई है और इसके संक्रमण के 37,000 से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने रविवार को बताया कि शनिवार को इससे 89 और लोगों की जान चली गई और 2,656 नए मामले सामने आए. आयोग के अनुसार, 31 प्रांतीय स्तर के क्षेत्रों में इससे अब तक कुल 811 लोगों की जान जा चुकी है और 37,198 मामलों की पुष्टि हुई है.उसने बताया कि शनिवार को जिन 89 लोगों की जान गई, उनमें से 81 हुबेई प्रांत के थे, जहां इस विषाणु के कारण सबसे अधिक लोग मारे गए हैं. इसके अलावा दो लोग हेनान में मारे गए. हेबेई, हेइलोंगजियांग, अनहुइ, शानदोंग, हुनान और गुआंग्शी झुआंग में इससे एक-एक व्यक्ति की जान गई है.

कोरोनावायरस / दिल्ली में वुहान से लौटे 406 भारतीयों की रिपोर्ट निगेटिव

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सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ की एक खबर के अनुसार शनिवार को 600 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई, जिनमें से 324 हुबेई प्रांत के थे. चीन के वुहान शहर से लौटे भारतीयों में दिल्ली के छावला स्थित आईटीबीपी सेंटर में भर्ती सभी 406 मरीजों की टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है। 1-2 फरवरी को वुहान से लौटे सभी 647 भारतीयों समेत सात मालदीव के नागरिकों को दिल्ली के आईटीबीपी सेंटर और मानेसर स्थित सेंटर भेजा गया था। आईटीबीपी ने रविवार को कहा कि छावला स्थित सेंटर पर वुहान से लौटे सभी मरीजों की जांच हो गई है। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को चिट्ठी लिखकर सहानुभूति जताई है और कहा कि इस चुनौति से निपटने में भारत के लोग चीन के साथ हैं।

आईटीबीपी ने कहा- इससे पहले सफदरजंग अस्पताल में भेजे गए सात युवक भी आईटीबीपी सेंटर वापस आ गए हैं। मेडिकल प्रोटोकॉल के अनुसार समय-समय पर सभी का चेकअप किया जा रहा है। किसी भी गंभीर स्थिति से निपटने के लिए चार आइसोलेशन बेड्स तैयार रखे गए हैं। इसके साथ ही चार क्रिटिकल केयर लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस भी उपलब्ध हैं।

जापान में जहाज पर 138 भारतीय फंसे

नोवेल कोरोनावायरस की वजह से अब तक 812 लोगों की मौत हो चुकी है। हॉन्गकॉन्ग में जहाज पर फंसे 1800 क्रू मेंबर्स की रिपोर्ट निगेटिव आई है। सभी को जहाज से छुट्टी मिल गई है। उधर, जापान के योकोहामा में क्रूज शिप डायमंड प्रिंसेज में अब वहां की सरकार सेना भेजने की तैयारी कर रही है। जहाज पर 138 भारतीय हैं, जिनमें 132 क्रू मेंबर्स और 6 यात्री हैं। इस शिप पर कोरोनावायरस से संक्रमित 64 लोग हैं। हालांकि, इनमें एक भी भारतीय शामिल नहीं हैं। जहाज पर करीब 3700 लोग मौजूद हैं।

शिप डायमंड प्रिंसेज के कर्मचारी के मुताबिक, लोगों को निकालने के लिए और सेफ्टी प्रोटोकॉल पूरा करने के लिए सेना बुलाया गया है। जहाज पर कोरोनावायरस का मामला सामने आने के बाद उसे अलग-थलग (क्वारैंटाइन) कर दिया गया था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को ट्वीट किया था- कई भारतीय क्रू मेंबर्स दल और यात्री कोरोनावायरस की वजह से जहाज पर फंसे हैं। अब तक किसी की भी पॉजिटिव रिपोर्ट नहीं आई है।

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बिहार में एक युवक को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया

एक महीने पहले चीन से लौटे छात्र टार्जन कुमार को संक्रमण की आशंका के बाद गया के सरकारी अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है। अस्पताल के सीनियर रेजिडेंट हेमंत कुमार ने कहा कि उसे सर्दी और खांसी हुई है, इसलिए एहतियात के तौर पर हमने यह कदम उठाया है। उसके सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।

एक हफ्ते पहले 312 बांग्लादेशी वापस लाए गए थे

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1 फरवरी को बिमान एयरलाइंस के बोइंग 777-300 ईआर विमान से 312 बांग्लादेशी नागरिकों को वापस लाया गया था। बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमिन के मुताबिक, हम अभी वहां कोई उड़ान नहीं भेज सकते। कोई भी क्रू मेंबर वहां जाने के लिए तैयार नहीं है, लिहाजा हमने चीन में फंसे नागरिकों को इंतजार करने के लिए कहा है। मोमिन ने उन रिपोर्टों से इनकार किया, जिसमें कुछ बांग्लादेशी नागरिकों ने लॉकडाउन के कारण भोजन और पीने के पानी की कमी की शिकायत की थी। चीनी अधिकारी 23 जगहों पर बांग्लादेशियों को भोजन और पानी उपलब्ध करा रहे हैं।

उधर, भारतीय नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने शनिवार को कहा कि जो विदेशी 15 जनवरी को या उसके बाद चीन गए, उन्हें भारत आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। डीजीसीए ने शनिवार को एयरलाइंस को दिए अपने सर्कुलर में कहा कि पांच फरवरी से पहले चीनी नागरिकों को जारी किए गए सभी वीजा निलंबित कर दिए गए हैं। चीन में कोरोनावायरस से 810 लोगों की मौत हो गई है। जबकि हॉन्गकॉन्ग और फिलीपींस में 1-1 युवक की जान गई है। चीन में 37111 मामलों की पुष्टि हो चुकी है।

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किसी भी मार्ग से भारत में विदेशियों के प्रवेश पर रोक

  • डीजीसीए ने स्पष्ट किया- ये वीजा प्रतिबंध एयरक्रू पर लागू नहीं होंगे। एयरक्रू चीनी नागरिक या चीन से आने वाले अन्य विदेशी नागरिक हो सकते हैं। 15 जनवरी या उसके बाद चीन जाने वाले विदेशियों को भारत-नेपाल, भारत-भूटान, भारत-बांग्लादेश या भारत-म्यांमार भूमि सीमाओं समेत किसी भी हवाई, भूमि या बंदरगाह से भारत में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।
  • भारतीय एयरलाइंस में इंडिगो और एयर इंडिया ने दोनों देशों के बीच अपनी सभी उड़ानें निलंबित कर दी हैं। स्पाइसजेट की दिल्ली से हॉन्गकॉन्ग के लिए उड़ान सेवा अभी जारी है। 1 और 2 फरवरी को एयर इंडिया ने चीनी शहर वुहान से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए अपने दो विशेष विमान भेजे थे। सात मालदीव के नागरिकों समेत 647 भारतीयों को वहां से नई दिल्ली लाया गया था।

सार्स की तुलना में कोरोनावायरस से ज्यादा मौतें

कोरोनावायरस से होने वाली मौतों ने सार्स को पीछे छोड़ दिया है। वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बताया कि सार्स 2002-03 में 26 देशों में फैला था और नौ महीने में 774 लोगों की जान गई थी। जबकि कोरोनावायरस की चपेट में 27 से ज्यादा देश हैं। इससे अब तक 812 लोगों की मौत हो चुकी है। चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, 2649 लोग रिकवर हो चुके हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। हुबेई में 1400 लोग ठीक हो चुके हैं।

चीन ने कोरोनावायरस का नाम एनसीपी रखा

चीन ने कोरोनावायरस का नाम बदलकर नोवेल कोरोनावायरस निमोनिया (एनसीपी) रखा है। सरकार ने कहा है कि वहां की सरकारी संस्थाओं द्वारा इसे एनसीपी के नाम से जाना जाएगा। वायरस की वजह से चीन में 30 से ज्यादा शहरों को लॉकडाउन कर दिया गया है। सबसे ज्यादा प्रभावित हुबेई प्रांत में 780 लोगों की मौत हो चुकी है।

कोरोनावायरस के मामले
कोरोनावायरस के सिंगापुर में 33, थाईलैंड में 32, हॉन्गकॉन्ग में 26, जापान में 25, दक्षिण कोरिया में 24, ताइवान में 17, मलेशिया में 16, ऑस्ट्रेलिया में 15, जर्मनी और वियतनाम में 13, अमेरिका में 12, फ्रांस में 11, मकाउ में 10, कनाडा और यूएई में 7-7, इटली, ब्रिटेन, फिलीपींस और भारत में 3-3, नेपाल, कंबोडिया, ब्लेजियम, स्पेन, फिनलैंड, स्वीडन, श्रीलंका में 1-1 मामलों की पुष्टि हुई है।

वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक तेद्रोस अधानम घेब्रेयेसस ने कहा कि उन्हें डब्ल्यूएचओ के नेतृत्व में एक अंतरराष्ट्रीय मिशन कोरोना वायरस प्रभावित चीन भेजने के लिए शनिवार को बीजिंग से जवाब प्राप्त हो गया. उन्होंने कहा कि टीम प्रमुख सोमवार या मंगलवार को रवाना होंगे और फिर शेष सदस्य जाएंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या चीन जाने वाली अंतरराष्ट्रीय टीम में यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के सदस्य भी होंगे, उन्होंने कहा, ‘हम ऐसी उम्मीद करते हैं.’

उधर, एएफपी की खबर के मुताबकि डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य आपातकालीन कार्यक्रम प्रमुख माइकल रेयान ने कहा कि चीन के हुबेई में आ रहे कोरोना वायरस के मामलों में ‘ठहराव’ है. यह एक ‘अच्छी खबर’ है, लेकिन इस बारे में कोई भी भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगा.


जल्द से जल्द आ जाएगा कोरोना वायरस का टीका! कोशिश में जुटे साइंटिस्ट्स

सिंगापुर. चीन (China) में महामारी का रूप ले चुके कोरोना वायरस (Corona Virus) प्रकोप से निपटने के लिए जल्द से जल्द इसका टीका विकसित करने के लिए चलाए जा रहे कई लाख डॉलर के महत्त्वकांक्षी अभियान के तहत अमेरिका से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक के वैज्ञानिक नवीनतम प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहे हैं.

यह नया वायरस पिछले साल चीन में सामने आने के बाद से बहुत तेजी से फैला है जिसने मुख्य भूभाग में 800 से ज्यादा लोगों की जान ले ली और 37,000 से अधिक को संक्रमित किया है. कोरोना वायरस के मामले कई अन्य देशों में भी सामने आए हैं.

जल्द से जल्द टीका विकसित करने की कोशिश
किसी भी टीके को तैयार करने में अमूमन वर्षों लग जाते हैं और यह जानवरों पर परीक्षण, मनुष्यों पर क्लिनिकल परीक्षण तथा नियामक स्वीकृतियां प्राप्त करने की एक लंबी प्रक्रिया है लेकिन विश्वभर में विशेषज्ञों की कई टीमें कोरोना वायरस के लिए जल्द से जल्द टीका विकसित करने की कोशिश में जुटी हैं. इस कदम को अंतरराष्ट्रीय स्तर के गठबंधन का समर्थन प्राप्त है और ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि वे छह महीने के भीतर अपना टीका तैयार कर लेंगे.

ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के सीनियर रिसर्चर ने कहा, ‘यह अत्यंत दबाव वाली स्थिति है और हमारे ऊपर बहुत जिम्मेदारी है.’ उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर ‘कुछ तसल्ली’ मिली है कि विश्व की कई टीमें इसी काम में लगी हुई हैं.

कहा, ‘उम्मीद है कि इनमें से कोई एक सफल होगा और इस प्रकोप को रोक पाने में मदद मिलेगी.’ वायरस के प्रसार को देखते हुए छह महीने की समय सीमा भी बहुत ज्यादा लग रही है. माना जा रहा है कि यह वायरस जंगली जानवर बेचने वाले एक बाजार से फैलना शुरू हुआ है जो चीन में प्रतिदिन करीब 100 लोगों की जान ले रहा है.

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