21 दिन लॉकडाउन, पर घबराएं नहीं / राशन, सब्जी की सुविधा मिलती रहेगी : 14 अप्रैल तक क्या खुला, क्या बंद, देखें पूरी लिस्ट
21 दिन के इस लॉकडाउन से घबराएं नहीं, क्योंकि सरकार ने मोदी के भाषण के चंद मिनटों बाद ही एडवायजरी जारी की है। इसमें स्पष्ट किया है कि राशन, सब्जी, दूध, पेट्रोल पंप, बैंक मेिडकल स्टोर जैसी जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी, यानी लोगों को इन चीजों की कोई किल्लत नहीं होने वाली है। सरकार यह भी कोशिश कर रही है कि जरूरी सामान लोगों तक पहुंचाए जाएं
नई दिल्ली. कोरोनावायरस के संक्रमण को तोड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन तक देशभर में लॉकडाउन की घोषणा की है। यानी 14 अप्रैल तक 130 करोड़ से ज्यादा आबादी अपने घरों में ही रहेगी। अचानक की गई इस घोषणा से लोगों में राशन और खाने-पीने के सामान को लेकर चिंता हो गई है।
इस ऐलान के बाद देश के कई हिस्सों में रोजमर्रा की चीजें जुटानें के लिए दुकानों पर लोगों की लंबी कतारें लग गई हैं। 21 दिन के इस लॉकडाउन से घबराएं नहीं, क्योंकि सरकार ने मोदी के भाषण के चंद मिनटों बाद ही एडवायजरी जारी की है। इसमें स्पष्ट किया है कि राशन, सब्जी, दूध, पेट्रोल पंप, बैंक मेडिकल स्टोर जैसी जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी, यानी लोगों को इन चीजों की कोई किल्लत नहीं होने वाली है। सरकार यह भी कोशिश कर रही है कि जरूरी सामान लोगों तक पहुंचाए जाएं यानी होम डिलीवरी की जाए। ताकि कम से कम लोग घरों से बाहर निकलें।
आज से 14 अप्रैल तक क्या खुला और क्या बंद रहेगा…
पेट्रोल-एलपीजी
ये बंद रहेंगे : भारत सरकार के दफ्तर, ऑटोनॉमस और उनसे जुड़े दफ्तर और सरकारी निगम बंद रहेंगे।
इन्हें छूट : डिफेंस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, ट्रेजरी, पेट्रोलियम, सीएनजी, एलपीजी, पीएनजी, आपदा प्रबंधन, पावर जनरेशन और ट्रांसमिशन यूनिट्स, डाकघर, नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर, पहले वॉर्निंग देने वाली एजेंसियां।
बिजली-पानी-सफाई
ये बंद रहेंगे : राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों के दफ्तर, ऑटोनॉमस डिपार्टमेंट और कॉर्पोरेशंस।
इन्हें छूट : पुलिस, होम गार्ड, सिविल डिफेंस, दमकल, आपात सेवाएं, आपदा प्रबंधन और जेल। जिला प्रशासन और ट्रेजरी। बिजली, पानी, सफाई विभाग। नगर निगम का वह स्टाफ जो साफ-सफाई या पानी सप्लाई के काम में लगा है।
स्वास्थ्य सेवाएं
ये खुले रहेंगे : अस्पताल, प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर में मेडिकल से जुड़े मैन्यूफैक्चरिंग और डिस्ट्रिब्यूशन समेत सभी विभाग। डिस्पेंसरी, केमिस्ट, मेडिकल इक्विपमेंट की दुकानें, लैबोरेटरीज़, क्लिनिक, नर्सिंग होम, एंबुलेंस जैसी सेवाएं काम करती रहेंगी। मेडिकल स्टाफ, नर्सें, पैरा-मेडिकल स्टाफ और अस्पतालों से जुड़ी सेवाओं के स्टाफ के ट्रांसपोर्टेशन को छूट रहेगी।
राशन-फल-सब्जी
इन्हें छूट : पीडीएस के तहत आने वाली राशन की दुकानें, किराने की दुकानें, फल और सब्जियों की दुकानें, डेरी और मिल्क बूथ, मीट और मछली की दुकानें, पशु चारे की दुकानें।
एडवायजरी : जिला प्रशासन इस तरह की सभी दुकानों से घरों तक होम डिलीवरी को बढ़ावा दे ताकि कम से कम लोग घर से बाहर निकलें।
ये जरूरी सेवाएं भी चलती रहेंगी
1. बैंक, इंश्योरेंस दफ्तर और एटीएम।
2. इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया।
3. टेलीकॉम, इंटरनेट सेवाएं, ब्रॉडकास्टिंग, केबल सेवाएं। आईटी और आईटी से जुड़ी सेवाएं।
4. फूड, दवाएं, मेडिकल इक्विपमेंट जैसी जरूरी चीजोें की ई-कॉमर्स के जरिए डिलीवरी।
5. पेट्रोल पंप, एलपीजी के रिटेल और स्टोरेज आउटलेट।
6. पावर जनरेेशन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन यूिनट्स और सेवाएं।
7. कैपिटल और डेट मार्केट सेवाएं, जिन्हें सेबी ने नोटिफाई किया हो।
8. कोल्ड स्टोरेज और वेयर हाउस सेवाएं।
9. प्राइवेट सिक्युरिटी सेवाएं।
उद्योग
ये बंद रहेंगे : सभी तरह के औद्योगिक प्रतिष्ठान लॉकडाउन के दौरान बंद रहेंगे।
इन्हें छूट : जरूरी चीजों को बनाने वाली मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स। राज्य सरकार की मंजूरी के बाद ऐसी प्रोडक्शन यूनिट्स भी चालू रह सकेंगी, जहां लगातार उत्पादन होता है।
ट्रांसपोर्ट सेवाएं
ये बंद रहेंगे : एयर, रेल और रोडवेज सेवाएं 21 दिन सस्पेंड रहेंगी।
इन्हें छूट : जरूरी चीजों का ट्रांसपोर्टेशन, दमकल, लॉ एंड ऑर्डर और आपात सेवाएं।
हॉस्पिटैलिटी
इन्हें छूट : होटल, होम स्टे, लॉज और मॉटेल जहां लॉकडाउन के कारण लोग फंस गए हैं और जहां टूरिस्ट, मेडिकल और इमरजेंसी स्टाफ, एयर क्रू और सी क्रू रह रहा हो। ऐसे संस्थान, जो क्वारैंटाइन सुविधा के लिए चुने गए हैं।
ये बंद रहेंगे : सभी तरह के शिक्षण, प्रशिक्षण, शोध, कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे।
आयोजन और धार्मिक गतिविधियां
सभी तरह के राजनीतिक, सामाजिक, खेल, मनोरंजन, अकादमिक और सांस्कृतिक आयोजन नहीं होंगे। सभी तरह के धार्मिक स्थल बंद रहेंगे। किसी भी धार्मिक आयोजन की अनुमति नहीं होगी। अंतिम संस्कार के दौरान 20 से ज्यादा लोगों को शामिल होने की अनुमति नहीं होगी।
नियम तोड़े तो एक्शन लिया जाएगा
आइसोलेट किए गए लोग बाहर निकले तो क्या होगा?
15 फरवरी के बाद भारत आने वाले सभी लोग और वे सभी लोग जिनको होम क्वरैंटाइन किया गया है, अगर वो घरों से बाहर निकलते हैं तो उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नियमों का उल्लंघन किया तो क्या होगा?
- सरकारी अफसर के काम में बाधा पहुंचाई या सरकार के निर्देशों का पालन नहीं किया तो 1 साल या जुर्माने या दोनों का प्रावधान है। इसे 2 साल की सजा तक भी बढ़ाया जा सकता है।
- झूठे दावे किए तो 2 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान।
- बेहिसाबी पैसा या सामान जुटाया तो 2 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान।
- चेतावनी के बारे में झूठे दावे किए तो 1 साल या जुर्माने का प्रावधान।
- सरकारी विभाग ने चूक की तो विभाग का प्रमुख जिम्मेदार होगा और उसपर कार्रवाई होगी।
कोरोना का कहर रोकने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा लॉकडाउन भारत में शुरू हो चुका है। यह मंगलवार रात 12 बजे से शुरू होकर अगले 21 दिन तक चलेगा। यानी 14 अप्रैल तक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 दिन में दूसरी बार कोरोनावायरस के मुद्दे पर देश के नाम संबोधन में इसकी घोषणा की। प्रधानमंत्री की इस घोषणा का मतलब है कि अगले 21 दिनों तक न कोई ट्रेन चलेगी, न हवाई जहाज उड़ेंगे और न ही बसें चलेंगी। यानी सब पर पाबंदी, सब कुछ बंद रहेगा। 130 करोड़ से ज्यादा आबादी घरों में रहेगी। जिस चीन से कोरोना शुरू हुआ था, वहां भी ऐसी कार्रवाई नहीं की गई है। 29 मिनट के अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा- ‘हिंदुस्तान को बचाने के लिए 21 दिन का यह लॉकडाउन बेहद जरूरी है। यह जनता कर्फ्यू से ज्यादा सख्त होगा और यह एक तरह से कर्फ्यू ही है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘बाहर निकलना क्या होता है, यह 21 दिन के लिए भूल जाइए। 21 दिन नहीं संभले तो आपका देश और आपका परिवार 21 साल पीछे चला जाएगा। कोरोना से मुकाबले के लिए सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है। हमें संक्रमण के चक्र को तोड़ना होगा। कोरोना से तभी बचा जा सकता है, जब घर की लक्ष्मण रेखा ना लांघी जाए।’ प्रधानमंत्री का पूरा संबोधन 10 पॉइंट में पढ़ें…
1. हर राज्य, जिला, गली-मोहल्ला लॉकडाउन किया जा रहा
प्रधानमंत्री ने कहा- अगर लापरवाही जारी रही तो भारत को इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। यह कीमत कितनी चुकानी पड़ेगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। देश में दो दिनों से कई भागों में लॉकडाउन कर दिया गया है। राज्य सरकार के इन प्रयासों को गंभीरता से लेना चाहिए। हेल्थ सेक्टर के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए देश महत्वपूर्ण निर्णय करने जा रहा है। आज रात 12 बजे से पूरे देश में पूरा लॉकडाउन होने जा रहा है। हिंदुस्तान को बचाने के लिए, हर नागरिक को बचाने के लिए, आपके परिवार और आपको बचाने के लिए आज रात 12 बजे से घरों से बाहर निकलने पर पूरी तरह पाबंदी लगाई जा रही है। राज्य, केंद्र शासित प्रदेश, हर जिला, गांव, कस्बा, गली-मोहल्ला लॉकडाउन किया जा रहा है। यह एक तरह से कर्फ्यू ही है। जनता कर्फ्यू से जरा ज्यादा सख्त है। कोरोना महामारी के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के लिए यह कदम बहुत आवश्यक है।
2. 21 दिन नहीं संभले तो देश और परिवार 21 साल पीछे चले जाएंगे : मोदी
मोदी ने कहा- निश्चित तौर पर लॉकडाउन की आर्थिक कीमत देश को उठानी पड़ेगी। लेकिन, एक-एक भारतीय के जीवन, आपके परिवार को बचाना इस समय मेरी, भारत सरकार की, राज्य सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इसलिए मेरी आपसे प्रार्थना है। हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूं कि आप इस समय देश में जहां भी हैं, वहीं रहें। अभी के हालात को देखते हुए देश में लॉकडाउन 21 दिन का होगा। तीन सप्ताह का। पिछली बार बात की थी, तब मैंने कहा था कि मैं आपसे कुछ सप्ताह मांगने आया हूं। आने वाले 21 दिन हर नागरिक, हर परिवार के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। कोरोनावायरस का संक्रमण चक्र तोड़ने के लिए 21 दिन का समय बहुत अहम है। अगर 21 दिन नहीं संभले तो देश और आपका परिवार 21 साल पीछे चला जाएगा। कई परिवार हमेशा के लिए तबाह हो जाएंगे। यह बात एक प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं, आपके परिवार के सदस्य के नाते कह रहा हूं। बाहर निकलना क्या होता है, यह 21 दिन के लिए भूल जाइए। घर में रहें और यही काम करें।
3. कोरोना से मुकाबले के लिए इकलौता विकल्प है सोशल डिस्टेंसिंग
प्रधानमंत्री ने कहा- आप ये देख रहे हैं कि दुनिया के समर्थ से समर्थ देश को भी इस महामारी ने बेबस कर दिया है। ऐसा नहीं है कि देश प्रयास नहीं कर रहे हैं या उनके पास संसाधनों की कमी है। लेकिन, कोरोनावायरस इतनी तेजी से फैल रहा है कि तमाम तैयारियां और प्रयासों के बावजूद यह फैल रहा है। इन सभी देशों के दो महीनों के अध्ययन से जो निष्कर्ष निकल रहा है और जो विशेषज्ञ कह रहे हैं, वह यह है कि कोरोना से प्रभावी मुकाबले के लिए एकमात्र विकल्प है सोशल डिस्टेंसिंग।
4. संक्रमण के चक्र को तोड़ना होगा
मोदी ने कहा- सोशल डिस्टेंसिंग यानी एक-दूसरे से दूर रहना। कोरोना से बचने का इसके अलावा कोई तरीका नहीं है। इसे फैलने से रोकना है तो उसके संक्रमण के चक्र को तोड़ना ही होगा। कुछ लोग इस गलतफहमी में हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग केवल मरीज के लिए आवश्यक है, यह सोच सही नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग हर नागरिक और हर परिवार के लिए है। प्रधानमंत्री के लिए भी है। कुछ लोगों की लापरवाही और गलत सोच आपको, आपके बच्चों, माता-पिता, आपके परिवार, आपके दोस्तों और पूरे देश को बहुत बड़ी मुश्किल में झोंक देगी।
5. कोरोना यानी को- कोई, रो- रोड पर, ना- ना निकले
प्रधानमंत्री ने कहा- देशभर में लॉकडाउन ने आपके घर के दरवाजे पर लक्ष्मण रेखा खींच दी है। आपको याद रहे कि घर से बाहर पड़ने वाला सिर्फ एक कदम कोरोना जैसी गंभीर महामारी को आपके घर में ले आ सकता है। याद रखना है कि कई बार कोरोना से संक्रमित व्यक्ति शुरुआत में बिल्कुल स्वस्थ लगता है। वह संक्रमित है, इसका पता ही नहीं चलता है। इसलिए ऐहतियात बरतिए, अपने घरों में रहिए। जो लोग घर में हैं, वह सोशल मीडिया पर नए-नए तरीके से इस बात को बता रहे हैं। एक बैनर जो मुझे भी पसंद आया, मैं आपको भी दिखा रहा हूं। कोरोना यानी को- कोई, रो- रोड पर, ना- ना निकले।
6. संक्रमित एक व्यक्ति सैकड़ों लोगों को एक हफ्ते में संक्रमित कर सकता है
प्रधानमंत्री ने कहा- एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि आज अगर किसी व्यक्ति में कोरोनावायरस पहुंचता है तो इसके लक्षण दिखने में कई-कई दिन लग जाते हैं। इस दौरान वह जाने-अनजाने उस व्यक्ति को संक्रमित कर देता है जो उसके संपर्क में आता है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट बताती है कि इस बीमारी से संक्रमित एक व्यक्ति सैकड़ों लोगों को एक हफ्ते में संक्रमित कर सकता है। एक और आंकड़ा है। दुनिया में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या को पहले एक लाख तक पहुंचने में 67 दिन लगे थे, उसके बाद सिर्फ 11 दिन में एक लाख नए लोग संक्रमित हो गए। तीन लाख संख्या होने में सिर्फ 4 दिन लगे। अंदाजा लगा सकते हैं कि यह कितनी तेजी से फैलता है। यह फैलना शुरू करता है तो इसे रोकना मुश्किल होता है। यही वजह है कि चीन, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली जैसे देशों में वायरस ने फैलना शुरू किया तो हालात बेकाबू हो गए। इटली हो या अमेरिका, इन देशों की स्वास्थ्य सेवा, उनके हॉस्पिटल, संसाधन पूरी दुनिया में बेहतरीन हैं। उनकी व्यवस्थाएं बेहतरीन मानी जाती हैं। इसके बावजूद ये देश कोरोना का प्रभाव कम नहीं कर पाए।
7. कोरोना से तभी बचा जा सकता है, जब घर की लक्ष्मण रेखा ना लांघी जाए
मोदी ने कहा- सवाल ये है कि इस स्थिति में उम्मीद की किरण कहां है, उपाय और विकल्प क्या हैं। कोरोना से निपटने के लिए उम्मीद की किरण उन देशों से मिले अनुभव हैं, जो कोरोना को कुछ हद तक नियंत्रित कर पाए। हफ्तों तक इन देशों के नागरिक घरों से बाहर नहीं निकले। इन देशों के नागरिकों ने शत-प्रतिशत सरकारी निर्देशों का पालन किया और इसलिए ये कुछ देश अब इस महामारी से बाहर आने की ओर बढ़ रहे हैं। हमें भी यह मानकर चलना चाहिए कि हमारे सामने सिर्फ और सिर्फ यही एक मार्ग है। हमें घर से बाहर नहीं निकलना है। चाहे जो हो जाए, घर में ही रहना है। सोशल डिस्टेंसिंग। प्रधानमंत्री से लेकर गांव के नागरिक तक सबके लिए। कोरोना से तभी बचा जा सकता है, जब घर की लक्ष्मण रेखा ना लांघी जाए। इसके फैलने की चेन को तोड़ना है। भारत आज उस मुकाम पर है, जहां हमारे आज के एक्शन तय करेंगे कि इस आपदा के प्रभाव को हम कितना कम कर सकते हैं। यह समय हमारे संकल्प को बार-बार मजबूत करने का है। यह समय कदम-कदम पर संयम बरतने का है। आपको याद रखना है कि जान है तो जहान है।
8. डॉक्टर, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ के बारे में सोचिए
मोदी ने कहा- यह धैर्य और अनुशासन की घड़ी है। जब तक देश में लॉकडाउन की स्थिति है, हमें अपना संकल्प और अपना वचन निभाना है। मेरी आपसे हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि घरों में रहते हुए आप उन लोगों के बारे में सोचिए, उनके बारे में मंगलकामना कीजिए, जो अपना संकल्प निभाने के लिए अपनी जान खतरे में डालकर काम कर रहे हैं। डॉक्टर, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ के बारे में सोचिए। ये लोग एक-एक जीवन बचाने के लिए अस्पताल में काम कर रहे हैं। अस्पताल प्रशासन के लोग, एम्बुलेंस के ड्राइवर, सफाई कर्मचारियों के बारे में सोचिए जो दूसरों की सेवा कर रहे हैं। आपकी सोसाइटी, सड़कों, मोहल्लों को साफ करने वालों के बारे में सोचिए। आपको सही जानकारी देने के लिए 24 घंटे काम कर रहे मीडिया के लोगों के बारे में भी सोचिए जो संक्रमण का खतरा उठाकर सड़कों पर, अस्पतालों में हैं। पुलिसकर्मियों के बारे में सोचिए जो घर-परिवार की चिंता किए बिना आपको बचाने के लिए ड्यूटी कर रहे हैं। कई बार कुछ लोगों की गुस्ताखी के शिकार भी हो जाते हैं। कोरोना वैश्विक महामारी से बनी स्थितियों के बीच केंद्र और राज्य सरकारें तेजी से काम कर रही हैं। रोजमर्रा की जिंदगी में लोगों को असुविधा ना हो, इसके लिए कोशिश कर रही हैं।
9. यह गरीबों के लिए मुश्किल वक्त
प्रधानमंत्री ने कहा- निश्चित तौर पर संकट की यह घड़ी गरीबों के लिए भी मुश्किल वक्त लेकर आई है। सरकार, सिविल सोसाइटी, तमाम संगठन इन लोगों के लिए जुटे हुए हैं। लोग इन गरीबों के लिए साथ आ रहे हैं। जीवन जीने के लिए जो जरूरी है, उसके लिए सारे प्रयासों के साथ ही, जीवन बचाने के लिए जो जरूरी है, उसे सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी। महामारी से निपटने के लिए देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने का काम केंद्र सरकार कर रही है। कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत बनाने के लिए केंद्र ने 15 हजार करोड़ रुपए का काम किया है। आइसोलेशन बेड, आईसीयू बेड, प्रयोगशालाएं आदि बढ़ाई जाएंगी। मेडिकल और पैरामेडिकल की ट्रेनिंग का काम भी किया जाएगा। राज्यों से अनुरोध किया है कि स्वास्थ्य सेवा ही सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए। देश का प्राइवेट सेक्टर भी संकट और संक्रमण की इस घड़ी में देशवासियों के साथ खड़ा है। प्राइवेट लैब और अस्पताल सरकार के साथ काम करने के लिए आगे आ रहे हैं। यह भी ध्यान रखिए कि ऐसे समय में जाने-अनजाने अफवाहें भी जोर पकड़ती हैं। मेरा आग्रह है कि किसी भी तरह की अफवाह और अंधविश्वास से बचें। केंद्र सरकार, राज्य सरकार और मेडिकल संस्थानों द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना बहुत जरूरी है। बिना डॉक्टरों की सलाह के कोई भी दवा ना लें। खिलवाड़ आपके जीवन को और खतरे में डाल सकता है। मुझे विश्वास है कि हर भारतीय संकट की इस घड़ी में सरकार के निर्देशोें का पालन करेगा। 21 दिन का समय लंबा है, आपके जीवन, आपके परिवार की रक्षा के लिए हमारे पास यही एक रास्ता है। भरोसा है कि हर हिंदुस्तानी इस संकट का मुकाबला करेगा, बल्कि इस मुश्किल घड़ी से विजयी होकर निकलेगा। अपना, अपनों का ध्यान रखिए। आत्मविश्वास के साथ कानून-नियमों का पालन करते हुए, संयम बरतते हुए, विजय का संकल्प करते हुए, हम सब इन बंधनों का पालन करें।
10. जनता कर्फ्यू की सफलता के लिए धन्यवाद
मोदी ने कहा- मेरे प्यारे देशवासियो! आज मैं एक बार फिर कोरोनावायरस पर बोलने आया हूं। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का जो संकल्प हमने लिया था। एक राष्ट्र के नाते उसकी शुद्धि के लिए हर भारतवासी ने पूरी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ अपना योगदान दिया। बच्चे, बुजुर्ग, छोटे-बड़े हर वर्ग के लोगों ने परीक्षा की इस घड़ी में साथ दिया। जनता कर्फ्यू को हर भारतवासी ने सफल बनाया। एक दिन के जनता कर्फ्यू से भारत ने दिखा दिया कि जब देश पर संकट आता है, मानवता पर संकट आता है तो किस प्रकार से हम सभी भारतीय मिलकर उसका मुकाबला करते हैं। आप सभी जनता कर्फ्यू की सफलता के लिए धन्यवाद के पात्र हैं।
मोदी की सलाह नहीं मानी, लोग घरों से निकले और बाजारों में भीड़ रही
मोदी ने 19 मार्च को अपील की थी कि हर एक देशवासी अगले कुछ हफ्तों तक घर से बाहर न निकलें। बहुत जरूरी होने पर ही बाहर आएं। 60 से 65 साल या उससे ज्यादा उम्र के बुजुर्ग घर में ही रहें। इस अपील के बाद लोगों ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाया और शाम को 5 बजे थाली, शंख समेत अन्य चीजें बजाकर कोरोना से लड़ रहे लोगों का हौसला बढ़ाया। हालांकि बिहार, समेत अन्य राज्यों में लोगों ने मोदी की अपील नहीं मानी और घरों से निकले। यहां बाजारों में भीड़ नजर आई और लोग बसों में भी सफर करते नजर आए। इसके बाद मोदी ने दूसरी बार लोगों से अपील की और लोगों को घर में रहने के लिए कहा।