भारत में बढ़ी कोरोना वायरस केस की संख्या, अब तक 105 लोग संक्रमित
भारत में कोरोना पॉजिटिव केस की संख्या 100 को पार कर गई है. महाराष्ट्र में देर रात 5 नए पॉजिटिव केस सामने आए. इस तरह से देश में कोरोना मरीजों की संख्या 96 से बढ़कर 101 हो गई है. इस बीमारी से अबतक दो लोगों की मौत हो चुकी है. कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने कोविड-19 को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया है. वहीं आज शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सार्क देशों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोरोना संकट पर चर्चा करेंगे.कोरोनावायरस राष्ट्रीय आपदा घोषित, लेकिन मौत पर 4 लाख का मुआवजा देने से तीन घंटे में ही पीछे हटी सरकार
- 4 देशों से जुड़े 20 बॉर्डर आज से सील होंगे
- देश के 9 राज्यों में 5 पड़ोसी देशों से सड़क के रास्ते आवाजाही के लिए 21 बॉर्डर पोस्ट हैं
- पाकिस्तान सीमा पर स्थित अटारी पोस्ट को 16 मार्च की रात 12 बजे सील किया जाएगा
- केंद्र सरकार ने शनिवार को दोपहर 3.13 बजे कोरोनावायरस को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया
- शाम 6.10 बजे सरकार ने नया आदेश जारी किया, जिसमें मौत पर मुआवजे का जिक्र नहीं था
नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. अब आंकड़ा 105 पहुंच चुका है. इनमें से 11 मरीज ठीक हो गए हैं, जबकि दो लोगों की मौत हो गई है. सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र से सामने आ रहे हैं. हालात को देखते हुए कई राज्यों ने कोरोना को महामारी घोषित कर दिया है तो कई शहरों में धारा 144 लगा दी गई है. केंद्र सरकार भी पूरी तैयारी कर रही है. आज सार्क देशों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना को निपटाने पर चर्चा करेंगे. वहीं, कोरोना ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है. अमेरिका कोरोना के खौफ में है तो वहीं यूरोप में हालात अब चीन से ज्यादा खतरनाक हो गए हैं.
हवाई मार्ग से विदेशियों की एंट्री बैन करने के बाद जमीनी रास्ते भी बंद
कोरोनावायरस का संक्रमण रोकने के लिए केंद्र सरकार ने नेपाल, बांग्लादेश, भूटान और म्यांमार से सटी जमीनी सीमाएं सील करने के आदेश दिए हैं। गृह मंत्रालय ने शनिवार रात 12 बजे से चारों पड़ोसी देशों से भारत आने-जाने के लिए बनाई गई 20 बॉर्डर पोस्ट बंद करने का आदेश दिया है। इसके अलावा पाकिस्तान की सीमा पर स्थित अटारी पोस्ट से लोगों की आवाजाही पर 16 मार्च की आधी रात से रोक लगाने के आदेश भी हैं।
भारत सरकार हवाई मार्ग से आने वाले सभी विदेशियों की देश में एंट्री पर पहले ही रोक लगा चुकी है। अब संक्रमण की आशंका के चलते पड़ोसी देशों से जुड़े सड़क मार्ग को भी सील किया जा रहा है। इसके तहत असम, मेघालय और त्रिपुरा में बांग्लादेश सीमा सील करने के आदेश दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड में नेपाल सीमा को बंद किया जा रहा है। वहीं पश्चिम बंगाल की बांग्लादेश, नेपाल और भूटान की बॉर्डर पोस्ट बंद की जाएंगी। मिजोरम में बांग्लादेश और म्यांमार सीमा भी सील करने के आदेश दिए गए हैं।
भारत-बांग्लादेश रेल सेवा भी बंद
इस आदेश के बाद, भारत-नेपाल के बीच सबसे ज्यादा आवाजाही वाले बिहार के रक्सौल बॉर्डर, उत्तर प्रदेश के सनौली बॉर्डर और पश्चिम बंगाल के रानीगंज बॉर्डर को आज रात से ही बंद कर दिया जाएगा। सड़क मार्ग के अलावा भारत और बांग्लादेश के बीच रेल सेवा को भी रोका जा रहा है। गृह मंत्रालय की एडवाइजरी के आधार पर भारत-बांग्लादेश के बीच चलने वाली मैत्री एक्सप्रेस और बंधन एक्सप्रेस को 15 मार्च से 15 अप्रैल के बीच रद्द किया जा रहा है।
कोरोनावायरस से लोग दहशत में हैं। इसका फायदा उठाकर हैंड सैनिटाइजर और मास्क मनमाने दामों पर बेचे जा रहे हैं। जो मास्क 5 रुपए में मिलता था, वह कहीं 25 तो कहीं 30 रुपए का मिल रहा है। 100 रुपए वाला 350 से 400 रुपए में बिक रहा है। चौंकाने वाली बात ये है कि हर दुकानदार ने सैनिटाइजर और मास्क के दाम अपने हिसाब से तय कर लिए हैं। न ही कोई मॉनिटरिंग करने वाला है, न ही लोगों को यह पता है कि इस लूटमारी की शिकायत कहां और कैसे करना है।
मास्क की कालाबाजारी पर अब 7 साल की सजा
कालाबाजारी रोकने के लिए भारत सरकार ने एन-95 मास्क और हैंड सैनिटाइजर को आवश्यक वस्तु श्रेणी में शामिल कर लिया है। केंद्र और राज्य कोरोनावायरस के बचाव के काम में आने वाली इन चीजों के उत्पादन, गुणवत्ता और डिस्ट्रिब्यूशन को नियंत्रित कर सकेंगे। ये आदेश 30 जून महीने के आखिर तक प्रभावी रहेगा। इसमें मास्क (2 प्लाई और 3 प्लाई सर्जिकल मास्क, N95 मास्क) और हैंड सैनिटाइजर्स को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत रखा गया है। इस अधिनियम का उल्लंघन करने पर 7 साल तक की सजा का प्रावधान है।
देश में कोरोनावायरस संक्रमण के 99 मामले सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने शनिवार को इसे आपदा घोषित किया, लेकिन महज तीन घंटे बाद ही मौत पर मुआवजे का प्रावधान वापस ले लिया। दोपहर 3.13 बजे जारी आदेश में गृह मंत्रालय ने कोरोनावायरस से किसी की मौत होने पर परिवार को चार लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की थी। राहत कार्यों में शामिल व्यक्तियों को भी मुआवजे के दायरे में रखा गया था। इसके लिए राज्य आपदा राहत कोष से मदद देने की बात कही गई थी। महज 3 घंटे बाद शाम 6.10 बजे इस बारे में सरकार की तरफ से नया आदेश जारी किया गया, जिसमें कोरोनावायरस को आपदा तो माना गया, लेकिन मृतक के परिवार को मुआवजे देने का कोई जिक्र नहीं था।
केंद्र सरकार से पहले ओडिशा कोरोनावायरस को आपदा घोषित कर चुका है। वहीं, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड ने इसे महामारी घोषित किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भी इसे वैश्विक महामारी घोषित कर चुका है। महामारी घोषित किए जाने के बाद बीमारी की रोकथाम और इलाज के लिए संसाधनों का अधिकतम इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय सहयोग में भी आसानी होती है।
क्या होती है राष्ट्रीय आपदा?
आपदा का मतलब है- किसी क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से, इंसान या किसी दुर्घटना की वजह से भारी विपत्ति आना। इससे जनहानि या संपत्ति का इतना नुकसान हो कि स्थानीय समुदाय के लिए उससे निपटना असंभव हो। बाढ़, तूफान, चक्रवात, भूकंप, सुनामी को प्राकृतिक आपदा और एटमी, जैविक या रासायनिक आपदाओं को मानव जनित आपदा कहा जाता है। हालांकि, इसे घोषित करने के लिए कोई तय मानक नहीं हैं।
इसके क्या फायदे होते हैं?
आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के मुताबिक, राष्ट्रीय आपदा घोषित होने पर ऐसी स्थिति एनडीआरएफ को मदद के लिए भेजा जाता है। आपदा राहत कोष के जरिए 75% मदद केंद्र और 25% राज्य सरकार करती हैं। जरूरत होने पर केंद्र के 100% फंडिंग वाले ‘राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक फंड’ से अतिरिक्त सहायता दी जाती है। प्रभावित लोगों को कर्ज में रियायत दी जाती है।
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मामले
देश में शनिवार तक कोरोनावायरस के 99 मामले सामने आ चुके थे। हालांकि, केंद्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर 84 मामलों की ही पुष्टि की। संक्रमण के सबसे 26 ज्यादा मामले महाराष्ट्र में मिले, जिसके बाद वहां स्कूल-कॉलेज, सिनेमा हॉल और शॉपिंग मॉल बंद कर दिए गए। वहीं, कई दूसरे राज्यों ने भी एहतियात के तौर पर लोगों के एक साथ जमा होने पर पाबंदी लगा दी।