चिंगारी ऐप के को-फाउंडर सुमित घोष का इंटरव्यू / अमेरिकन कंपनी का ऐप देखकर आया था इसे बनाने का आइडिया, जब डाउनलोड एकदम से बढ़े तो 48 घंटे तक सोए नहीं थे

घोष बोले, टिक टॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस के डॉक्युमेंट्स देखकर पता चलता है कि यह स्टेट स्पॉन्सर्ड कंपनी है, चीनी सरकार डाटा मांगती तो यह देती ही टिक टॉक का देसी अवतार है चिंगारी ऐप, महज 22 दिनों में 11 मिलियन से ज्यादा हो चुका है डाउनलोड घोष के मुताबिक, चिंगारी में अभी कई खामियां हैं, जिन्हें दो से तीन हफ्तों के अंदर खत्म कर दिया जाएगा बोले, देश की भावनाएं हमारे साथ हैं, हर भारतीय चाहता है कि चिंगारी ऐप आगे बढ़े

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नईदिल्ली. टिक टॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस के डॉक्युमेंट्स देखकर पता चलता है कि यह एक स्टेट स्पॉन्सर्ड कंपनी है। चीन में अलीबाबा जैसी कंपनी तभी खड़ी की जा सकती है, जब वहां की सरकार मदद करे। वहां सरकार जब चाहे, तब कंपनी से डाटा मांग सकती है और कंपनी मना नहीं कर सकती।

यही टिक टॉक के मामले में भी था। इसलिए प्राइवेसी का खतरा तो था ही। यह कहना है चिंगारी ऐप के को-फाउंडर सुमित घोष का। भास्कर को स्काइप पर दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि, जब डाउनलोड एकदम से बढ़े तो मैं और मेरी पूरी टीम 48 घंटे तक नहीं सोई थी। 1 करोड़ डाउनलोड हमारे लिए किसी सपने की तरह हैं। पढ़ें पूरा इंटरव्यू।

हम 48 घंटे तक सोए नहीं, जो हुआ वो अविश्वसनीय…

22 दिन में चिंगारी ऐप को 11 मिलियन बार डाउनलोड किया गया। महज 10 दिनों में 3 मिलियन डाउनलोड हुआ। क्या सिर्फ टिक टॉक का बैन होना ही इसकी वजह बना?
टिक टॉक का बैन होना एक बहुत बड़ी वजह है लेकिन टिक टॉक के बैन होने से पहले ही हमारे हाथ में ट्रैक्सन था। 10 जून से हमने ऐप की मार्केटिंग शुरू की थी और साढ़े तीन मिलियन डाउनलोड टिक टॉक बैन होने के पहले ही आ चुके थे।

इसके बाद जब टिक टॉक बैन हुआ तो वो हमारे लिए अविश्वसनीय था। हम साढ़े तीन से सीधे ग्यारह मिलियन पर पहुंच गए। इस सबसे बड़ा कारण टिक टॉक बना। अभी भी ऐप पर तीन से चार लाख डाउनलोड रोज आ रहे हैं। यूजर्स वीडियो देख रहे हैं। शेयर कर रहे हैं।

सुमित छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले हैं। इंजीनियरिंग करने के बाद वे सबसे पहले टीसीएस से जुड़े थे।

चिंगारी को बनाने की कहानी क्या है? यह किसका आइडिया था? पैसा कहां से आया ?

मैंने और बिश्वात्मा नायक ने मिलकर इस ऐप को बनाने का प्लान तैयार किया था। बिश्वात्मा प्रोग्रामर हैं, और मैं एक प्रोडक्ट-ग्रोथ का बंदा हूं। हम देश के लिए एक ऐसा ऐप बनाना चाहते थे, जिसे टियर टू और टियर थ्री में रहने वाले लोग भी इस्तेमाल कर सकें। अभी सोशल मीडिया ऐप जैसे फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम अधिकतर टियर-वन सिटीज वाले लोग ही इस्तेमाल करते हैं।

हमने देखा कि अमेरिकन कंपनी का ऐप म्युजिकली बहुत पॉपुलर हो रहा था। उसे टियर टू और थ्री के लोग भी काफी पसंद कर रहे थे। यहीं से हमें शॉर्ट वीडियो वाला ऐप बनाने का आइडिया आया। फिर हमने चिंगारी को लॉन्च किया। बाद में इसमें गेम भी लाए ताकि जो लोग ऐप पर आ रहे हैं, वो बोरियत महसूस न करें। इस तरह से चिंगारी ऐप बना।

आनंद महिंद्रा ने किया ट्वीट
आनंद महिंद्रा ने चिंगारी को लेकर ट्वीट किया था, जिसके बाद कंपनी को काफी मोटिवेशन मिला. आनंद महिंद्रा के ट्वीट के बाद हमारे यूजर्स काफी तेजी से बढ़ती जा रही है. चिंगारी ऐप को मिले शानदार रिस्पॉन्स को देखते हुए अब कई इनवेस्टर्स इस ऐप में इनवेस्ट करने में इंट्रेस्टेड दिखाई दे रहे हैं. वहीं डेवेलपर्स का कहना है कि अच्छे इन्वेस्टर्स मिलने के बाद इस ऐप को और भी बेहतर बनाया जाएगा.

कई भाषओं में चल रहा ये ऐप 
सुमित घोष, सह-संस्थापक और मुख्य उत्पाद अधिकारी के मुताबिक, यूजर्स हर 30 मिनट में 221,000 वीडियो देख रहे थे. ये ऐप अभी अंग्रेजी के अलावा नौ और भाषाओं में यूजर्स को मिलेगा. जिसमें हिंदी, बांग्ला, गुजराती, मराठी, कन्नड़, पंजाबी मलयालम, तमिल और तेलगू भाषा शामिल है.

बीटा वर्जन 2018 में आ गया था.
सुमित घोष ने बताया कि वह भारत के लिए एक सुपर ऐप बनाना है. चिंगारी ऐप में यूजर्स वीडियो को अपलोड और डाउनलोड कर सकते हैं. साथ ही साथ अपने दोस्तों के साथ बातचीत कर सकते हैं. वॉट्सऐप स्टेटस, वीडियो, ऑडियो क्लिप्स, GIF स्टिकर्स और फोटोज के साथ क्रिएटिविटी कर सकते हैं.

बाजार में मचाई धूम 
चिंगारी एक इंडियन शॉर्ट वीडियो ऐप है, जिसने इस समय मार्केट में धूम मचा रखी है. टिकटॉक के बैन होने के बाद से हर घंटे लगभग 3 लाख से ज्यादा लोग इस प्लेटफॉर्म के साथ जुड़ रहे हैं. इस ऐप पर यूजर्स को शॉर्ट वीडियो के साथ-साथ न्यूज और गेम का भी ऑप्शन मिलता है. जल्द ही ये ऐप इंडिया का सुपर ऐप बन जाएगा.

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