भारतीय सीमा में पकड़ा गया चीनी सैनिक:भटककर एलएसी के पार लद्दाख में आ गया था सैनिक, भारतीय सेना ने उसे कपड़े और खाना दिया; जल्द पीएलए को सौंपेंगे

लद्दाख में सेना ने सोमवार को एक चीनी सैनिक को पकड़ा है। ये सैनिक भटक गया था और लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पारकर चुमार-डेमचोक इलाके में आ गया था। जल्द ही इसे चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को सौंपा जाएगा।

सेना ने बताया कि चीन के सैनिक का नाम वांग या लॉन्ग है। वह चीनी सेना में नायक है। ऊंचाई वाले इलाके और खराब मौसम में चीनी सैनिक को ऑक्सीजन, खाना और कपड़े दिए हैं।

चुशुल-मोल्डो मीटिंग प्वाइंट पर चीन को सौंपा जाएगा सैनिक
सेना के मुताबिक, पीएलए ने भारत से सैनिक के बारे में जानकारी मांगी थी। अब प्रोटोकॉल के तहत कार्यवाही पूरी होने के बाद सैनिक को चीन को सौंपा जाएगा। चुशुल-मोल्डो मीटिंग प्वाइंट पर पीएलए को उसका सैनिक सौंपा जाएगा। इस मीटिंग प्वाइंट पर लद्दाख में जारी तनाव के बीच भारत और चीन के बीच मिलिट्री लेवल की कई वार्ताएं भी हो चुकी हैं।

13 अहम चोटियों पर भारत का कब्जा, सर्दियों में भी वहां डटे रहने की तैयारी
लगातार तनाव के बीच भारतीय सेना ने सर्दियों में लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाकों में डटे रहने की तैयारियां कर ली हैं। भारत ने ऊंचाई वाले इलाकों लिए वॉरफेयर किट और विंटर क्लोथ अमेरिका से खरीदे हैं।

भारतीय सैनिकों का लद्दाख के पैंगॉन्ग लेक के दक्षिण में 13 अहम चोटियों पर कब्जा है, जहां वे माइनस 25 डिग्री सेल्सियस टेम्परेचर में पूरी मुस्तैदी के साथ डटे हुए हैं। सीमा विवाद हल करने के लिए चुशुल में 12 अक्टूबर को कोर कमांडर स्तर की मीटिंग करीब 11 घंटे चली, लेकिन पहले की बैठकों की तरह ही इसमें भी कोई पुख्ता रास्ता नहीं निकल पाया।

लद्दाख में एलएसी पर चीन के 60 हजार सैनिक- अमेरिका
अमेरिका ने पिछले हफ्ते कहा था कि चीन ने लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर 60,000 सैनिक तैनात किए हैं। यह जानकारी कुछ दिन पहले क्वाड नेशंस की बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने दी थी।

भारत और चीन के बीच लद्दाख में 5 महीने से विवाद

  • 5 मई को पूर्वी लद्दाख में 200 सैनिक आमने-सामने आ गए थे ।
  • 9 मई को उत्तरी सिक्किम में 150 सैनिक भिड़े थे।
  • 9 मई को लद्दाख में चीन ने LAC पर हेलिकॉप्टर भेजे।
  • भारत-चीन के बीच 15 जून को गलवान में हुई झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी 40 सैनिक मारे गए, लेकिन उसने यह कबूला नहीं।

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