यस बैंक / सीबीआई ने राणा कपूर पर एक हफ्ते में दूसरा केस दर्ज किया, दिल्ली-मुंबई के ठिकानों पर छापे; करीबियों पर भी शिकंजा

राणा पर गौतम थापर की कंपनी को 2000 करोड़ रुपये के कर्ज की वसूली में छूट देने के लिए घूस लेने का आरोप यस बैंक में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बाद आईसीआईसीआई, एक्सिस, कोटक बैंक ने भी निवेश का फैसला किया

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नई दिल्ली. आर्थिक संकट में फंसी यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर पर सीबीआई ने एक हफ्ते में दूसरा केस दर्ज किया है। राणा, उनकी पत्नी बिंदू और सहयोगी गौतम थापर पर शुक्रवार को दर्ज एफआईआर में अमृता शेरगिल के बंगले की डील में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है। वहीं, थापर की कंपनी से 2000 करोड़ रुपये की कर्ज वसूली में छूट के लिए घूसखोरी का भी आरोप है। गौतम थापर अवंता रियलटी के प्रमोटर हैं। सीबीआई ने शुक्रवार को राणा, बिंदू और थापर के दिल्ली-मुंबई स्थित कार्यालय और घर समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की। इनके करीबियों के यहां भी सीबीआई ने तलाशी ली। राणा कपूर 16 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में हैं।

कैबिनेट ने यस बैंक के रीकंस्ट्रक्शन को मंजूरी दी
मोदी कैबिनेट ने शुक्रवार को यस बैंक के रीकंस्ट्रक्शन को मंजूरी दे दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ”यस बैंक की 49 प्रतिशत इक्विटी में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) निवेश करेगा। दूसरे निवेशकों से भी बैंक की मदद के लिए कहा जा रहा है।” आरबीआई ने यस बैंक के लिए रीकंस्ट्रक्शन प्लान पेश किया था। वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार ने जो भी फैसले लिए हैं, वह यस बैंक के खाताधारकों के हित को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं।

3 साल तक एसबीआई 26% हिस्सेदारी रखेगा
यस बैंक का ऑथराइज्ड कैपिटल 1100 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 6200 करोड़ रुपए कर दिया गया है। एसबीआई यस बैंक में 49 फीसदी हिस्सेदारी लेगा। सीतारमण ने कहा कि एसबीआई अगले तीन साल तक यस बैंक में कम से कम 26% हिस्सेदारी रखेगा। इसका अर्थ यह है कि एसबीआई के पास यस बैंक की 26% इक्विटी तीन साल के लिए बंधक रहेगी। इसी तरह, दूसरे निवेशकों के मामले में 75% इक्विटी भी इतने ही समय के लिए बंधक रहेगी।

तीन और बैंकों ने निवेश का ऐलान किया
यस बैंक को आर्थिक संकट से उबारने के लिए आईसीआईसीआई, एक्सिस और कोटक बैंक ने भी निवेश करने का ऐलान किया है। शुक्रवार को एक्सिस बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में यस बैंक में 600 करोड़ रुपये का निवेश करने का फैसला लिया गया। वहीं, कोटक बैंक की तरफ से 50 करोड़ इक्विटी, 500 करोड़ रूपये में खरीदी जाएगी। आईसीआईसीआई बैंक ने यस बैंक में 1000 करोड़ रुपए निवेश करने का ऐलान किया है। इसके लिए बैंक 10 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से 100 करोड़ रुपए के इक्विटी शेयर खरीदेगी। बैंक ने कहा कि इस निवेश के बाद आईसीआईसीआई की यस बैंक में 5% हिस्सेदारी होगी।

सीबीआई ने पिछले रविवार को पहला केस दर्ज किया

पिछले रविवार को सीबीआई ने कपूर पर पहली एफआईआर दर्ज की थी। इसमें कपूर और उनके परिवार की कंपनी डू इट अर्बन वेंचर्स और दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रोमोटर-डायरेक्टर कपिल वाधवान के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने, धोखाधड़ी करने और भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया था। सीबीआई का आरोप है कि कपूर ने वाधवान के साथ मिलकर डीएचएफएल कंपनी को यस बैंक के जरिए वित्तीय मदद पहुंचाई। इसके बदले में कपूर और उनके परिवार को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। इस काम के लिए कपूर परिवार की कंपनियों का इस्तेमाल हुआ। इस एफआईआर के मुताबिक घोटाले की शुरुआत अप्रैल से जून, 2018 के दौरान हुई, जब यस बैंक ने अनियमितताओं से घिरी डीएचएफएल के शॉर्ट टर्म डिबेंचर्स में 3700 करोड़ रुपए का निवेश किया था। इसके बदले में वाधवान ने डू इट अर्बन वेंचर्स को लोन देकर कथित तौर पर कपूर और उनके परिवार को 600 करोड़ रुपए का अनुचित लाभ पहुंचाया। डू इट अर्बन वेंचर्स में कपूर की बेटियों रोशनी, राधा और राखी की हिस्सेदारी है। मॉर्गन क्रेडिट्स के जरिए तीनों के पास कंपनी की 100% हिस्सेदारी है।

कर्ज देते वक्त संपत्ति का मनमाना आकलन किया
सीबीआई की एफआईआर में कहा गया है कि डीएचएफएल की तरफ से कम कीमत की संपत्ति के आधार पर डू इट अर्बन वेंचर्स को 600 करोड़ रुपए का कर्ज दिया गया। उन्होंने खेती की जमीन को भविष्य में आवासीय होने का अंदाजा लगाकर संपत्ति की कीमत को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। इसमें आगे पता चला कि डीएचएफएल ने यस बैंक में निवेश किए गए 3700 करोड़ रुपए भी वापस नहीं निकाले थे।

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