नई दिल्ली. टेलिकॉम सेक्टर की कंपनी (Telecom Company) वोडाफोन आइडिया (Vodafone-Idea) के लिए मुश्किल समय चल रहा है. टेलीकॉम इक्विपमेंट बनाने वाली नोकिया, एरिक्शन, हुवेई और जेडटीई जैसी कंपनियों ने वोडाफोन-आइडिया से 4G उपकरण के आर्डर लेना बंद कर दिया है. टेलीकॉम उपकरण बनाने वाली कंपनियों को लगता है कि नकदी के संकट से जूझ रही वोडाफोन-आइडिया से पैसे मिलने में उन्हें दिक्कत आ सकती है. इस वजह से वोडाफोन आइडिया का एक्सपेंशन प्लान भी प्रभावित हो रहा है.
वोडाफोन-आइडिया का यूज लगातार कम हो रहा
सर्विस की कमी की वजह से वोडाफोन-आइडिया को छोड़ने वाले ग्राहकों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है. आर्थिक संकट से जूझ रही कंपनी ने 22 सर्किल के कामकाज को 10 सर्किल में ही समेट दिया है और इस वजह से अंदाजा लगाया जा रहा है कि कंपनी से 1500 लोगों की छंटनी की जा सकती है.
इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने ET को बताया कि पिछले 6 महीने से वोडाफोन आइडिया अपने कारोबार को रिस्ट्रक्चर करने में जुटी है. टेलीकॉम इक्विपमेंट बनाने वाले यूरोप के वेंडर ने नए आर्डर के पहले सिक्योरिटी के रूप में कुछ रकम लेने का फैसला किया है. चीनी वेंडर का पेमेंट प्लान थोड़ा फ्लैक्सिबल था, लेकिन अब उन्होंने भी नए आर्डर लेने बंद कर दिए हैं.
नोकिया और एडिक्शन जैसी यूरोपीय कंपनियों ने वोडाफोन आइडिया से लिए पुराने ऑर्डर के अगेंस्ट बैंक के क्रेडिट लेटर अपने पास रखे हुए हैं. वह अब नए आर्डर के लिए दोबारा इसी तरह की सिक्योरिटी की मांग कर रही हैं.
वोडाफोन आइडिया के लिए यह एक बहुत मुश्किल काम है. हाल में ही वोडाफोन आइडिया ने सुप्रीम कोर्ट को यह बताया था कि कोई भी बैंक गारंटी देने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि मार्च के अंत तक उनका कर्ज 1,12,520 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था. वोडाफोन आइडिया को अभी सरकार को एडजेस्टेड ग्रॉस रिवेन्यू के रूप में ₹50,000 करोड़ से अधिक की रकम चुकानी है.