नए स्टूडेंट वीजा नियमों के खिलाफ Google, Facebook और Microsoft समेत 12 कंपनियों ने ठोका मुकदमा

एक दर्जन से ज्यादा अमेरिकी आईटी कंपनियों (IT Companies Google, Facebook) ने इमिग्रेशन और कस्टम इनफोर्समेंट डिपार्टमेंट (आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन विभाग) की तरफ से स्टूडेंट के लिए लाए नियमों को लेकर पहले दायर मुकदमे में शामिल हो गई है.

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वाशिंगटन. Google, Facebook और Microsoft सहित एक दर्जन से ज्यादा अमेरिकी आईटी कंपनियों ने इमिग्रेशन और कस्टम इनफोर्समेंट डिपार्टमेंट (आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन विभाग) की तरफ से लाए नियम पर पहले दायर मुकदमे में शामिल हो गई है. आपको बता दें कि हॉपकिन्‍स विश्वविद्यालय (John Hopkins University)  हार्वर्ड (Havard) और एमआईटी (MIT) जैसे प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थान भी अमेरिकी प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर कर चुकी हैं.  इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन (IIE) के अनुसार अमेरिका में 2018-2019 एकैडमिक ईयर के लिए 10 लाख से ज्यादा इंटरनेशनल छात्र हैं.  जिनमें बड़ी संख्या में चीन, भारत, साउथ कोरिया, सउदी अरब और कनाडा जैसे देश शामिल हैं.

क्या है मामला- इमिग्रेशन और कस्टम इनफोर्समेंट डिपार्टमेंट (आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन विभाग) की तरफ से पिछले दिनों एक बयान जारी करके कहा गया था कि नॉनइमिग्रैंट F-1 और M -1 छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा जिनकी केवल ऑनलाइन क्लासेज चल रही है.

विभाग के अनुसार ऐसे छात्रों को अमेरिका में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी या फिर अगर वह अभी भी अमेरिका में रह रह हैं तो उन्हें अमेरिका छोड़कर अपने देश जाना होगा. उन्होंने कहा कि अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो छात्रों को इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.

ICE ने स्टेट्स के विभागों से कहा कि ऐसा छात्र जिनकी कक्षाएं पूरी तरह से ऑनलाइन चल रही हैं उन्हें अगले सेमेस्टर के लिए वीजा जारी नहीं किया जाएगा और न ही ऐसे छात्रों को राज्य में घुसने की अनुमति दी जाएगी. ICE के अनुसार, F-1 के छात्र अकैडमिक कोर्स वर्क में हिस्सा लेते हैं जबकि M-1 स्टूडेंट ‘वोकेशनल कोर्सवर्क’ के छात्र होते हैं. हालांकि अमेरिका की ज्यादातर यूनिवर्सिटीज ने अब तक अगले सेमेस्टर के लिए योजना के बारे में नहीं बताया है.

ज्यादातर कॉलेजों के लिए हाइब्रिड मॉडल का ऐलान किया था लेकिन हॉर्वर्ड जैसे कुछ बड़े विश्वविद्यालयों ने छात्रों के लिए पूरी तरह से ऑनलाइन क्लासेज का इंतजाम किया था. HIB वीजा पर प्रतिबंध का भी गूगल कर चुका है विरोध- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से एच-1 बी वीजा समेत विदेशियों को जारी होने वाले काम से जुड़े वीजा साल के अंत तक निलंबित करने के फैसले की अमेरिकी प्रौद्योगिकी दिग्गजों ने कड़ी आलोचना की थी.

ट्रंप के इस फैसले का गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई के बाद टेस्ला के सीईओ एलन मस्क और माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष ब्रेड स्मिथ ने भी विरोध किया. गूगल कंपनी के सीईओ और भारतीय मूल के सुंदर पिचाई ने ट्वीट किया कि अमेरिका की आर्थिक सफलता में अप्रवासियों का बहुत बड़ा योगदान है. उन्होंने देश को तकनीक में वैश्विक रूप से अग्रणी बनाया है. मैं इस घोषणा से निराश हूं.

 

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