गृह मंत्रालय- लॉकडाउन में अमेजन, फ्लिपकार्ट नहीं बेच सकेंगे गैर-जरूरी सामान
कोरोना वायरस के चलते देशव्यापी लॉकडाउन में ई-कॉमर्स कंपनियां के गैर-जरूरी सामानों की सप्लाई पर पाबंदी जारी रहेगी.
देश में कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए लॉकडाउन लागू है. लॉकडाउन के कारण देश में आर्थिक गतिविधियों पर भी ब्रेक लगा हुआ है. इस बीच सरकार ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान गैर-जरूरी सामानों की ऑनलाइन डिलीवरी नहीं होगी. लॉकडाउन लागू किए जाने पर सरकार ने जरूरी सामानों की आपूर्ति को सुनिश्चित किए जाने की बात कही थी. राशन और मेडिकल दुकानें खुली हैं तो वहीं दूसरी तरफ जरूरी सामानों की होम डिलीवरी भी की जा रही है. हालांकि इस बीच गृह मंत्रालय ने आदेश दिया है कि ई-कॉमर्स कंपनियों के जरिए लॉकडाउन के दौरान गैर-जरूरी सामानों की सप्लाई पर रोक रहेगी.
Supply of non-essential goods by e-Commerce companies to remain prohibited during lockdown: Ministry of Home Affairs (MHA) pic.twitter.com/5wuB3mLXoT
— ANI (@ANI) April 19, 2020
दरअसल, 25 मार्च को लॉकडाउन होने के बाद से ही देश में ई-कॉमर्स कंपनियां सिर्फ जरूरी सामानों की सप्लाई कर रही है. हालांकि कुछ दिन पहले ही सरकार के जरिए जारी नई गाइडलाइन में ई-कॉमर्स कंपनियां को दूसरे सामानों की बिक्री में थोड़ी छूट दी गई थी.
केवल जरूरी सामान की डिलीवरी करने की इजाजत
सरकार ने लॉकडाउन में ई-कॉमर्स कंपनियों को काम करने की अनुमति दी है लेकिन वे गैर-जरूरी सामान की डिलिवरी नहीं पाएंगी.पिछले हफ्ते गृह मंत्रालय ने 20 अप्रैल से कुछ गतिविधियों को शुरू करने की अनुमति दी थी. जिसमें ई-कॉमर्स कंपनियों को काम करने की अनुमति दी है. सरकार ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए जारी किए नए आदेश में साफ कर दिया है कि ई-कॉमर्स कंपनियां और उनके वाहनों का इस्तेमाल केवल जरूरी सामान की डिलिवरी के लिए होगा. इस दौरान किसी भी गैर-जरूरी सामान की डिलिवरी पर प्रतिबंध जारी रहेगा.
20 अप्रैल से शुरू होंगे ये काम
कल से फल-सब्जी के ठेले, साफ-सफाई का सामान बेचने वाली दुकानें खुलेंगी. किराना और राशन की दुकानें, डेयरी और मिल्क बूथ, पोल्ट्री, मीट, मछली और चारा बेचने वाली दुकानें भी खुलेंगी. इसके अलावा इलेक्ट्रीशियन, आईटी रिपेयर्स, प्लंबर, मोटर मैकेनिक, कारपेंटर, कुरियर, डीटीएच और केबल सर्विसेस.
ये सेवाएं भी 20 अप्रैल से शुरू हो सकेंगी
>> केवल सरकारी गतिविधियों के लिए काम करने वाले डेटा और कॉल सेंटर.
>> आईटी और इससे जुड़ी सेवाओं वाले दफ्तर. इनमें 50% से ज्यादा स्टाफ नहीं होगा.
>> ऑफिस और आवासीय परिसरों की प्राइवेट सिक्योरिटी और मैंटेनेंस सर्विसेस.
>> ट्रक रिपेयर के लिए हाईवे पर दुकानें और ढाबे खुलेंगे. राज्य सरकारें की जिम्मेदारी होगी कि यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो.