आज फिर ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचा भारतीय शेयर बाजार, जानिए क्या है सेंसेक्स-निफ्टी में रिकॉर्ड तोड़ तेजी की असली वजह

Stock Market Live: विदेशी निवेशकों की ओर से जारी भारी-भरकम निवेश के चलते घरेलू शेयर बाजार रोजाना नए रिकॉर्ड बना रहा है. सोमवार-मगंलवार के बाद बुधवार को भी सेंसेक्स और निफ्टी नए शिखर पर कारोबार कर रहे है.

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मुंबई. अमेरिका के बाद एशियाई बाजारों में आई तेजी के चलते सेंसेक्स और निफ्टी नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए है. शुरुआती कारोबार में आज सेंसेक्स करीब 300 अंकों की बढ़त दिख रहा है. वहीं,  मिडकैप शेयरों में खरीदारी का सिलसिला आज भी जारी है. फिलहाल बीएसई का 30 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स करीब 275 अंक की तेजी के साथ 44795 के नए शिखर पर पहुंच गया है. वहीं एनएसई का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी करीब 80 अंक की तेजी के साथ 13,130  के नए उच्चतम स्तर पर कारोबार कर रहा है.बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 0.26 फीसदी की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है. स्मॉलकैप शेयरों में भी खरीदारी नजर आ रही है. बीएसई का स्मॉलकैप इंडेक्स 0.56 फीसदी की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है. तेल-गैस शेयरों में भी आज तेजी नजर आ रही है. बीएसई का ऑयल एंड गैस इंडेक्स 0.83 फीसदी की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है.

आखिर क्यों विदेशी निवेशक लगा रहे हैं भारतीय बाजारों में पैसा-

एक्सपर्ट्स का कहना है कि वैक्सीन और बाइडेन सरकार को लेकर पॉजिटिव खबरों से अमेरिकी बाजारों में रिकॉर्ड रैली देखने को मिली है. मंगलवार को अमेरिका का प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स डाओ जोंस पहली बार 30 हजार के ऊपर बंद हुआ.

एफआईआई के इस भारी-भरकम निवेश के पीछे की कहानी भी अलग है. खबर है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नवंबर की शुरुआत में विश्व के टॉप एफआईआई के साथ एक वर्चुअल मीटिंग की थी. इस मीटिंग में विदेशी निवेशकों ने सरकार की हाल में की गई पहल और सुधारों को लेकर मोदी पर विश्वास जताया है. ऐसा माना जा रहा है कि हाल की पहल और सुधारों का लंबे समय में अर्थव्यवस्था और बाजार पर सकारात्मक असर हो सकता है.

प्रधानमंत्री की इस मीटिंग में जो एफआईआई शामिल हुए थे उसमें सभी ग्लोबल फंड मैनेजर्स थे. उन्होंने भारत में निवेश को लेकर मजबूत इच्छा जताई है. मोदी ने मीटिंग में कहा कि वे भारत के बारे में निवेशकों का फीडबैक भी चाहते हैं.

विदेशी निवेशकों ने किया अभी तक का सबसे बड़ा निवेश
विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) इस साल भारतीय शेयर बाजारों में लगातार पैसा लगा रहे हैं. चालू वित्त वर्ष यानी अप्रैल महीने से लेकर अब तक (8 महीनों में) इन्होंने भारतीय शेयर बाजार में कुल 1.44 लाख करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया है. 1992 में एफआईआई ने 13 करोड़ रुपए का निवेश किया था. उसकी तुलना में 28 सालों में इनका निवेश 11 हजार गुना से ज्यादा बढ़ा है.

अकेले 55 हजार करोड़ का निवेश नवंबर महीने में अभी तक हुआ है. जबकि आगे यह महीना भी बाकी है और वित्त वर्ष भी चार महीने बाकी है. ऐसे में यह साल जहां कोरोना के लिए याद किया जाएगा, वहीं विदेशी निवेशकों के निवेश के लिए भी रिकॉर्ड वाला होगा. डिपॉजिटरी कंपनियों NSDL और CDSL के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी निवेशकों ने 1992-93 में 13 करोड़ रुपए से निवेश की शुरुआत की थी.1993-94 में यह निवेश बढ़कर 5,127 करोड़ रुपए हो गया.

2003-04 में यह निवेश 39 हजार करोड़ रुपए हुआ तो 2007-8 में यह पहली बार 50 हजार करोड़ रुपए के पार पहुंच गया. 2009-10 में यह आंकड़ा 1.10 लाख करोड़ रुपए हो गया. 2012-13 में सबसे ज्यादा निवेश किया गया जो 1.40 लाख करोड़ रुपए था. पर उस रिकॉर्ड को अब इस वित्त वर्ष में तोड़ दिया गया है.

 इस वित्त वर्ष में 1.44 लाख करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश अब एक नया रिकॉर्ड है. भारतीय शेयर बाजार में एफआईआई का कुल निवेश 10.36 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है. कैलेंडर साल की बात करें यानी जनवरी से दिसंबर के बीच तो एफआईआई ने सबसे ज्यादा 2010 में निवेश किया है.

इस साल में 1.33 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया गया था. 2019 में 1.01 लाख करोड़ रुपए तो 2014 में 97 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया गया. 2013 में 1.13 लाख करोड़ का निवेश किया गया तो 2012 में 1.28 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया गया.

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