नई दिल्ली. बहुत जल्द अगर भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के सुझाव को मान लेता है तो आपके चेकबुक में कई बदलाव हो सकते हैं. दरअसल, एक मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने RBI को सुझावों की एक लिस्ट भेजी है. इस लिस्ट में कई ऐसे बदलाव हैं जो चेक बाउंस के मामलों से लेकर कई अन्य प्रक्रियाओं को बदल देगा. इस सुझाव को चीफ जस्टिस सरद अरविंद बोबड़े और जस्टिस एल नागेश्वर राव की बेंच ने दिया है.
चेक पर दिया जाए पेमेंट का कारण
दरअसल, एक केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने RBI को सुझाव दिया है कि वो चेक के नए प्रोफॉर्मा पर विचार करे, जिसमें पेमेंट के कारण के साथ-साथ अन्य जानकारियां भी हों ताकि चेक बाउंस के मामले में उचित न्यायिक निर्णय लिया जा सके.
नया प्रोफॉर्मा तैयार करे RBI
उन्होंने कहा, ‘चेक की विश्वसनीयता को सुनिश्चित करने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि चेक का दुरुपयोग नहीं हो सके. भारतीय रिजर्व बैंक चेक के नए प्रोफॉर्मा तैयार करने पर विचार कर सकता है, जिसमें पेमेंट के कारण के बारे में पता चल सके. साथ ही इसमें अन्य जानकारियां हों, ताकि इनके आधार पर उचित न्यायिक निर्णय लिया जा सके.’
इन जानकारियों को भी किया जाए शामिल
दोनों जजों की बेंच ने इस बात पर भी विचार किया कि एक इन्फॉर्मेशन शेयरिंग मैकेनिज्म भी तैयार किया जाना चाहिए, जिसमें आरोपी की जांच के लिए बैंक जरूरी जानकारियों को साझा कर सकें. इसमें अकाउंटहोल्डर की e-Mail ID, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और पर्मानेन्ट एड्रेस जैसी जानकारियां हो सकती हैं. लाइवलॉ ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी दी है.
वर्तमान में किसी भी बैंक के चेक पर बैंक का नाम, अकाउंट नंबर, अकाउंट होल्डर का साइन, बैंक का आईएफएसी कोड, बैंक ब्रांच का एड्रेस आदि ही होता है.