कर्ज लेने वालों को बड़ी राहत! अभी NPA नहीं होगा आपका बैंक लोन, कल मोरेटोरियम पर सुनवाई करेगा SC

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक अंतरिम आदेश में कहा है कि अगर कोई बैंक लोन अकाउंट अगस्‍त 2020 तक नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) घोषित नहीं किया गया है तो उसे दो महीने और राहत दी जाए. वहीं, बैंकों की ओर से मोरेटोरियम (Moratorium) अवधि बढ़ाने की घोषणा नहीं की गई है. इस पर कोर्ट 10 सितंबर को सुनवाई करेगा.

नई दिल्‍ली. कोरोना संकट के दौरान रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंक कर्जधारकों को राहत देते हुए लोन मोरेटोरियम (Moratorium) सुविधा शुरू की. इसके तहत ग्राहकों को 31 अगस्‍त तक ईएमआई (EMI) चुकाने से राहत दे दी गई. अब ये सुविधा खत्‍म हो चुकी है. लॉकडाउन के दौरान लाखों लोगों की नौकरी चली (Job Loss) गई तो करोड़ों का रोजगार ठप हो गया. वहीं, कंपनियां वेतन कटौती (Salary Cut) भी कर रही हैं. इससे काफी लोग अभी भी ईएमआई भरने की स्थिति में नहीं हैं. मोरेटोरियम सुविधा खत्‍म होने के बाद लोगों के पास बैंकों से ईएमआई चुकाने के लिए मैसेज, फोन कॉल्‍स और ई-मेल्‍स आने शुरू हो गए हैं. इससे लोगों को अपने बैंक लोन अकाउंट को नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) घोषित किए जाने का डर सता रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में ग्राहकों को अंतरिम राहत दी है.

सुप्रीम कोर्ट ने दो महीने लोन को एनपीए घोषित नहीं करने का दिया आदेश
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक अंतरिम आदेश में कहा है कि अगर कोई बैंक लोन अकाउंट (Loan Account) अगस्‍त 2020 तक एनपीए घोषित नहीं किया गया है तो उसे दो महीने और छूट दी जाए. अप्रत्‍यक्ष तौर पर माना जा सकता है कि लोन मोरेटोरियम की सुविधा अक्‍टूबर तक के लिए बढ़ गई है. हालांकि, इसके तहत सिर्फ इतना होगा कि बैंक फिलहाल आपका लोन एनपीए घोषित नहीं कर सकते हैं. लेकिन, आपको किस्‍त भरने के लिए फोन कॉल्‍स, मैसेज या ई-मेल्‍स आने जारी रह सकते हैं. वहीं, लेट पेमेंट फीस (Late Payment Fees) या ब्‍याज पर ब्‍याज वसूले जाने को लेकर भी स्थिति साफ नहीं है. सुप्रीम कोर्ट मोरेटोरियम समेत इन तमाम मुद्दों पर कल यानी 10 सितंबर को सुनवाई करेगा.

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केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, दो साल तक बढ़ाया जा सकता है मोरेटोरियम
लोन मोरेटोरियम पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देते हुए कहा था कि मोरेटोरियम को दो साल तक बढ़ाया जा सकता है. बता दें कि कोरोना संकट के बीच आरबीआई ने 27 मार्च को एक सर्कुलर जारी कर कर्जधारकों को तीन महीने के लिए किस्‍तों का भुगतान नहीं करने की छूट दी थी. इसके बाद 22 मई को इस छूट को 31 अगस्त तक के लिए बढ़ाने की घोषणा कर दी गई. बता दें कि रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक, अगर किसी लोन की किस्त 90 दिन तक नहीं चुकाई जाती तो उसे एनपीए मान लिया जाता है. कुछ फाइनेंशियल इंस्‍टीट्यूशंस के मामले में यह अवधि 120 दिन होती है. आसान शब्‍दों में समझें तो अगर किसी लोन की ईएमआई तीन महीने तक नहीं भरी जाती है तो बैंक उसे फंसा हुआ कर्ज मान लेते हैं.

 

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