आरबीआई एमपीसी का फैसला:नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं, रेपो रेट 4% पर बरकरार, नाबार्ड-एनएचबी को 10 हजार करोड़ की अतिरिक्त लिक्विडिटी
: गोल्ड ज्वेलरी पर कर्ज की वैल्यूू बढ़ाई गई, आम आदमी को होगा फायदा, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI-Reserve Bank of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC-Monetary Policy Committee) ने आज बड़ा फैसला सुनाया है.
नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI-Reserve Bank of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC-Monetary Policy Committee) ने ब्याज दरों पर फैसला सुना दिया है. ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया. हालांकि, इस साल की बात करें तो रिजर्व बैंक ने लॉकडाउन को देखते हुए 2 बार में ब्याज दरों में 1.15 फीसदी की कटौती की है.
RBI का फैसला- RBI ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट 4% पर बरकरार है. MPC ने सर्वसम्मति से ये फैसला किया है. रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर बरकरार है. MSF, बैंक रेट 4.25% पर बरकरार है.
#WATCH live: RBI Governor Shaktikanta Das addresses the media https://t.co/QmpDzOeQkX
— ANI (@ANI) August 6, 2020
क्यों नहीं कम हुई ब्याज दरें- एक्सपर्ट्स का कहना है कि जून में बढ़ी महंगाई दर को देखते हुए यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि RBI इस बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा. इस साल जून में एनुअल इनफ्लेशन रेट मार्च के 5.84 फीसदी के मुकाबले बढ़कर 6.09 फीसदी हो गयी. यह RBI के मीडियम टर्म टारगेट से ज्यादा है. RBI का यह टारगेट 2-6 फीसदी है.
Reverse repo rate also remains unchanged at 3.3%: RBI Governor Shaktikanta Das https://t.co/Z6EnJlO6u6
— ANI (@ANI) August 6, 2020
भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकवरी शुरू- आरबीआई पॉलिसी समीक्षा के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI-Reserve Bank of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि देश में आर्थिक सुधार शुरू हो गया है. उन्होंने बताया अच्छी बात ये हैं कि भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. जबकि, दुनियाभर की अर्थव्यवस्था में तेज गिरावट आई है. जनवरी से लेकर जून तक बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की आर्थिक स्थिति बेहद खराब रही. अच्छी पैदावार से ग्रामीण इकोनॉमी में रिकवरी आने की उम्मीद है. कर्ज की दरों में बड़ी गिरावट देखी गई.
सभी आशंकाओं को दरकिनार करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) ने रेपो रेट को 4 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला लिया है। दास ने बताया कि एमपीसी ने यह फैसला एकमत से लिया है। इसके अलावा रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट 4.25 फीसदी और बैंक रेट 4.25 पर बरकरार रखा गया है।
मई-जून में अर्थव्यवस्था में रिकवरी के संकेत
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मई और जून में अर्थव्यवस्था में रिकवरी के संकेत दिख रहे हैं। शक्तिकांत दास ने बताया कि सभी सदस्य नीतिगत दरों में बदलाव के पक्ष में नहीं थे। उन्होंने कहा कि बेहतर मानसून के चलते एग्री सेक्टर में ग्रोथ की उम्मीद है। कमजोर घरेलू मांग के कारण आयात में गिरावट रही है।
अन्य खास बातें
- वित्त वर्ष 2021 की दूसरी छमाही में महंगाई घटने की आशंका।
- कोविड-19 के बढ़ते मामलों के कारण वैश्विक आर्थिक गतिविधियां नाजुक बनी हुई हैं।
- आर्थिक गतिविधियों में सुधार होना शुरू हो गया था, लेकिन संक्रमण के कारण लॉकडाउन लगने से गतिविधियों में ब्रेक लगा है।
- सप्लाई चेन बाधित है। सभी सेगमेंट में महंगाई स्पष्ट दिख रही है।
- अप्रैल 2020 से चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में इकोनॉमिक ग्रोथ में गिरावट रहेगी।
- खाने-पीने की महंगाई बढ़ने की आशंका बरकरार।
- नाबार्ड और नेशनल हाउसिंग बैंक को 10 हजार करोड़ रुपए की विशेष अतिरिक्त लिक्विडिटी की फैसिलिटी।
- हाल में किए गए कटौती के प्रयासों से अर्थव्यवस्था को सहारा।
- शर्तों में ढील के कारण कटौती का ज्यादा फायदा मिला।
- पर्याप्त लिक्विडिटी से म्यूचुअल फंड को भी फायदा मिला।
- 1 मार्च को तनावग्रस्त एमएसएमई को रिस्ट्रक्चरिंग स्कीम का फायदा मिलेगा।
- कुछ लोन के रिस्ट्रक्चरिंग के लिए स्पेशल विंडो मुहैया कराई जाएगी।
- जून 2019 के नियमों के तहत लोन रिस्ट्रक्चरिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
- चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के ऋणात्मक रहने का अनुमान।
- मार्च 2021 में समाप्त होने वाले इस वित्त वर्ष में भी जीडीपी ऋणात्मक रहने की संभावना।
रघुराम राजन ने RBI को चेताया, Loan Moratorium बंद नहीं हुआ तो फाइनेंशियल क्राइसिस का बढ़ जाएगा खतरा
इससे पहले HDFC के चेयरमैन दीपक पारेख ने भी कहा था कि RBI को मोरटोरियम और बढ़ाने का फैसला नहीं करना चाहिए. पारेख का RBI से निवेदन किया था कि वह मोरटोरियम की सुविधा को और ना बढ़ाए. फिलहाल 31 अगस्त तक मोरटोरियम लागू है.
6 महीने तक दी जा चुकी है मोरटोरियम की सुविधा
22 मई को RBI ने और तीन महीनों के लिए मोरटोरियम की सुविधा बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया था. इस हिसाब से अब तक मोरोटोरियम के 6 महीने हो चुके हैं. कोरोनावायरस संक्रमण और लॉकडाउन के बीच लोगों को कैश की दिक्कत ना हो इसलिए सरकार ने मोरटोरियम की सुविधा शुरू की थी.
रघुराम राजन ने RBI की तारीफ
इस आर्थिक सुस्ती और कोरोनावायरस संक्रमण के दौर में RBI की तारीफ करते हुए रघुराम राजन ने कहा, RBI की क्रेडिबिलिटी की वजह से रुपया नहीं गिरा है. आज RBI अपनी मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू जारी करने वाला है. रघुराम राजन का मानना है कि RBI इस बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा और महंगाई से निपटने की कोशिश करेगा.