Paytm के संस्थापक ने Google पर लगाया आरोप! कहा- अपने पेमेंट बिजनेस को बढ़ाने के लिए किया ऐसा काम

Paytm को Google प्ले स्टोर से हटाए जानें पर पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने गूगल पर अपने पेमेंट बिजनेस को बढ़ाने के लिए एकाधिकार का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है.

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नई दिल्ली. Google ने लोकप्रिय पेमेंट ऐप पेटीएम (Paytm) को शुक्रवार को अपने प्ले स्टोर से हटा दिया था. हालांकि कुछ घंटों बाद इसे फिर से रीस्टोर कर दिया गया. लेकिन अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी गूगल की इस हरकत से नाराज पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा (Vijay Shekhar Sharma) ने गूगल पर एकाधिकार का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि गूगल ने अपने पेमेंट बिजनेस को बढ़ाने के लिए अपने दबदबे का दुरुपयोग किया है और अनुचित तरीके से ग्राहकों को अपनी ओर खींचने की कोशिश की.

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार, शर्मा ने कहा कि उनकी कंपनी ने कुछ भी गलत नहीं किया. उन्होंने पेटीएम को 30 करोड़ से अधिक ग्राहकों को भरोसा दिया कि उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है. उन्होंने दावा किया कि गूगल ने नोटिस देने से पहले पेटीएम के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की. बता दें कि गूगल के पेमेंट ऐप गूगल पे (Google Pay) और पेटीएम (Paytm) के बीच कड़ी टक्कर है.

गूगल ने बताई थी ये वहज

शर्मा ने कहा कि उनके पास पावर है और वो निश्चित रूप से हमें परेशान कर रहे हैं. गूगल ने यह हरकत खुद को लाभ पहुचाने और पेटीएम को नए ग्राहक जोड़ने से रोकने के लिए की है. उन्होंने गूगल पर अपने फायदे के लिए काम करने का आरोप लगाया. गूगल ने पेटीएम को प्ले स्टोर से हटाने के पीछे वजह बताई थी कि उस पर सट्टेबाजी हो रही थी. लेकिन शर्मा ने दावा किया कि उनके ऐप ने कुछ भी गलत नहीं किया है.

एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम के जरिए देश के 97% स्मार्टफोन इकोसिस्टम पर गूगल का नियंत्रण है. गूगल पर भारत के कानून लागू नहीं होते हैं, यह अपनी ही नीति चलाता है. Google का हेडक्वार्टर अमेरिका के माउंटेन व्यू में है. उन्होंने कहा कि पेटीएम में चीन का अलीबाबा ग्रुप सबसे बड़ा निवेशक है. शर्मा ने कहा कि सरकार आत्मनिर्भर भारत पर जोर दे रही है और उसे देखना चाहिए कि किसी विदेशी कंपनी के हाथों घरेलू कारोबार प्रभावित न हो.

उन्होंने कहा, “जब हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं तो हमें यह सोचना चाहिए कि भारतीय कंपनियों को भारतीय कानूनों द्वारा नियंत्रित और संरक्षित किया जाएगा या कुछ अन्य देश की नीति हमारे संचालन को नियंत्रित करेगी. अमेरिका की शक्तिशाली कंपनियां हमें अपने ढंग से नहीं चला सकती हैं.

 

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