बिल का डिजिटल पेमेंट करने पर मिलेगी बंपर छूट, 1 अप्रैल से शुरू होगी नई स्कीम!

जीएसटी बिल डिजिटल पेमेंट मोड से छूट देने की स्कीम 1 अप्रैल से शुरू हो सकती है. UPI, BHIM, RuPay कार्ड से पेमेंट देने पर उपभोक्ता को कैशबैक या डिस्काउंट मिलेगा. डिजिटल पेमेंट पर उपभोक्ता को 20 तक का कैशबैक मिलेगा.

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नई दिल्ली. गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) बिल डिजिटल पेमेंट मोड (Digital Payment Mode) से देने पर छूट की सुविधा 1 अप्रैल से शुरू हो सकती है. नई स्कीम के तहत उपभोक्ताओं को 20 फीसदी तक का कैशबैक (Cashback) मिलेगा. यूपीआई (UPI), BHIM, रुपे कार्ड (RuPay Card) से पेमेंट देने पर छूट मिलेगी. सरकार (Government) ने ग्राहकों को हाथों-हाथ डिस्काउंट (Discount) देने वास्ते सिस्टम बनाने के लिए स्टार्ट-अप फिनटेक कंपनियों (FinTech Companies) के लिए चैलेंज लॉन्च किया है. इस सिस्टम को बनाने वाली फिनटेक कंपनियों को 3 लाख रुपये का इनाम भी मिलेगा.

ग्राहकों को हाथों-हाथ मिलेगा कैशबैक या डिस्काउंट
जीएसटी बिल डिजिटल पेमेंट यानी UPI, BHIM, RuPay कार्ड से देने पर उपभोक्ता को कैशबैक या डिस्काउंट मिलेगा. डिजिटल पेमेंट पर उपभोक्ता को 20 तक का कैशबैक मिलेगा. पिछले साल नवंबर में जीएसटी काउंसिल (GST Council) ने इसकी मंजूरी दी थी.

सिस्टम बनाने वाली कंपनी को मिलेगा 3 लाख रुपये का इनाम
सरकार ने फिनटेक स्टार्टअप कंपनियों को प्रूफ ऑफ कन्सेप्ट देने को कहा है. फिनटेक कंपनियां 28 फरवरी तक सरकार को आवेदन दे सकती हैं. सिस्टम बनाने वाली कंपनी को 3 लाख रुपये का इनाम भी मिलेगा. सरकार का इरादा इसे एक अप्रैल से शुरू करने का है. इससे डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा. बिल होने से सरकार को पूरा जीएसटी मिलेगा. डिस्काउंट के चलते ग्राहक डिजिटल मोड से पेमेंट करेंगे.

जीएसटी चोरी रोकने के लिए उठाए जाएंगे ये कदम
सरकार जीएसटी की चोरी रोकने को प्रवर्तन उपायों को सख्त करने की तैयारी कर रही है. इसी के तहत केंद्र और राज्य सरकारों के कर अधिकारी प्रवर्तन कार्रवाई के लिए करदाताओं के बारे में सूचनाओं को साझा करेंगे. अभी राज्यों के कर अधिकारी डेढ़ करोड़ रुपये से कम के सालाना कारोबार के करीब 90 प्रतिशत मामलों को देखते हैं. वहीं डेढ़ करोड़ से कम के कारोबार के शेष दस प्रतिशत मामले केंद्रीय कर अधिकारी देखते हैं. वहीं ऐसे आयकरदाता जिनका सालाना कारोबार डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक है उनमें केंद्र और राज्यों का नियंत्रण 50:50 का है.

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