इसके साथ ही हर सामान की कीमत निर्धारित करनी होगी. पैकिंग प्रक्रिया को बेहतर बनाना होगा. इसके बाद ही दुकानदार को ऑनलाइन फूड डिलीवरी के क्षेत्र में जानी मानी कंपनी स्विगी से जोड़ा जाएगा. इसके पीछे सरकार का मकसद स्ट्रीट फूड वेंडर को न सिर्फ तकनीकी रूप से सशक्त बनाना है बल्कि उनकी इनकम के नए रास्ता खोलना भी है.
इन 5 बड़े शहरों में शुरु होने जा रही है यह योजना
अब स्ट्रीट फूड के शौकीनों को घर बैठे अपने लजीज़ व्यंजनों का स्वाद लेने का मौका मिलने जा रहा है. नई योजना में पहले अहमदाबाद, चैन्नई, दिल्ली, इंदौर और वाराणसी में पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसकी शुरुआत की जाएगी. शुरुआत में इन पांच शहरों के 250 वेंडर्स इस पायलट प्रोग्राम से जुड़ेंगे. इससे सोशल डिस्टेंसिंग और दुकानों तक आने-जाने का झंझट भी नहीं रहेगा. लेकिन जैसे-जैसे योजना का दायरा बढ़ेगा. इससे जुड़ने वाले वेंडर भी बढ़ते जाएंगे. सरकार की मंशा करीब 50 लाख से ज़्यादा स्ट्रीट फूड वेंडर को इस योजना से जोड़ने की है.