नई दिल्ली. ओला की कार चलाने वाले ड्राइवरों को बड़ी राहत मिली है. जो ड्राइवर ओला की सब्सिडियरी ओला फ्लीट टेक्नोलॉजीज की खरीदी कारें चलाते हैं, उन्हें लीज रेंटल से छूट दी गई है. कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन के कारण मुश्किलों का सामना कर रहे ड्राइवरों को इससे राहत मिलेगी. कैब एग्रीगेटर ने अपने 30,000 से ज्यादा ड्राइवरों को कंपनी की खरीदी कारों को अपने लीजिंग प्रोग्राम के तहत निर्धारित स्टेशनों पर वापस करने का विकल्प दिया है. साथ ही वह मासिक किस्त में 15 मार्च से छूट दे रही है.
पिछले दो हफ्तों में कंपनी ने देशभर में पार्किंग स्टेशन और सुरक्षा तंत्र का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है ताकि ड्राइवरों से अस्थायी रूप से कारों को वापस लिया जा सके. मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने यह जानकारी दी. जहां तक ड्राइवरों का सवाल है तो यह वाहन के प्रबंधन के उनके खर्च को कम करेगा. इसमें लीजिंग कॉस्ट और पार्किंग का खर्च शामिल है. इसके अलावा उन्हें इस बीच कोई दूसरी नौकरी खोजने में भी फ्लेक्सिबिलिटी मिलेगी. इससे ओला को भी अपने एसेट बचाने में मदद मिलेगी.
कैसे लीज पर मिलती हैं कारें?
अपने लीजिंग प्रोग्राम के तहत ओला ड्राइवरों को लॉन्ग टर्म लीज पर कारों को लेने का विकल्प देती है. इसके लिए एकमुश्त डिपॉजिट और 700 रुपये से लेकर 1,500 रुपये तक की डेली रेंटल राशि ली जाती है जो कार के मॉडल पर निर्भर करती है. ड्राइवर की कुल कमाई से डेली रेंटल अमाउंट को अपने आप काट लिया जाता है और बाकी की रकम उसके खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है.
क्या हैं शर्तें?
लीज पर कार को देते समय ओला फ्लीट टेक्नोलॉजी नॉन-रिफंडेबल चार्ज के तौर पर 4,000 रुपये और 21,000 से 31,000 रुपये के तौर रिफंडेबल सिक्योरिटी डिपॉजिट कराती है. ओला ने कहा कि वह एक योजना पर काम कर रही है. इसके तहत अगर ड्राइवर या उसके जीवनसाथी में कोरोना वायरस संक्रमण मिलता है तो उन्हें 30,000 रुपये तक की आर्थिक मदद दी जाएगी.