नई दिल्ली. दिल्ली-एनसीआर ही नहीं अब देश के ज़्यादातर राज्यों में शादी समारोह के लिए आने वाले मेहमानों की संख्या को लिमिटेड कर दिया गया है. दिल्ली-एनसीआर में 50 मेहमानों की अनुमति है तो यूपी में 100 मेहमान ही शादी में शामिल हो सकते हैं. हालांकि वेडिंग संघर्ष समिति ने इसका भी रास्ता निकाल लिया है. अगर आप शादी में अपने 500 मेहमानों को दावत खिलाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको मैरिज होम मैनेजर से बात करनी होगी. मैनेजर के ‘आओ दावत खाओ और जाओ’ के फॉर्मूले पर काम करना होगा.
3 नहीं 5 घंटे तक चलानी होगी दावत- मैरिज हॉम संचालक रिजवान खान ने बताया कि जब हमने बुकिंग की थी तो उस वक्त यूपी में 200 तक मेहमानों की छूट थी. लेकिन अब अचानक से 100 हो गई. अब हम लड़की पक्ष को यही सलाह दे रहे हैं कि आप दावत दो-तीन घंटे चलाने के बजाए कम से कम 5 घंटे चलाइए. साथ ही एक बार में पंडाल के अंदर 100 से ज़्यादा लोगों को मत रखिए. वहीं 4-5 लोगों को सिर्फ इस काम पर लगा दिजिए कि जो मेहमानों को सरकारी फरमान का हवाला देकर खाना खाते ही उन्हें विदा कर दें.
यहां फंस रहा है वेडिंग संघर्ष समिति का पेंच- यूपी में बनी वेडिंग संघर्ष समिति के अध्यक्ष मनीष अग्रवाल लगातार प्रशासन से बातचीत कर रहे हैं. आओ दावत खाओ और जाओ का फार्मूला भी तैयार है, लेकिन संघर्ष समिति का यह फार्मूला एक जगह आकर फंस जाता है. वो यह है कि सरकार द्वारा दी गई 100 मेहमानों की अनुमति एक शादी में कुल 100 मेहमानों की है या फिर एक वक्त में एक पंडाल के अंदर सिर्फ 100 लोग ही होने चाहिए बाकी आते-जाते रहें. यह अभी सरकारी आदेश में साफ नहीं है. इसके लिए अधिकारियों ने भी वेडिंग संघर्ष समिति को ऊपर के अधिकारियों से बात करने के बाद ही कुछ हल निकालने की बात कही है.
एक शादी में इतने लोग हो सकेंगे शामिल- एक शादी में लड़का और लड़की दोनों पक्षों को मिलाकर कुल 50 लोगों की अनुमति होगी. मतलब 25 लड़का पक्ष से और 25 लड़की पक्ष से. इसके साथ ही 2 पंडित या काज़ी आ सकते हैं. 2 डीजे स्टाफ के लोग. 2 डेकोरेशन, 5 होटल स्टाफ से और 8 लोग केटर्स स्टाफ से एक शादी में शामिल हो सकते हैं. क्या बारात में आने वाले बैंडबाजे और घोड़ी के साथ आया व्यक्ति भी वर पक्ष के खाते में जाएगा, यह सवाल अधिकारियों से बहुत पूछा जा रहा है. इस बारे में प्रशासनिक अधिकारियों ने साफ किया है कि इन लोगों को वर पक्ष के खाते में नहीं जोड़ा जाएगा.
शादी में शामिल होगा कोरोनाकर्मी- जहां भी कोई शादी-समारोह होगा तो उससे पहले अनुमति लेनी होगी. इसके साथ ही समारोह स्थल का पता और उसका टाइम भी दर्ज कराना होगा. पता इसलिए पूछा जा रहा है कि जब कार्यक्रम शुरु होगा तो प्रशासन की तरफ से एक कोविड कर्मी उस शादी में मौजूद रहेगा. यह कोविड कर्मी पूरे समारोह पर निगाह रखेगा और जैसे ही समारोह में संख्या 50 से ऊपर हुई तो आयोजक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.
भारत में एक शादी पर औसतन 5 लाख से लेकर 5 करोड़ रुपए तक का खर्च आता है. भारत में सिर्फ डेस्टिनेशन वेडिंग का सलाना कारोबार 45,000 करोड़ रुपए के आसपास का है.
भारतीय शादियों में प्री-वेडिंग शूट का कल्चर तेजी से बढ़ रहा है. भारत में एक प्री-वेडिंग शूट के साथ वेडिंग फोटोग्राफी पर औसतन 15,000 से लेकर 1 लाख तक का खर्च आता है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि शादी का फैशन इंडस्ट्री से भी सीधा नाता है.
भारतीय शादियों में ज्यादा खर्च करने पर यकीन रखते हैं. यही वजह है कि भारत में वेडिंग फैशन लग्जरी का 1 बिलियन डॉलर का मार्केट है.