राहत: दिवालिया प्रक्रिया के लिए तय समय में लॉकडाउन की अवधि को नहीं जोड़ा जाएगा
इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया (IBBI) ने शुक्रवार को जानारी दी है कि दिवालिया प्रक्रिया के लिए तय किए गए सकय में लॉकडाउन की अवधि को नहीं जोड़ा जाएगा. इसे 29 मार्च से ही लागू कर दिया गया है.
नई दिल्ली. इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया (IBBI) ने लॉकडाउन के बीच कुछ नियमों में बदलाव किया है. इस बदलाव के बाद बैंकरप्सी रिजॉल्युशन एंड लिक्विडेशन प्रोसेस के लिए कंपनियों को दिए गए समय में लॉकडाउन की अवधि को नहीं जोड़ा जाएगा. मतलब साफ है कि दिवालिया प्रक्रिया के लिए कंपनियों को लॉकडाउन में बीते समय की वजह से दबाव नहीं बढ़ेगा.
29 मार्च से होगा लागू
IBBI ने शुक्रवार को एक नोटिफिकेशन के जरिए इस संशोधन के बारे में जानकारी दी है. इसमें कहा गया कि किसी टास्क के लिए इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्युशन प्रोसेस फॉर कॉरपोरेट पर्सन्स रेग्युलेशन, 2016 और लिक्विडेशन प्रोसेस रेग्युलेशन, 2016 के तजत लॉकडाउन की अवधि को नहीं जोड़ा जाएगा. इस बदलाव को 29 मार्च से लागू करने की जानकारी दी गई है.
लॉकडाउन की वजह से आ रहीं थी दिक्कतें
बैंकरप्सी कोड के तहत किसी दिवालिया प्रक्रिया के लिए 330 दिनों का समय दिया जाता है. इसी अवधि में दिवालिया प्रक्रिया को पूरा किया जाता है. दरअसल, लॉकडाउन की वजह मीटिंग्स और अन्य जरूरी कामों को पूरा करने में दिक्कतें आ रही है, इसी को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है.
तय टाइमलाइन के अंदर पूरी करनी होती है प्रक्रिया
IBBI के रेग्युलेशन के मुताबिक कॉरपोरेट लिक्विडेशन प्रोसेस को एक साल के अंदर पूरा किया जाना अनिवार्य है. हालांकि, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल इस अवधि को एक साल से अधिक समय के लिए बढ़ा सकता है. इस रेग्युलेशन में एक तय टाइमलाइन भी होती है, जिसके तहत प्रक्रिया के विभिन्न स्टेप्स को उसके तहत ही पूरा किया जाता है.
सरकार ने दी है राहत
हाल में केंद्र सरकार ने टैक्सेशन व अन्य कानून के लिए अध्यादेश 2020 लेकर आई थी, ताकि लॉकडाउन की वजह से जरूरी निमयों का सही से अनुपालन किया जा सके. इसके तहत टैक्सपेयर्स को इन्वेस्टमेंट करने और क्लेम करने के लिए अतिरिक्त समय भी दिया गया था. साथ ही बिजनेस को भी कई तरह के सबमिशन करने के लिए भी अतिरिक्त समय दिया गया था.