Yes Bank संकट को पहले ही भांप गया तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर ट्रस्ट, ऐसे बचाए 1300 करोड़!

आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के तिरुमला में तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर (Tirupati Venkateswara Mandir) ट्रस्ट का एक कदम अब उसके लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं हुआ है.

हैदराबाद. यस बैंक संकट से ठीक पहले ही आंध्र प्रदेश के तिरुमला में तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर ट्रस्ट का एक कदम उसके लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं हुआ है. दरअसल, इस मंदिर के ट्रस्ट ने कुछ महीने पहले ही यस बैंक से 1300 करोड़ रुपये निकाले थे. वाईवी सुब्बा रेड्डी  ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (Tirumala Tirupati Devasthanams) का अध्यक्ष बनने के तुरंत बाद अधिकारियों से कहा कि वो यस बैंक में जमा रकम निकाल लें. इस ट्रस्ट ने 4 प्राइवेट बैंकों में फंड जमा करा रखा है, जिसमें से यस बैंक भी एक है.

मुख्यमंत्री को भी दी जानकारी
सुब्बा रेड्डी ने इन प्राइवेट बैंकों (Private Banks) की फाइनेंशियल पोजीशन परखने के बाद यस बैंक से 1300 करोड़ रुपये निकालने का फैसला किया था. हालांकि, उन्हें इस फैसले के लिए ट्रस्ट के अन्य सदस्यों का दबाव भी झेलना पड़ा. उन्होंने इस मामले के बारे में मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी (YS Jagan Mohan Reddy) को अवगत कराया था. मुख्यमंत्री से बात करने के बाद ही उन्होंने यस बैंक से यह रकम निकालने का आदेश दिया था.

दुनिया का दूसरा सबसे अमीर ट्रस्ट है TTD

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम, जिसे संक्षेप में TTD के रूप में जाना जाता है, एक स्वतंत्र ट्रस्ट है जो आंध्र प्रदेश के तिरुमला में तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर का प्रबंधन करता है. ट्रस्ट दुनिया के दूसरे सबसे अमीर और सबसे ज्यादा जाने वाले धार्मिक केंद्र के संचालन और वित्त की देखरेख करता है. यह विभिन्न सामाजिक, धार्मिक, साहित्यिक और शैक्षिक गतिविधियों में भी शामिल है. TTD का मुख्यालय तिरुपति में है और इसमें लगभग 16,000 लोग कार्यरत हैं.

1 महीने तक यस बैंक से नहीं निकाल सकते हैं 50 हजार से अधिक

बता दें कि यस बैंक की वित्तीय हालत को देखते हुए 5 मार्च को केंद्र सरकार ने प्र​तिबंध लगा दिया है. सरकार के इस फैसले के बाद इस बैंक का कोई भी डिपॉजिटर (Yes Bank Depositors) अपने अकाउंट से 50 हजार रुपये से अधिक रकम नहीं निकाल सकता है. यस बैंक पर यह प्रतिबंध 3 अप्रैल 2020 तक के लिए लगाया गया है. सरकार ने यस बैंक पर यह प्रतिबंध लगाने के बाद डिपॉजिटर्स को आश्वस्त किया है कि उन्होंने चिंता करने की कोई बात नहीं है. बैंक में उनका डिपॉजिट बिल्कुल सुर​क्षित है.

कौन हैं वाईवी सुब्बा रेड्डी, जिन्होंने यस बैंक से मोटी रकम निकाल बालाजी को बचाया
  • अगर देश में यस बैंक की खस्ता हालत और पैसा निकालने के लिए परेशान होते ग्राहकों की खबरें हैं तो उसी के बीच एक खबर दक्षिण भारत में छाई हुई है कि किस तरह कुछ ही महीने पहले तिरुपति के बालाजी यानी भगवान वेंकटश्वरा स्वामी की 1300 करोड़ रुपये की रकम बीमार हो गए यस बैंक से निकाल ली गई. इस फैसले के पीछे थे वाईवी सुब्बा रेड्डी.
  • कौन हैं वाईवी सुब्बा रेड्डी. वो तिरुमला तिरुपति देवस्थानम यानी टीटीडी के चेयरमैन हैं. टीटीडी ही वो ट्रस्ट है, जो तिरुपति तिरुमला में भगवान बालाजी की सारी गतिविधियों को संचालित करता है. इस पूरे इलाके पर उसी का नियंत्रण है. आमतौर पर इस धार्मिक शहर की ज्यादातर गतिविधियां उसी के इशारों पर चलती हैं.

बालाजी का पैसा निकालने के फैसला सही निकला
टीटीडी देश के सबसे धनी धार्मिक ट्रस्ट में है. जिस तरह कुछ ही महीनों में तिरुपति के भगवान बालाजी के 1300 करोड़ रुपये यस बैंक से निकाले गए, उससे हर कोई चकित है कि कैसे भगवान बालाजी के इस ट्रस्ट ने सही समय पर सही फैसला लिया. हालांकि इस फैसले में सबसे बड़ी भूमिका वाईवी सुब्बा रेड्डी की रही है.

सुब्बा रेड्डी पर विवाद भी हुआ था
उन्होंने हाल ही में टीटीडी के चेयरमैन का पदभार संभाला है. इसको लेकर विवाद भी रहा. वो पूर्व सांसद हैं और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन के रिश्तेदार भी.

चार प्राइवेट बैंकों में हैं बालाजी का हजारों करोड़ का धन 
तिरुपति तिरुमला देवस्थानम के पास हजारों करोड़ रुपये हैं. हर साल धार्मिक चंदे से उसे सैकड़ों करोड़ रुपये मिलते हैं. वो इस रकम को चार प्राइवेट बैंकों में जमा करता है, जिसमें यस बैंक भी है. जब आंध्र प्रदेश में तेलुगुदेशम का शासन था, तब से ही भगवान बालाजी को आया नकद चढ़ावा इन्हीं बैंकों में जमा होता रहा है.

बालाजी का पैसा निकालने पर विरोध भी हुआ

कुछ महीने पहले जब यस बैंक की हालत डांवाडोल होने की खबरें आने लगीं तो सुब्बा रेड्डी ने इस बैंक की हालत का विश्लेषण किया. इसके बाद अपने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यस बैंक से टीटीडी की सारी रकम निकाल ली जाए. हालांकि इसका उस समय विरोध भी हुआ. उन पर ऐसा नहीं करने का खासा दबाव था. इसके बाद भी उन्होंने ऐसा किया.

अब पूरे देश के सामने यस बैंक के गहरे वित्तीय संकट में आ जाने की खबरें आ रही हैं. रिजर्व बैंक ने यस बैंक के बोर्ड को भंग करके खुद उसका नियंत्रण संभाल लिया है और बैंक कस्टमर्स को निर्देश दिया गया है कि वो 03 अप्रैल तक बैंक खाते से केवल 50000 की रकम ही निकाल सकते हैं.

जगनमोहन के अंकल हैं सुब्बा रेड्डी
हालांकि जब वाईवी सुब्बा रेड्डी को मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने तिरुपति का चेयरमैन बनाया था तो ये आरोप लगे थे कि सुब्बा रेड्डी खुद भी ईसाई हैं, इसलिए उन्हें ये जिम्मेदारी नहीं दी जा सकती. हालांकि बाद में सुब्बा रेड्डी ने इसका खंडन किया और बताया कि वो ईसाई नहीं हैं. दरअसल जगनमोहन के परिवार ने काफी समय पहले ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया था और उनकी गहरी आस्था अब इस धर्म में है.

आरोप लग रहा था कि वह ईसाई हैं
रिश्ते में सुब्बा उनके अंकल हैं. खासकर उनके ईसाई होने की अटकलें तब लगनी शुरू हुईं जब वो टांगातूर के एक चर्च की प्रार्थनसभा में शिरकत करने गए थे. उनके विकीपीडिया पेज को लेकर भी विवाद रहा. तब टीवी9 को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने इसका खंडन करते हुए कहा, ‘मैं हिंदू पैदा हुआ और हिंदू ही मरूंगा. मेरे खिलाफ जिस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं वो आघात पहुंचाने वाले हैं.’

उन्होंने ये भी कहा, ‘मैं हर कुछ महीने बाद सबरीमाला दर्शन करने के लिए जाता रहा हूं. नियमित तौर पर शिरडी जाता हूं. किसी को अगर मेरे धर्म पर कोई संशय हो तो हैदराबाद में मेरे घर पर आए तो खुद उसे मेरे धर्म का अंदाज हो जाएगा.’ बाद में इस विवाद में कूदते हुए भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, ‘मैं जानता हूं सुब्बा पक्के हिंदू हैं.’

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