RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा- अगली तिमाही में GDP ग्रोथ निगेटिव से पॉजिटिव होने की उम्मीद
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने मॉनेट्री पॉलिसी के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि अगली तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ निगेटिव से पॉजिटिव में लौट आएगी.
नई दिल्ली. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि कोरोना संकट से अब देश की अर्थव्यवस्था ऊबर चुकी है. अगली तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ निगेटिव से पॉजिटिव में लौटने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि आरबीआई ने अगली तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 0.10 फीसदी कर दिया है. वहीं, चौथी तिमाही यानी जनवरी-मार्च 2021 के दौरान देश की जीडीपी ग्रोथ 0.70 फीसदी रहने का अनुमान है. हालांकि, पूरे साल के लिए जीडीपी ग्रोथ -7.5 फीसदी रह सकती है. उन्होंने बताया कि भारतीय सरकार की ओर से जारी राहत पैकेज से आर्थिक ग्रोथ रिकवरी आई है.
GDP ग्रोथ मार्च तिमाही में पॉजिटिव हो जाएगी-देश की दिग्गज ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने गुरुवार को जारी इकोस्कोप रिपोर्ट में दिया है. ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि कोविड-19 की दूसरी लहर आने की चिंता बनी हुई है लेकिन आर्थिक गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं. इससे GDP ग्रोथ मार्च तिमाही में पॉजिटिव हो जाएगी.
अगले साल भारत की जीडीपी ग्रोथ में जोरदार तेजी की उम्मीद –भारत जैसे उभरते बाजारों (Emerging Markets) में अगले साल आर्थिक तरक्की की रफ्तार काफी तेज रह सकती है. मॉर्गन स्टैनली ने अपनी रिसर्च रिपोर्ट में इमर्जिंग मार्केट्स की एवरेज जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) 7.4% रहने का अनुमान दिया है. दिग्गज अमेरिकी फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी की रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में इन मार्केट्स की इकनॉमिक ग्रोथ को खास तौर पर पाँच फैक्टर्स का सपोर्ट मिलेगा.
पहला फैक्टर, ज्यादातर अहम उभरते बाजारों में फिर से बड़े पैमाने पर लॉकडाउन होने का कम खतरा है. जनवरी 2021 से कोविड-19 का वैक्सीन लोगों की पहुंच में आ जाने से भी ग्रोथ में तेजी आएगी.इसके अलावा विकसित देशों (Developed Markets) में विदेशी सामान और सेवाओं की मांग बढ़ने से भी तरक्की की रफ्तार को बढ़ावा मिलेगा.
आरबीआई गवर्नर ने कहा-अगस्त में इमर्जिंग मार्केट्स का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई (Manufacturing PMI) एक बार फिर से एक्सपैंशन मोड में यानी 50 से ऊपर चला गया. अगले महीने यानी सितंबर में उनका इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन रेट पॉजिटिव हो गया और अक्टूबर में सर्विसेज पीएमआई (Services PMI) विकसित बाजारों के लेवल पर पहुंच गया.
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ब्याज दरों में क्यों नहीं हुआ बदलाव-भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की दिसंबर की मौद्रिक समीक्षा बैठक में एक बार फिर मुख्य ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया. यह फैसला खुदरा महंगाई क उच्च स्तर को देखते हुए लिया गया है. खुदरा मुद्रास्फीति इस समय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है. यह लगातार तीसरी बार है, जब भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली 6 सदस्यों की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट को जस का तस छोड़ा है. रेपो रेट 4%, रिवर्स रेपो रेट 3.35%, कैश रिजर्व रेशियो 3% और बैंक रेट 4.25% के स्तर पर बरकरार हैं.
रिजर्व बैंक की मौद्रिक समिति ने उम्मीद जताई है कि आने वाले दिनों में महंगाई दर एक सीमित दायरे में बनी रहेगी. इस बार खरीफ फसल की बंपर पैदावार होने की उम्मीद है. मानसून अच्छा रहने की वजह से फसल की रिकॉर्ड उपज हो सकती है.
आरबीआई गर्वनर ने कहा है कि एमपीसी ने मुदास्फीति को तय लक्ष्य के भीतर रखने के साथ टिकाऊ बढ़ोत्तरी को रिवाइव करने और कोविड-19 के असर को कम करने के लिए मौद्रिक नीति में जरूरत के हिसाब से उदार रखने का फैसलाकिया है. यह चालू वित्त और अगले साल तक जारी रह सकता है.