नई दिल्ली. सरकार जल्द सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के लिए 10,000 करोड़ रुपये के एक वृहत कोष (फंड आफ फंड्स) को मंजूरी देगी. केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि यह कोष शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होने की मंशा रखने वाले और धन जुटाने के इच्छुक उच्च क्रेडिट रेटिंग वाले एमएसएमई में 15 प्रतिशत तक इक्विटी हिस्सेदारी खरीदने के लिए होगा.
उन्होंने बताया कि अलग से भी एक योजना बनाई जा रही है जिसके तहत एमएसएमई को उनके सालाना कारोबार, निर्यात और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) भुगतान के आधार पर क्रेडिट रेटिंग दी जाएगी. गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी या कोई अन्य सरकारी निकाय इस कोष का नियंत्रण करेगा.
उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि इस कोष के धन का इस्तेमाल एएए यानी ट्रिपल ए रेटिंग वाले एमएसएमई करें. एमएसएमई मंत्री ने कहा, ‘‘10,000 करोड़ रुपये के कोष के प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है. इसे जल्द केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास मंजूरी के लिए रखा जाएगा.’’
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पीएचडी चैंबर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के साथ बैठक में गडकरी ने उद्योग जगत से कहा कि वे कोई भी मांग रखने से कोविड-19 की वजह से पैदा हुए आर्थिक संकट के बीच सरकार और बैंकों की वित्तीय स्थिति को भी देखें.
गडकरी ने कहा, ‘‘सरकार भी वित्तीय संकट से जूझ रही है. कई राज्य सरकारों के पास अपने कर्मचारियों का अगले महीने का वेतन देने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं है. बैंकों के लिए भी स्थिति चुनौतीपूर्ण है.’’