दुनिया की बड़ी रेटिंग एजेंसी S&P ने कहा- भारत की GDP ग्रोथ दो साल में 8.5% पर पहुंच सकती है

फिच रेटिंग (Fitch Ratings) के बाद अब ग्लोबल रेटिंग कंपनी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (S&P) ने भारत की अर्थव्यवस्था पर भरोसा जताया है. S&P का मानना है कि भारत फिर से दुनिया की सबसे तेज आर्थिक ग्रोथ करने वाला देश बनेगा.

नई दिल्ली. दुनिया की बड़ी रेटिंग एजेंसी एसएंडपी यानी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (S&P-Standard and Poors) ने भारत का आउटलुक स्टेबल पर बरकार रखा है.  साथ ही, रेटिंग BBB पर स्थिर है. एसएंडपी ने कहा है कि वित्त वर्ष 2021 में भले ही भारत की GDP ग्रोथ निगेटिव हो जाए. लेकिन वित्त वर्ष 2022 में ग्रोथ रेट 8.5 फीसदी रह सकती है. हालांकि S&P ने इस बात के लिए जरूर चेताया है कि कमजोर फाइनेंशियल सेक्टर और लेबर मार्केट इस ग्रोथ को नुकसान पहुंचा सकता है.

  • रेटिंग एजेंसी ने हाल ही में कहा था कि भारत सरकार ने कोरोना वायरस (Coronavirus Pandemic) के खिलाफ जो कदम उठाया है वह अहम है लेकिन आमदनी घटने से वित्तीय स्थिति कमजोर हो सकती है.
  • S&P ने कहा था कि आमदनी घटने और कोरोनावायरस की वजह से फिस्कल ईयर 2021 में फिस्कल डेफेसिट बढ़कर GDP का 11 फीसदी तक जा सकता है .इस रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि भारत की मजूबत लोकतांत्रिक संस्थाएं नीतिगत मामलों में स्थिरता को बढ़ावा देती हैं. भारत के बारे में अपनी रिपोर्ट में उसने कहा है कि ये चीजें कम प्रति व्यक्ति आय के चलते कमजोर हालात से भारत मजबूती और संतुलन देती हैं.

उसने कहा है, हालांकि, लंबी अवधि में भारत के ग्रोथ रेट को लेकर जोखिम बढ़ रहा है, लेकिन आर्थिक सुधार को अच्छी तरह से जारी रखने से भारत का ग्रोथ रेट दूसरे देशों के मुकाबले ज्यादा रहेगा.

क्या अब  भारत की रेटिंग- एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की ‘BBB-‘ लॉन्ग टर्म और ‘A-3’ सॉवरेन रेटिंग बरकरार रखी है. उसने लंबी अवधि में भारत के आउटलुक को स्थिर बताया है. उसने कहा है कि भारत की रेटिंग उसकी औसत से ज्यादा जीडीपी ग्रोथ का संकेत देती है. उसने भारत के बाहरी (एक्सटर्नल) प्रोफाइल को भी ठोस बताया है.

रेटिंग से क्या होगा भारत पर असर- स्टेलब आउटलुक से यह भी संकेत मिलता है कि कई साल तक ऊंचे स्तर पर रहने के बाद सरकार के राजकोषीय घाटे में वित्त वर्ष 2021 में कमी आएगी. इस महीने की शुरुआत में मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने भारत की फॉरेन-करेंसी और लोकल-करेंसी लॉन्ग टर्म इश्यूअर रेटिंग को बीएओ2 से घटाकर बीएए3 कर दी थी.

एसएंडपी ने कहा है, अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 का असर पड़ने से भारत की राजकोषीय स्थिति और कमजोर होगी. हमें इस साल राजकोषीय घाटा काफी ज्यादा रहने की आशंका है. उसके बाद तीन साल तक अर्थव्यवस्था में मजूबती देखने को मिलेगी.

उसने यह भी कहा है कि लंबी अवधि में भारत के स्टेबल (स्थिर) आउटलुक से इस उम्मीद को मजबूती मिलती है कि भारत की अर्थव्यवस्था कोविड-19 की महामारी से उबर जाएगी. यह देश अपना नेट एक्सटर्नल पॉजिशन बनाए रखेगा.

फिच रेटिंग को भी भारत की GDP ग्रोथ 9.5 फीसदी होने की उम्मीद- इससे पहले फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) के पूर्वानुमान के मुताबिक, अगले फिस्कल ईयर में भारतीय GDP की ग्रोथ रेट 9.5 फीसदी रह सकती है. फिच रेटिंग्स ने कहा कि भारत के फाइनेंशियल सेक्टर की हालात अगर आगे और खराब ना हो तो ग्रोथ रेट में जबरदस्त तेजी आ सकती है. कोरोनावायरस महामारी की वजह से फिस्कल ईयर 2020-21 में ग्रोथ रेट पर काफी दबाव है. इस फिस्कल ईयर के लिए फिच का अनुमान है कि इकोनॉमिक ग्रोथ रेट में 5 फीसदी तक कमी आ सकती है.

 

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