कोरोना के इलाज के लिए भारत में दूसरी दवा को मिली मंजूरी, अब Hetero पेश करेगी इंजेक्शन

DCGI ने फार्मा कंपनी हेटेरो को भी कोविड-19 इलाज के लिए वायरल रोधी रेमडेसिवीर पेश करने की अनुमति दी है. हेटेरो ने में बताया कि इस दवा को कोविफोर ने से भारतीय बाजारमें पेश किया जाएगा.

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नई दिल्ली. दवा कंपनी हेटेरो (Hetero) कोविड-19 के इलाज के लिए वायरल रोधी परीक्षणगतदवा रेमडेसिवीर (Remdesivir) पेश करेगी. कंपनी ने रविवार को कहा कि उसे इसके लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक DCGI) की अनुमति मिल गई है. हेटेरो ने बयान में कहा कि कंपनी को DCGI से रेमडेसिवीर के विनिर्माण और विपणन की अनुमति मिल गई है.

कोविफोर ब्रांड के नाम से बाजार में होगी पेश
रेमडेसिवीर के जेनेरिक संस्करण की भारत में ब्रिकी ‘कोविफोर’ ब्रांड नाम से की जाएगी. बयान में कहा गया है कि DCGI ने बालिगों और बच्चों में संदिग्ध या पुष्ट कोविड-19 के मामलों या फिर इसके संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती लोगों के इलाज के लिए इस दवा को अनुमति दे दी है. कंपनी ने कहा कि भारत में कोविड-19 के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है.

इंजेक्शन में रूप में होगी उपलब्ध

ऐसे में कोविफोर को अनुमति पासा पलटने वाली साबित हो सकती है, क्योंकि इसके क्लिनिकल नतीजे काफी सकारात्मक रहे हैं. हेटेरो ग्रुप ऑफ कंपनीज के चेयरमैन बी पार्थ सराधी रेड्डी ने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करेंगे कि यह उत्पाद जल्द देशभर के मरीजों को उपलब्ध हो सके.’’ उन्होंने कहा कि कंपनी मौजूदा जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करेगी. यह दवा 100 mg की शीशी (इंजेक्शन) के रूप में उपलब्ध होगी. इस उत्पाद को भारतीय बाजार में गिलेड साइंसेज इंक के साथ लाइसेंसिंग करार के तहत उतारा जा रहा है.

ग्लेनमार्क ने लॉन्च की है टैबलेट
बता दें कि पिछले दिन ही ग्लेनमार्क ने भी माइल्ड कोविड-19 वाले मरीजों के लिए एक दवा को लॉन्च किया है. शुक्रवार को इस दवा के लिए ग्लेनमार्क को डीसीजीआई से मंजूरी मिली थी. ग्नलेनमर्का ने FabiFlu नाम की इस दवा की कीमत 103 रुपये प्रति टैबलेट रखी है. FabiFlu कोविड-19 की इलाज के लिए मंजूरी प्राप्त करने वाली पहली Favipiravir दवा है. इस दवा का इस्तेमाल पहले दिन डॉक्टर्स की सलाह पर 1,800 mg दो बार किया जा सकता है. इसके बाद अगले 14 दिन तक 800 mg का डोज़ (FabiFlu Dose) दिन में दो बार दिया जाएगा.

खुशखबरी: भारतीय कंपनी ने बना ली कोरोना की दवा, 103 रुपये प्रति टैबलेट है कीमत

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नई दिल्ली. फार्मा कंपनी ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स (Glenmark Pharmaceuticals) ने शनिवार को बताया कि उसने एंटीवायरल ड्रग Favipiravir लॉन्च कर दिया है. कंपनी ने इस दवा का नाम FabiFlu रखा है, जिसका इस्तेमाल कोविड-19 से मामूली संक्रमण वाले लोगों के लिए किया जा सकता है. कंपनी ने इस दवा की कीमत 103 रुपये प्रति टैबलेट रखी है. ग्लेनमार्क ने बताया कि 200 mg के 34 टैबलेट वाले एक स्ट्रिप की कीमत 3,500 रुपये होगी.

FabiFlu कोविड-19 की इलाज के लिए मंजूरी प्राप्त करने वाली पहली Favipiravir दवा है. इस दवा का इस्तेमाल पहले दिन डॉक्टर्स की सलाह पर 1,800 mg दो बार किया जा सकता है. इसके बाद अगले 14 दिन तक 800 mg का डोज़ (FabiFlu Dose) दिन में दो बार दिया जाएगा.

शुक्रवार को मिली थी मंजूरी
ग्लेनमार्क इस दवा को हिमाचल प्रदेश के बड्डी फैसिलिटी में बना रही है. कंपनी ने बताया कि इस दवा को हॉस्पिटल्स और रिटेल चैनल के जरिए उपलब्ध कराया जाएगा. मुंबई की इस दवा कंपनी ने शुक्रवार को कहा था कि उसे ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से मैन्युफैक्चरिंग और उत्पादन की मंजूरी मिल गई है.

बढ़ते संक्रमण पर रोक लगाने में मिलेगी मदद
ग्लेनमार्क के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक ग्लेन सालदान्हा ने कहा, ‘इस दावा की मंजूरी एक ऐसे समय पर मिली है, जब देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले लगतार तेजी से बढ़ रहे हैं. इससे हेल्थकेयर​ सिस्टम पर जबरदस्त दबाव बढ़ गया है.’ कंपनी ने उम्मीद जताई है कि इस दबाव को कम करने में FabiFlu मदद करेगा और देश में कोविड-19 से संक्रमित होने वाले लोगों को राहत मिल सकेगी. उन्होंने कहा कि ग्लेनमार्क सरकार और मेडिकल कम्युनिटी के साथ लगातार काम करेगी ताकि FabiFlu को देशभर के मरीजों के लिए उपलब्ध कराया जा सके.

ग्लेनमार्क ने कहा कि उसने FabiFlu दवा के लिए एक्टिव फार्मास्युटिकल्व इनग्रेडिएंट्स (API – Active Pharmaceuticals Ingredients) को सफलतापूर्वक तैयार कर लिया है. कंपनी ने यह काम अपने रिसर्च और डेवलपमेंट ​टीम की दम पर किया है.

क्यों कंपनी ने इस दवा पर काम शुरू किया?
कंपनी ने कहा कि उसने सबसे पहले Favipiravir पर काम इसलिए करना शुरू किया क्योंकि इसमें ​कृत्रिम-परिवेश (In-Vitro) में SARS CoV2 से लड़ने की क्षमता दिखाई दी. इसका दूसरा कारण यह भी है कि अगर इसे सही डोज़ में दिया जाए तो यह कोविड-19 के खिलाफ चिकित्सकीय रूप से सुरक्षित भी है. इस दवा की एक खास बात यह भी है कि यह टैबलेट के रूप में है और हॉस्पिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर दबाव के दौरान यह कारगर होगा.

मरीज की सहमति के बिना नहीं होगा इस दवा का इस्तेमाल
कोविड-19 आउटब्रेक की इमरजेंसी की स्थिति को देखते हुए त्वरित मंजूरी प्रक्रिया के तहत इस दवा की मैन्युफैक्चरिंग और मार्केटिंग की मंजूरी मिली है. इस दवा की मंजूरी के साथ एक शर्त यह भी है कि इलाज से पहले मरीज को अपनी तरफ से सहमति हस्ताक्षर करना होगा. Favipiravir का इस्तेमाल उन मरीजों के लिए भी किया जा सकता है जिन्हें कोरोना संक्रमण है और वो डायबिटीज़ या हॉर्ट डिजीज़ के मरीज हैं.

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