कोरोना काल में खर्चे से नहीं हिचकेगी सरकार, राहत पैकेज पर चल रहा काम : सीतारमण

GDP में करीब 24 फीसदी की गिरावट के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि अर्थव्यवस्था के लिए चुनौतियां कम नहीं हुई हैं. मंत्रालय मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए त्वरित कदम उठा रहा है. उम्मीद की जा रही है कि बहुत जल्द ही दूसरे राहत पैकेज का ऐलान हो.

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नई दिल्ली. कोरोना वायरस महामारी के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को बड़ा धक्का लगा है. देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से अप्रैल-जून तिमाही के लिए जारी आंकड़ों से पता चलता है कि सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 23.9 फीसदी की गिरावट आई है. ऐसे में वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) के पास अर्थव्यवस्था को रिकवर करने की सबसे बड़ी चुनौती है. कोविड-19 संकट में ऐसा कोई सेक्टर नहीं है, जहां बेहतर स्थिति होगी. उम्मीद की जा रही है बहुत जल्द केंद्र सरकार अगले राहत पैकेज का भी ऐलान कर दे. इस बीच ​केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने एक इंटरव्यू में कहा है कि अर्थव्यवस्था के लिए कई तरह की चुनौतियां हैं. अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि मौजूदा महामारी कब तक खत्म होगी. खासतौर पर एक ऐसे में समय में जब कोई वैक्सीन नहीं आई है.

वित्त मंत्री ने कहा कि बीते 6 महीने में चुनौतियां कम नहीं हुई हैं, बल्कि इन चुनौतियों का नेचर बदल गया है. पहले की तुलना में वित्त मंत्रालय अब तेजी से कदम उठा रहा है. उन्होंने कहा कि कई कारणों से प्रति 10 लाख लोगों पर मृत्यु दर (Mortality Rate) कम रहा. अर्थव्यवस्था के लिए जोखिम उठाने को लेकर वित्त मंत्री ने कहा है कि सरकार में इसे लेकर कोई ​हिचकिचाहट नहीं है. हम सही समय पर प्रोत्साहन (Stimulus) देंगे.

विदेशी बाजारों के लिए मांग बढ़ रही
इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि अभी तक कोई वैक्सीन नहीं आई है और ऐसे रिपोर्ट भी आ चुके हैं कि कुछ लोग दूसरी बार भी संक्रमित हो रहे हैं. इन सबको लेकर छोटे से लेकर बड़े स्तर के उद्यमियों में अ​निश्चितता देखने को मिल रही है. वित्त मंत्री ने इस इंटरव्यू में कहा कि प्रवासी मजदूर अब शहरों की तरफ वापस लौट रहे हैं. गामेंर्ट्स, अपैरेल व निर्यात संबंधी इंडस्ट्रीज में श्रमिक लौट रहे हैं. घरेलू मांग की तुलना में विदेशी मांग (Foreign Demand) बढ़ने की वजह से भी कुछ सेक्टर्स में काम अब तेजी देखने को मिल रही है.

ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी राहत
अर्थव्यवस्था को ग्रामीण क्षेत्रों से राहत मिल रही है. यहां पर आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से शुरू हो चुकी हैं. यह केवल कृक्षि क्षेत्र के लिए ही नहीं बल्कि गैर-कृ​षि क्षेत्र में भी देखने को मिल रही है.

रातों-रात खत्म होने वाला पैकेज नहीं था आत्मनिर्भर भारत पैकेज
वित्त मंत्री ने कहा कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT – Direct Benefit Transfer) की वजह से हमें इस बात की चिंता नहीं थी कि लाभार्थियों तक पैसे पहुंचेगा या नहीं. उन्होंने कहा ​कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज कहने के लिए केवल एक पैकेज था, लेकिन उसमें कई सेक्टर्स और कई तरह के ऐलान थे. यह ऐसा नहीं था कि हमारे ऐलान के 24 घंटे के अंदर ही सबकुछ खत्म भी हो गया. राहत पैकेज आज भी काम रोलआउट हो रहा है.

टूरिज्म सेक्टर पर सबसे बुरा असर
कोविड-19 से बुरी तरह से प्रभावित टूरिज्म, हॉस्पिटेबिलिटी और होटल व रेस्टोरेंट्स सेक्टर पर उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा असर इन्हीं पर पड़ा है. उन्होंने कहा कि सैलानियों के नहीं होने से टूरिज्म सेक्टर अभी भी ठप पड़ा है. कुछ हफ्तों में सीजन शुरू हो जाएगा. डोमेस्टिक टूरिस्ट अब धीरे—धीरे आ रहे हैं, खासकर मेट्रो शहरों में रहने वाले. होटल और रेस्टोरेंट इंडस्ट्री में फूड टेकअवे अब बढ़ रहा है.

 

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