1 अप्रैल से बदल रहे हैं GST, मोबाइल और PF समेत ये 8 नियम, आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असर

1 अप्रैल से शुरू हुए नए फाइनेंशियल ईयर (New Financial Year 2020-21) में कई चीज़े बदल गई हैं. अब नया इनकम टैक्स सिस्टम भी लागू हो गया है. साथ ही कई टैक्स हटा दिए गए हैं. इनका फायदा भी आम आदमी को मिलेगा.

नई दिल्ली. एक अप्रैल से नया फाइनेंशियल ईयर (New Financial Year 2020-21) शुरू हो रहा है. नए वित्त वर्ष में कई नियम चेंज हो जाएंगे, जिनके बदलने से आपकी रोजमर्रा की जिंदगी पर असर होगा. टैक्स से लेकर गैस सिलेंडर और बैंकों के मर्जर तक सभी चीजों बड़ा फेरबदल होगा.

आइए आपको एक-एक कर बताते है की एक अप्रैल से क्या-क्या बदल रहा है.

(1) नया इनकम टैक्स सिस्टम होगा लागू
बजट 2020-21 में सरकार ने वैकल्पिक दरों और स्लैब के साथ एक नई आयकर व्यवस्था (New Income Tax Regime) शुरू की, जो 1 अप्रैल से शुरू होने वाले नये वित्तीय वर्ष से प्रभावी हो जाएगी. नई कर व्यवस्था में कोई छूट और कटौती का लाभ नहीं मिलेगा. हालांकि नई कर व्यवस्था वैकल्पिक है यानी करदाता चाहे तो वह पुराने टैक्स स्लैब के हिसाब से भी आयकर अदा कर सकता है. वहीं नए कर प्रस्ताव के तहत 5 लाख रुपये सालाना आय वाले को कोई कर नहीं देना है. 5 से 7.5 लाख रुपये सालाना आय वालों के लिए टैक्स की दर 10%, 7.5 से 10 लाख रुपये की आय पर 15%, 10 लाख रुपये से 12.5 लाख रुपये पर 20%, 12.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये की आय पर 25% और 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% की दर से कर लगेगा.

(2) रिटायरमेंट के 15 साल बाद पूरी पेंशन का प्रावधान 
छह लाख से ज्‍यादा ईपीएस पेंशनर्स के लिए अच्‍छी खबर है. 1 अप्रैल से EPS पेंशनर्स को ज्यादा पेंशन मिलेगी. सरकार ने रिटायरमेंट के 15 साल बाद पूरी पेंशन का प्रावधान बहाल कर दिया है. इस नियम को 2009 में वापस ले लिया गया था. श्रम मंत्रालय ने नए नियमों को अधिसूचित कर दिया है. इसके अलावा कर्मचारी भविष्‍य निधि (ईपीएफ) स्‍कीम के तहत पीएफ खाताधारकों (PF Account holders) के लिए पेंशन के कम्यूटेशन यानी एकमुश्त आंशिक निकासी का प्रावधान भी अमल में आ गया है. यह कदम खासतौर से उन ईपीएफओ पेंशनर्स के लिए फायदेमंद साबित होगा जो 26 सितंबर, 2008 से पहले रिटायर हुए हैं और पेंशन की आंशिक निकासी का विकल्‍प चुना है. कम्‍यूटेड पेंशन का विकल्‍प चुनने की तारीख से 15 साल बाद उन्‍हें पूरी पेंशन का फायदा दोबारा मिलने लगेगा.

(3) बैंकों का होगा मर्जर

नुकसान में चल रहे बैंकों का मर्जर हो गया है. देश में अब सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 रह गई है. विलय के तहत ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स (OBC) और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (United Bank of India) का विलय पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में, सिंडिकेट बैंक (Syndicate Bank) का केनरा बैंक (Canara Bank) में, आंध्रा बैंक (Andhra Bank) और कॉरपोरेशन बैंक (Corporation Bank) का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) और इलाहबाद बैंक (Allahabad Bank) का इंडियन बैंक (Indian Bank) में विलय हो गया है. इस मर्जर के बाद सबसे ज्यादा असर ग्राहकों पर पड़ेगा क्योंकि खाताधारकों के बैंक अकाउंट नंबर से लेकर IFSC कोड तक सब बदल जायेगा.

(4) मोबाइल होगा महंगा
इसके अलावा मोबाइल कीमतों पर नई जीएसटी दरें लागू होंगी. 1 अप्रैल से मोबाइल खरीदने वाले ग्राहकों को ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे क्योंकि 1 तारीख से मोबाइल पर 12 फीसदी की जगह 18 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा.

(5) BOI ने ब्याज दरों में की बड़ी कटौती
बैंक ऑफ इंडिया ने रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा नीतिगत ब्याज दरों में कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों को देने का फैसला किया है. BOI ने रविवार को एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट्स में 75 बेसिस प्वाइंट्स यानी 0.75 फीसदी की कटौती की है. इस कटौती के बाद एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट घरकर 7.25 फीसदी हो गया. लेंडर्स एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट RBI के रेपो रेट से लिंक्ड है. ब्याज दरों में यह कटौती 1 अप्रैल से प्रभावी होगी. बता दें कि 27 मार्च को रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 75 बेसिस प्वाइंट की कटौती किया था, जिसके बाद यह 4.4 फीसदी के स्तर पर आ गया था.

(6) विदेशी टूर पैकेज के लिए TCS
1 अप्रैल, 2020 से विदेशी टूर पैकेज खरीदना और विदेशों में कोई भी फंड खर्च करना महंगा हो जाएगा. अगर कोई विदेशी टूर पैकेज खरीदता है या विदेशी करेंसी एक्सचेंज कराता है तो 7 लाख रुपये से अधिक की रकम पर टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (TCS) देना होगा. दरअसल, केंद्र सरकार ने आम बजट 2020 में सेक्शन 206C में संशोधन कर विदेशी टूर पैकेज और फंड पर 5 फीसदी TCS लगाने का प्रस्ताव दिया.

(7) खाना पकाना हो सकता है सस्ता, नेचुरल गैस की कीमतों पर फैसलाा संभव
1 अप्रैल से नेचुरल गैस कीमतों में बदलाव हो सकता है. ऐसा माना जा रहा है कि इस बार 1 अप्रैल को घरेलू गैस कीमतें में 25 से 30 फीसदी की कटौती हो सकती है. इस कटौती के बाद ये कीमतें तीन साल के निचले स्तर पर रह सकती हैं. इस बार 6 साल की सबसे बड़ी कटौती का अनुमान लगाया जा रहा है. आपको बता दें कि हर छह महीने में नेचुरल गैस की कीमतें तय होती है. अप्रैल और अक्टूबर में समीक्षा के बाद दाम तय किए जाते है. इससे घर में सप्लाई होने वाली पीएनजी और सीएनजी की कीमतों पर असर होता है.

(8) डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स में बदलाव (Dividend distribution tax) 
डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (Dividend distribution tax) के नियम में बदलाव होने जा रहा है. 1 अप्रैल के बाद से भारतीय कंपनियों के दिए गए डिविडेंड पर DDT नहीं लगेगा.

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